
एक तरफ भाजपा को शिकस्त देने कांग्रेस और अन्य दल एक दूसरे के साथ गठबंधन में व्यस्त हैं, तो दूसरी तरफ कर्नाटक में हुए जेडीएस के साथ कांग्रेस गठबंधन में दरार पड़ गयी है। अब देखना यह है कि आखिर कब तक कर्नाटक में सरकार चलती है।
कांग्रेस इतिहास के अवलोकन करने पर यही ज्ञात होता है कि सरकारें गिराने में कांग्रेस का इतिहास रहा है। कर्नाटक में कोई नहीं बात नहीं।
कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन के बीच सबकुछ सही नहीं चल रहा है। जनवरी 28 को मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने यहां तक कह दिया कि मैं पद छोड़ने के लिए तैयार हूं। इसके बाद से कांग्रेस बैकफुट पर है और स्थिति संभालने में लगी हुई है। कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने कहा कि सहयोगी JDS से कोई परेशानी नहीं है और वह मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी से बात करेंगे।
मीडिया से बात करते हुए सिद्धारमैया ने कहा, 'आप (मीडिया) परेशानी पैदा करने वाले लोग हैं। आप एक व्यक्ति, दूसरे व्यक्ति और फिर तीसरे व्यक्ति से पूछते हैं। कोई परेशानी नहीं है; मैं एचडी कुमारस्वामी से बात करूंगा।'
दरअसल, जनवरी 28 को कुमारस्वामी ने न्यूज एजेंसी ANI से कहा, 'कांग्रेस के विधायकों का कहना है कि सिद्धारमैया उनके नेता हैं। कांग्रेस नेताओं को इन मुद्दों पर संज्ञान लेना होगा। मैं इसके लिए संबंधित व्यक्ति नहीं हूं। अगर वे इसे जारी रखना चाहते हैं, तो मैं पद छोड़ने को तैयार हूं। वे लाइन पार कर रहे हैं। कांग्रेस नेताओं को अपने विधायकों को नियंत्रित करना चाहिए।'
Karnataka Dy CM on 'Congress MLAs say Siddaramaiah is their leader'': Siddaramaiah has been best CM. He is our CLP leader. For the MLA, he (Siddaramaiah) is the CM. He has expressed his opinion. What is wrong in that? We are all happy with him (Karnataka CM HD Kumaraswamy).
Former Karnataka CM & Congress leader Siddaramaiah on 'Congress MLAs say Siddaramaiah is their leader': You (media) are the people who create trouble. You ask one person, then second person and then third person. There is no trouble, I will speak to HD Kumaraswamy
नौ महीने पहले कांग्रेस-जेडीएस ने बनाई सरकार
कर्नाटक में सरकार बनाने के लिए 113 विधायकों की जरूरत है. अभी कुमारस्वामी सरकार के साथ कांग्रेस के 80 और जेडीएस के 37 यानी कुल 117 विधायक हैं. जबकि 2 निर्दलीय विधायकों ने समर्थन वापस ले लिया है, वहीं बसपा का 1 विधायक पहले ही समर्थन वापस ले चुका है. वहीं बीजेपी के पास अभी 104 विधायक हैं।
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