पुलवामा आतंकी हमला के बाद पूरी दुनियाभर में पाकिस्तान आतंकवाद के मामले में अलग-थलग पड़ता जा रहा है. आतंकवाद से लड़ रहे देशों ने पाकिस्तान से आतंकियों के खात्मे के लिए जरूरी प्रयास करने को कहा है. इसी बीच न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने अपने उस खबर का खंडन किया है जिसमे कहा गया था कि, तालिबान पाकिस्तान के साथ है और भारत को चेतावनी देते हुए कहा है कि, 'भारत और पाकिस्तान के बीच चल रही झड़पें अफगान शांति प्रक्रिया को प्रभावित करेंगी, खबर में आगे बताया गया था कि तालिबान ने भारत से पाकिस्तान में आतंकवादी शिविर के खिलाफ हवाई हमले के बाद किसी और सैन्य कार्रवाई से परहेज करने के लिए भी कहा है.
इसके बाद न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने ट्वीट करते हुए बताया कि' तालिबान और भारत से जुड़ी खबर को वापस लिया जा रहा है. खबर में जिस प्रवक्ता के नाम का जिक्र किया जा रहा है. उन्होंने रॉइटर्स को बताया कि हमने इस तरह का कोई भी बयान मीडिया को नहीं दिया है. इसके बाद रॉइटर्स ने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया है.
इससे पहले न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के हवाले से कहा गया था कि, तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्ला मुजाहिद ने एक बयान में कहा है कि, "भारत-पाकिस्तान के बीच इस तरह के संघर्ष के जारी रहने से अफगानिस्तान की शांति प्रक्रिया प्रभावित होगी." मुजाहिद ने कहा , "भारत को पाकिस्तान में किसी भी तरह की हिंसा नहीं करनी चाहिए क्योंकि इसकी निरंतरता क्षेत्रीय सुरक्षा को प्रभावित करेंगी.
अवलोकन करें:-
इस तरह के संघर्ष को जारी रखने से भारत को काफी नुकसान होगा." न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, तालिबान ने उसी समय बयान जारी किया कि उसके नेता कतर में अमेरिकी अधिकारियों के साथ बातचीत कर रहे हैं, जिसका उद्देश्य अफगानिस्तान में 17 साल के युद्ध को समाप्त करना है. इसके बाद न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने इस खबर का खंडन किया है. और अपने पुराने ट्वीट के डिलीट कर दिया है.
इसके बाद न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने ट्वीट करते हुए बताया कि' तालिबान और भारत से जुड़ी खबर को वापस लिया जा रहा है. खबर में जिस प्रवक्ता के नाम का जिक्र किया जा रहा है. उन्होंने रॉइटर्स को बताया कि हमने इस तरह का कोई भी बयान मीडिया को नहीं दिया है. इसके बाद रॉइटर्स ने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया है.
अवलोकन करें:-
इस तरह के संघर्ष को जारी रखने से भारत को काफी नुकसान होगा." न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, तालिबान ने उसी समय बयान जारी किया कि उसके नेता कतर में अमेरिकी अधिकारियों के साथ बातचीत कर रहे हैं, जिसका उद्देश्य अफगानिस्तान में 17 साल के युद्ध को समाप्त करना है. इसके बाद न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने इस खबर का खंडन किया है. और अपने पुराने ट्वीट के डिलीट कर दिया है.
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