रामविलास पासवान के घर में ही बगावत

रामविलास पासवान पुत्र चिराग और दूसरी पत्नी रीना शर्मा के साथ 
एक शेर है:
दिल के फफोले जल उठे, सीने की                                     आग से,
इस घर को आग लग गयी, घर के                                 चिराग से। 
यह दलितों की राजनीति की आड़ में अपनी दुनियाँ बसाने वाले रामविलास पासवान पर शत-प्रतिशत सटीक बैठ रहा है। जिन्होंने एक घर को बर्बाद कर अपनी पहली पत्नी को छोड़ दिया और उससे अधिक हसीन महिला पर मन्त्रमुक्त हो गए। 
जमुई की सियासी चाल सीधी नहीं होती है। यहां पर्दे के पीछे से महारथियों के बीच शह-मात का खेल सालों भर जारी रहता है। बैटल फील्ड में कोई और होता है तो बैरकों में कोई और। जमुई में जदयू नेता नरेंद्र सिंह और राजद सांसद जय प्रकाश नारायण के बीच राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता दो दशक से जारी है। दोनों के अपने-अपने हित हैं। एक के दो पुत्र हैं तो दूसरे का भाई।
इसी चक्रव्यूह में केंद्रीय मंत्री एवं लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान के राजनीतिक वारिस चिराग पासवान फंसे हैं। उनके सामने झंझावातों से निकलने की फिर चुनौती होगी। जरूरी नहीं कि मतदाता पिछले चुनाव की रवायत को बरकरार रखें। 1चिराग को जमुई के दस्तूर का पूरा अहसास है। इसीलिए वह पिता के प्रताप, पहचान और प्रसिद्धि से अलग अपने क्षेत्र में पसीना बहा रहे हैं।
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चित्र साभार 
जमुई पर नजर तो कांग्रेस को छोड़कर जदयू में नए आए अशोक चौधरी और श्याम रजक की भी है, लेकिन गठबंधन की मजबूरी है। दोनों यहां से किस्मत आजमा चुके हैं। नरेंद्र सिंह की मंशा है कि जमुई में अशोक की जड़ गहरी हो ताकि उनके पुत्रों की राजनीति को दोबारा खाद-पानी मिल सके। किंतु राजग में पासवान की जरूरत और सियासत में कद के आगे ऐसा संभव नहीं है।
चिराग के स्वेच्छा से सीट बदलने के बाद ही दूसरे विकल्पों पर विचार किया जा सकता है। नरेंद्र के बड़े पुत्र अजय प्रताप पिछली बार जमुई से और छोटे पुत्र सुमित चकाई से विधायक रह चुके हैं। अजय अभी भाजपा में हैं और सुमित जदयू में।
Related imageदावेदारी को लेकर महागठबंधन में ज्यादा महाभारत है। पिछले चुनाव में राजद के टिकट पर सुधांशु शेखर भास्कर को दूसरे स्थान से संतोष करना पड़ा था। भास्कर पहले जदयू में थे। सुल्तानगंज से विधायक भी रह चुके हैं। बांका के राजद सांसद जय प्रकाश नारायण क्षेत्र में खुद की अहमियत बनाए रखने के लिए सुधांशु की दावेदारी को अनुकूल मानते हैं। जय प्रकाश के भाई विजय प्रकाश जमुई से विधायक हैं।
दामाद के बाद बेटी ने लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के अध्यक्ष राम विलास पासवान को झटका दिया। राम विलास पासवान की बेटी आशा पासवान ने ऐलान किया कि अगर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) उन्हें टिकट देगा तो 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में अपने पिता के खिलाफ हाजीपुर से चुनाव लड़ेगी। 
साथ ही आशा पासवान ने पिता रामविलास पासवान पर आरोप लगाया कि वह सिर्फ अपने बेटे और बिहार के जमुई से सांसद चिराग पासवान को ही प्रमोट करने में लगे हुए हैं। बेटी को नजरअंदाज कर रहे हैं। आशा ने कहा कि मेरे पिता ने हमेशा बेटियों के साथ भेदभाव किया है। आशा ने पटना में अपने घर पर टीओआई के रिपोर्टर को बताया कि मुझे उपेक्षित किया गया जबकि चिराग को एलजेपी पार्लियामेंट्री का नेता बनाया गया। अगर आरजेडी मुझे देगा तो मैं हाजीपुर से चुनाव लड़ूंगी।
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रामविलास पासवान की प्रथम पत्नी राजकुमारी देवी 
आशा, रामविलास पासवान की पहली पत्नी राज कुमारी देवी से हुई दो बेटियों में से एक हैं। उनकी दूसरी पत्नी का नाम रीना पासवान है। रीना से रामविलास को एक बेटा (चिराग) और एक बेटी है। रामविलास पासवान ने पहली पत्नी राज कुमारी देवी से 1981 में तलाक ले लिया था उसके बाद 1983 में अमृतसर की रहने वाली पंजाबी हिंदू रीना से शादी की। आशा पटना में रहती है। उसकी शादी अनिल साधु से हुई। अनिल एलजेपी के दलित सेना के बिहार यूनिट के अध्यक्ष थे। हाल ही में उन्होंने एलजेपी छोड़कर आरजेडी ज्वाइन किया है।
ज्ञात हो, 2014 के लोकसभा चुनाव में चुनाव हलफनामें में पत्नी के नाम पर उत्पन्न विवाद के बाद रामविलास पासवान ने खुद यह स्वीकार किया था कि उन्होंने अपनी पहली पत्नी को तलाक दे दिया। आशा देवी की शादी राजद नेता अनिल कुमार साधू से हुई है। अनिल कुमार साधू पूर्व विधायक स्व. पुनीत राय के इकलौते पुत्र हैं। पुनीत राय फतुहा विधानसभा सीट से लगातार पांच बार विधायक रहे हैं।
कभी अपने ससुर की पार्टी लोजपा में रहे अनिल साधू ने खुद को तिरस्कृत किए जाने को लेकर लोजपा छोड़ दी और राजद से जुड़ गए। वर्तमान में ये राजद के एसटी/एससी प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष हैं। रामविलास पासवान 17वीं लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ेगें। उन्हें राज्यसभा में भेजा जाएगा। ऐसे में हाजीपुर सुरक्षित सीट से रामविलास के छोटे भाई और लोजपा के प्रदेश अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस का हाजीपुर से चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है जिन्हें चुुनौती देने के लिए उनकी भतीजी आशा पासवान अभी से ही सक्रिय हैं।
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आशा ने अपने पिता के खिलाफ चुनाव लड़ने का ऐलान किया जबकि उनके पति यानी रामविलास के दामाद अनिल साधु ने मीडिया को बताया था कि वह भी ससुर के खिलाफ हाजीपुर से चुनाव लड़ना चाहते हैं। उन्होंने कहा, या तो मैं या मेरी पत्नी चुनाव लड़ सकती है। देखते हैं आरजेडी किसे टिकट देता है। साधु ने कहा, अनुसूचित जाति वोटर एलजेपी का बंधुआ मजदूर नहीं है। साथ ही उन्होंने कहा, मेरे पिता पुनित राय वर्ष 1980 से फतुहा विधानसभा सीट से लगातार पांच टर्म चुनाव जीते।
कह सकते हैं रामविलास पासवान अपनी पार्टी में भाई भतीजावाद करते आए हैं। चिराग के अलावा रामविलास के छोटे भाई पशुपति कुमार पारस बिहार एलजेपी के अध्यक्ष हैं। भतीजा प्रिंस राज पार्टी के छात्र यूनिट के अध्यक्ष हैं। उनके सबसे छोटे भाई राम चंद्र पासवान सांसद हैं।
Related imageराबड़ी देवी से माफ़ी माँगे, वरना आपके विरुद्ध आंदोलन करुँगी-- आशा पासवान 
लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष  और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान को उनकी अपनी बेटी आशा पासवान ने धमकी दी है बताया जा रहा है कि रामविलास पासवान के अंगूठा छाप वाले बयान पर उनकी बेटी आशा बेहद खफा हैं और उन्होंने अपने पिता रामविलास पासवान से कहा है कि वो राबड़ी देवी से माफी मांगे नहीं तो वो उनके खिलाफ वो आंदोलन करेंगी।
ram vilas paswan केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने शुक्रवार को आरक्षण के मुद्दे पर बोलते हुए कहा था कि अंगूठा छाप नेता मुख्यमंत्री बन जाते हैं इसपर रामविलास पासवान की बेटी आशा देवी का कहना है कि उनके पिता ने पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी पर निशाना साधते हुए पूरे महिला समाज को अपमानित किया है।
आशा पासवान यहीं नहीं रूकीं बल्कि उन्होंने कहा कि उनके पिता रामविलास पासवान को बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी से मांफी मांगना होगा नहीं तो वो अपने ही पिता के खिलाफ आंदोलन करने पर बाध्य होंगी और वो लोजपा कार्यालय के बाहर धरने पर बैठेंगी साथ ही उनके संसदीय क्षेत्र हाजीपुर में उनके खिलाफ प्रचार भी करेंगी।
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आशा ने इसके अलावा ये भी कहा कि उनकी मां को अंगूठा छाप होने के कारण ही उन्होंने छोड़ा था गौरतलब है कि आशा के पति साधु पासवान ने हाल ही में राजद की सदस्यता ग्रहण की है।
वहीं जीतन राम मांझी ने इस बयान को लेकर रामविलास पासवान पर तंज कसा है कयास है कि रामविलास पासवान के इस बयान के बाद बिहार में  अंगूठा छाप को लेकर  सियासत शुरू हो सकती है।
चिराग पासवान रामविलास की दूसरी शादी की संतान 
लोजपा नेता और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने दो शादियां की थी और चिराग पासवान उनकी दूसरी शादी की संतान हैं, उनकी पहली शादी 1960 में राजकुमारी देवी से तो दूसरी रीना से 1983 में हुई। 1981 में रामविलास पासवान ने अपनी पहली पत्नी को तलाक दे दिया था, उन्हें पहली शादी से दो बेटियां ऊषा और आशा हैं।
1983 में रामविलास पासवान ने रीना शर्मा से शादी की 

1983 में रामविलास पासवान ने रीना शर्मा से शादी की जो कि उस समय एयर होस्टेस थीं और पंजाबी हिंदू फैमली में जन्मीं थी। वो मूलत: अमृतसर की रहने वाली हैं। इस शादी से राम विलास पासवान को दो बच्चे एक बेटा और एक बेटी हैं, बेटे का नाम चिराग पासवान हैं।

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