यौन उत्पीड़न के मामले में महिलाएं भी बराबर की दोषी : अभिनेत्री टिस्का चोपड़ा

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आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ फिल्म समीक्षक 
अभिनेत्री टिस्का चोपड़ा का कहना है कि यौन उत्पीड़न के मामले में महिलाएं भी बराबर की दोषी होती हैं लेकिन वो सारा का सारा अपराध पुरुषों के सिर रख देती हैं।
उनका कहना है कि महिलाएं कुछ ज्यादा ही आरोप लगाती हैं। टिस्का का कहना है कि महिलाएं खुद ही अपने आप को शोषण की असुरक्षित स्थिति में ले जाती हैं, तो वो भी शोषण की दोषी हैं।
अक्सर ही हम सभी ने सुना है कि बॉलीवुड में काम पाने के लिए लड़कियों को काफी मेहनत करनी पड़ती है और ऐसे ही किसी को भी बॉलीवुड में काम नहीं मिल जाता. बॉलीवुड में काम करना हर लड़की का सपना होता है और कई बार अपने उस सपने को पूरा करने के लिए लड़की को अपने जिस्म को जरिया बनाना पड़ता है. जी हाँ, कई ऐसी अभिनेत्रियां हैं जिन्होंने इस बारे में खुलासा किया है. कई अभिनेत्रियों ने यह बात बताई है कि इंडस्ट्री में आने के लिए उन्होंने कितने पापड़ बेले और उन्हें क्या-क्या करना पड़ा. बॉलीवुड की कई एक्ट्रेस यह बता चुकी हैं कि उन्हें बॉलीवुड में आने के लिए प्रोडूसर से लेकर डायरेक्टर संग सोना भी पड़ा है.


टिस्का की इस राय पर सोशल मीडिया पर उनकी ट्रोलिंग शुरू हो गई। एक यूजर ने कहा, सुरक्ष‍ित जगह कहां है? ऑफिस में?, कार में? या घर में? उत्पीड़न क‍हीं भी हो सकता है। जानें लोगो ने अपनी और क्या राय दी।


A tentative ‘no’, a polite ‘no’, a ‘no’ that means ‘maybe’ and worst of a ‘no’ that means ‘yes.. just push me more and I will relent’..?
Lady, sexual assaut can happen anywhere..not just in hotel rooms..not neccessary that anyone listens no matter how emphatic the 'no ' is.
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A tentative ‘no’, a polite ‘no’, a ‘no’ that means ‘maybe’ and worst of a ‘no’ that means ‘yes.. just push me more and I will relent’..?
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प्रोड्यूसर के साथ सोने के बाद इस एक्ट्रेस को मिला काम

इन दिनों सोशल मीडिया पर #metoo के नाम से सोशल मीडिया पर एक अभियान चल रहा है जिसमें महिलाएं अपने साथ हुए यौन शोषण के बारे में बता रहीं हैं। इसी में आम लड़कियों के साथ कई जानी-मानी हस्तियां भी अपनी बात रख रही हैं। इसी पर टिस्का ने अपनी बात कही है।
'एक खराब ना का अर्थ हां है'
टिस्का ने कहा चोपड़ा ने कहा कि 'ये महिलाएं होटल के कमरों में क्यों जाती हैं? इन्हें खुद की सुरक्षा का खयाल नहीं? बतौर एक महिला मैं तो कहूंगी पहले खुद की रक्षा करो।' टिस्का ने एक ट्वीट में लिखा था, 'एक अस्थायी ना, विनम्र ना और ना का मतलब 'आशंका' हो सकती है। एक खराब ना का अर्थ हां है। मुझ पर थोड़ा और जोर दो मैं मान जाऊंगी।'
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आर.बी.एल.निगम, फिल्म समीक्षक बॉलीवुड में भले ही कितनी ही फिल्में बन जाई लेकिन साऊथ की फिल्मों का तोड़ नहीं है। साऊथ क.....



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Related imageट्वीट कर सोशल मीडिया पर हुईं ट्रोल
अपने इस ट्वीट के बाद टिस्का सोशल मीडिया पर ट्रोल हो गईं। उनके इस ट्वीट पर कई यूजर्स ने उनको लताड़ लगा दी। एक यूजर ने कहा, सुरक्ष‍ित जगह कहां है? ऑफिस में?, कार में? या घर में? उत्पीड़न क‍हीं भी हो सकता है। कई लड़कियों ने भी सोशल मीडिया पर टिस्का के इस बयान को असंवेदनशील कहा। एक यूजर ने लिखा कि फिल्म इंडस्ट्री में लड़कियों को क्या देखना पड़ता है, इस पर टिस्का खुद सच्चाई बता चुकी हैं और फिर भी वो ऐसा कह रही हैं तो ये दुखद है।
टिस्का खुद भी पहुंची थी प्रोड्यूसर के कमरे तक
टिस्का चोपड़ा ने भले ही अब कमरे तक जाने वाली लड़कियों को बराबर का दोषी ठहरा दिया हो लेकिन बीते साल उन्होंने खुलासा किया था कि वो एक फिल्म की शूटिंग के दौरान प्रोड्यूसर के कमरे में गईं थी।वहां उन्होंने प्रोड्यूस के साथ वो सब किया जो उसने चाहा। 
टिस्का ने यह बात एक इंटरव्यू के दौरान बताई. उन्होंने कहा कि करियर की शुरुआत में उन्हें प्रोडूसर के साथ हमबिस्तर होना पड़ा था क्योंकि उन्हें फिल्म चाहिए थी.

इस बात के लिए टिस्का को कभी कोई पछतावा भी नहीं हुआ क्योंकि उनका मानना है कि ऐसा सब करते हैं और उन्होंने ऐसा किया तो कोई बड़ी बात नहीं है. टिस्का को आप सभी ने दिल तो बच्चा है जी, किस्सा, तारे जमीन पर जैसी फिल्मों में देखा ही होगा.
टिस्का ने टेलीविजन पर कई शार्ट फिल्मों और सीरियल में अभिनय निभाया। उन्होंने बालाजी के शो कहानी घर-घर की, सरकार-रिश्तों की अनकही कहानी, अस्तित्व-एक प्रेम कहानी जैसे शोज में बेहतरीन अभिनय निभाया। टिस्का छोटे और बडे पर्दे पर अपने दमदार अभिनय के कारण खास जानी-जाती हैं।

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