
इस कारवाई की शुरुआत तड़के तीन बजकर 45 मिनट पर हुई और यह सुबह 4:05 बजे तक चली। 12 मिराज 2000 ने ग्वालियर एयरबेस से उड़ान भरी। 4 सुखोई-30MKI ने बरेली और हलवारा एयरबेस से उड़ान भरी। 2 मिड-एयर रिफ्यूएलर्स आईएल-78 ने आगरा से उड़ान भरी। भारतीय वायुसेना ने आगरा से एक फाल्कन AWACS और बठिंडा से एक स्वदेशी मिनी-AWACS भी तैनात किया। तकनीक के तहत एक विमान सुरक्षित दूरी पर उड़ते हुए लड़ाकू विमानों को दुश्मन के इलाके से जुड़ी जानकारी, कमांड और चेतावनी देने का काम करता है।
अवलोकन करें:-
भारतीय लड़ाकू विमानों को रोकने के लिए पाकिस्तान ने F-16 का इस्तेमाल किया, लेकिन भारतीय वायुसेना की फॉर्मेशन देखकर उसे वापस जाना पड़ा। साल 1971 के युद्ध के बाद भारतीय वायुसेना ने पहली बार पाकिस्तान के भीतर ऐसी कार्रवाई की है। दिल्ली स्थित वायुसेना मुख्यालय में पूरे अभियान की निगरानी की जा रही थी। वायुसेना प्रमुख बी एस धनोआ सहित सैन्य बल के कई आला अधिकारी इस दौरान मौजूद थे।
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