उत्तर प्रदेश : समाजवादी-बहुजन पार्टी गठबन्धन में मार दी सेंध

कांग्रेस ने RLD को दिया ये ऑफर!केंद्र की सत्ता के लिए बेहद अहम माने जाने वाले उत्तर प्रदेश का सियासी पारा लगातार बढ़ता जा रहा है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती के महागठबंधन में जगह ना मिलने के बाद कांग्रेस ने अपने 'तुरुप के पत्ते' के तौर पर प्रियंका गांधी को उत्तर प्रदेश के रण में उतारा है। प्रियंका के अलावा कांग्रेस ने मध्य प्रदेश के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी सौंपी है। प्रियंका गांधी जहां कार्यकर्ताओं से संवाद बनाकर पूर्वांचल में कांग्रेस को मजबूत बनाने में जुटी हैं, तो वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया भी वेस्ट उत्तर प्रदेश की रणनीति बनाने में लगे हैं। सूत्रों की मानें तो ज्योतिरादित्य सिंधिया अपनी रणनीति के तहत राष्ट्रीय लोकदल के नेता जयंत चौधरी से मुलाकात कर गठबंधन का गणित बिठाने की कोशिश में लगे हैं।
कांग्रेस ने RLD को दिया ये ऑफर! 

सूत्रों के हवाले से खबर है कि कांग्रेस की ओर से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में महासचिव के तौर पर नियुक्त किए ज्योतिरादित्य सिंधिया लगातार इस कोशिश में हैं कि राष्ट्रीय लोकदल को साथ लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के चुनावी मैदान में उतरा जाए। इसी रणनीति के तहत पिछले एक हफ्ते के भीतर सिंधिया आरएलडी नेता जयंत चौधरी से दो बार मुलाकात कर चुके हैं। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस की तरफ से जयंत चौधरी को 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए 11 सीटों का ऑफर दिया गया है। कांग्रेस ने आरएलडी के समक्ष 10 सीटें यूपी और 1 सीट राजस्थान में दिए जाने का प्रस्ताव रखा है। हालांकि आरएलडी की तरफ से सपा-बसपा का साथ ना छोड़ने की बात कहते हुए कांग्रेस को ना कर दिया गया है।
क्या है महागठबंधन का फॉर्मूला 

अखिलेश यादव और मायावती ने उत्तर प्रदेश की 2 सीटों- अमेठी और रायबरेली को छोड़ते हुए, बाकी सभी 78 सीटों पर महागठबंधन के तहत चुनाव लड़ने का फैसला किया है। कांग्रेस को महागठबंधन में शामिल नहीं किया गया है। शुरुआत में इस महागठबंधन में आरएलडी को भी जगह नहीं दी गई थी, लेकिन बाद में खबर आई कि राष्ट्रीय लोकदल को भी 3 सीटें देते हुए महागठबंधन में शामिल किया गया है। खबर है कि आरएलडी को मुजफ्फरनगर, बागपत और मथुरा सीटें दी गई हैं। हालांकि आरएलडी ने 4 सीटों की मांग की थी, जिसमें अभी एक सीट को लेकर पेंच फंसा हुआ है। बताया जा रहा है कि एक सीट पर सपा उम्मीदवार को आरएलडी के टिकट पर चुनाव मैदान में उतारा जा सकता है। समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव यूपी की कैराना लोकसभा सीट पर पहले ही ऐसा ही एक सफल प्रयोग कर चुके हैं।
प्रियंका गांधी की एंट्री से किसे नुकसान 

गौरतलब है कि 2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर पूर्वी यूपी की महासचिव के तौर पर नियुक्त हुईं प्रियंका गांधी के आने से कांग्रेस कार्यकर्ताओं में काफी जोश देखने को मिल रहा है। पिछले दिनों 'इंडिया टुडे पॉलिटिकल स्टॉक एक्सचेंज' के तहत 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए प्रियंका गांधी को लेकर सर्वे भी किया गया। हालांकि सर्वे में शामिल 57 फीसदी लोगों का मानना था कि सक्रिय राजनीति में प्रियंका गांधी की एंट्री से यूपी में कांग्रेस के पुनरुद्धार में कोई मदद नहीं मिलेगी। 
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सर्वे में सामने आया कि केवल 27 फीसदी लोग सोचते हैं कि प्रियंका गांधी के आने से यूपी में कांग्रेस का चुनावी सितारा चमकेगा। सर्वे में शामिल लोगों से जब पूछा गया कि प्रियंका के आने से यूपी में कौन सी पार्टी को सबसे ज्यादा नुकसान होगा तो 56 फीसदी लोगों का कहना था कि सपा-बसपा के गठबंधन पर प्रियंका की एंट्री भारी पड़ेगी। इन 56 फीसदी लोगों में वो 27 प्रतिशत लोग भी शामिल थे, जिन्होंने यह माना कि प्रियंका गांधी की एंट्री कांग्रेस को यूपी में संजीवनी प्रदान करेगी। सर्वे में 31 फीसदी लोगों का कहना है कि प्रियंका यूपी में भाजपा को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाएंगी।

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