
तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि 16वीं लोकसभा में तनाव, बेचैनी, विरोध रहा। कुछ अनुचित तो कुछ अच्छी बातें हुईं। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनका धैर्य प्रशंसनीय रहा और उन्होंने विपक्ष के नेताओं को भी बोलने का भरपूर अवसर दिया। बंदोपाध्याय ने कहा कि चुनाव के बाद पता नहीं क्या होगा लेकिन हमें उम्मीद है कि हम सत्ता में आएंगे।
बीजद के भर्तृहरि महताब ने इंदौर की महारानी अहिल्या बाई होलकर का उल्लेख करते हुए कहा कि इंदौर संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वालीं लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के अंदर भी वही जीवंतता दिखाई देती है। उन्होंने कहा कि स्पीकर के रूप में महाजन करुणामयी भी रहीं और दृढ़ भी रहीं। महताब ने कहा कि 2014 में देश की जनता ने पूर्ण बहुमत वाली सरकार दी, लेकिन खंडित विपक्ष दिया। सदन में सबसे बड़े दल के नेता को विपक्ष के नेता की संज्ञा नहीं दी जा सकी। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि भविष्य में ऐसा नहीं होगा। महताब ने कहा कि हमें आरोप-प्रत्यारोप को बुरे सपने की तरह भूलकर 2022 की तरफ देखना चाहिए, जब देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा होगा।
शिवसेना के आनंदराव अडसुल ने लोकसभाध्यक्ष की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनके मराठी होने पर भी हमें गर्व है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की भी तारीफ की और कहा कि उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम ऊंचा किया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि एक बार फिर बहुमत से एनडीए की सरकार देश में आएगी और विपक्ष भी मजबूत होगा।
केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने सदन में कामकाज संचालित करने के लिए स्पीकर की प्रशंसा की। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी तारीफ की और कहा कि सरकार ने पांच साल में जो काम किया है, उसके परिणाम आने वाले समय में दिखाई देंगे। उन्होंने कहा, ‘लोग मुझे मौसम वैज्ञानिक कहते हैं और मैंने तीन साल पहले ही कह दिया था कि 2019 में प्रधानमंत्री पद की कोई रिक्ति नहीं है और मोदी के नेतृत्व में फिर से सरकार बनेगी।’
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