एक तरफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विरुद्ध भारत में उनके विरोधी उनको हटाने के लिए एक के बाद एक गठबंधन कर रहे हैं, तो दूसरी ओर अन्य देश उनकी विदेश नीतियों से प्रभावित हो अपने व्यापार के लिए मोदी का सहारा ले रहे हैं। जो मोदी की विदेश नीतियों के सफल होने का शुभ संकेत है। देखिए:
अमेरिका का एक अन्य दुश्मन देश अब भारत के सहारे उससे टकराने की कोशिश कर रहा है। हम लैटिन अमेरिकी देश वेनेजुएला की बात कर रहे हैं। कड़े अमेरिकी प्रतिबंधों से जूझ रहे वेनेजुएला ने कहा कि वह भारत को ज्यादा तेल बेचना चाहता है। उसने कहा कि वह अपनी कमाई बढ़ाने के लिए भारत की ओर देख रहा है। भारत दुनिया में ऑयल का तीसरा बड़ा कंज्यूमर देश है। इससे पहले अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना करने वाला एक अन्य देश ईरान के भी भारत से अच्छे रिश्ते हैं और वह भारत को कच्चा तेल बेच रहा है।
अमेरिका का एक अन्य दुश्मन देश अब भारत के सहारे उससे टकराने की कोशिश कर रहा है। हम लैटिन अमेरिकी देश वेनेजुएला की बात कर रहे हैं। कड़े अमेरिकी प्रतिबंधों से जूझ रहे वेनेजुएला ने कहा कि वह भारत को ज्यादा तेल बेचना चाहता है। उसने कहा कि वह अपनी कमाई बढ़ाने के लिए भारत की ओर देख रहा है। भारत दुनिया में ऑयल का तीसरा बड़ा कंज्यूमर देश है। इससे पहले अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना करने वाला एक अन्य देश ईरान के भी भारत से अच्छे रिश्ते हैं और वह भारत को कच्चा तेल बेच रहा है।
पेमेंट के लिए नया सिस्टम डेवलप करेगा वेनेजुएला
वेनेजुएला के ऑयल मिनिस्टर और लैटिन अमेरिकी सरकार के स्वामित्व वाली कंपनी पीडीवीएसए (PDVSA) के प्रेसिडेंट मैनुअल कुवेदो ने अमेरिकी प्रतिबंधों को निष्प्रभावी करने के लिए एक वैकल्पिक पेमेंट मैकेनिज्म पर काम करने के संकेत दिए। पेट्रोटेक कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने रिपोर्टर्स से बातचीत में कहा, ‘हमारे भारत के साथ अच्छे संबंध हैं और हम इन रिश्तों को जारी रखना चाहते हैं।’ उन्होंने कहा कि अमेरिकी प्रतिबंधों से वेनेजुएला की इकोनॉमी को 20 अरब डॉलर का नुकसान होगा और वह अब भारत को ज्यादा तेल बेचना चाहता है।
वेनेजुएला पर प्रेशर बना रहा है अमेरिका
गौरतलब है कि अमेरिका ने लैटिन अमेरिकी देश के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो को हटाने का दबाव बनाने के उद्देश्य से वहां से तेल का निर्यात रोकने के लिए पीडीवीएसए पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। कुवेदो ने कहा, ‘भारत के साथ उसके संबंध कायम रहेंगे। ट्रेड जारी रहेगा और हम धीरे-धीरे संबंधों को विस्तार देंगे।’
भारत-चीन को हो सकता है फायदा
वेनेजुएला ने रोजाना 15.7 लाख बैरल तेल का उत्पादन करता है, जो दो दशक पहले की तुलना में आधा ही है। अमेरिका द्वारा वेनेजुएला से इंपोर्ट पर बैन लगाए जाने के साथ पीडीवीएसए भारत और चीन जैसे दूसरे बड़े कंज्यूमर देशों को तेल बेचने की भरसक कोशिश कर रहा है।
वेनेजुएला के भारत के साथ हैं अच्छे संबंध
कुवेदो ने कॉन्फ्रेंस के दौरान भारत के तेल मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि वेनेजुएला के भारत के साथ ‘अच्छे संबंध’ हैं। उन्होंने कहा, ‘जैसा कि भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि भारत के साथ उनके संबंध बरकरार रहेंगे। ट्रेड जारी रहेगा और हम आपसी ट्रेड संबंधों का विस्तार करेंगे।’ वेनेजुएला के मंत्री ने कहा कि सभी कंज्यूमर देशों की तरफ से यह सुनना अहम है।
पेमेंट मैकेनिज्म पर उन्होंने कहा, ‘भारत को पर्याप्त तेल उपलब्ध कराने के लिए हमारे पास हर तरह के मैकेनिज्म और चैनल हैं। पीडीवीएसए विश्व स्तर की एक अच्छी कंपनी है और इस संबंध को जारी रखने के लिए हम हर संभव कोशिश करेंगे।’
वेनेजुएला को होगा 20 अरब डॉलर का नुकसान
कुवेदो ने अमेरिकी प्रतिबंधों को एकतरफा और अवैध करार दिया, जिससे ऑयल रेवेन्यू पर निर्भर इकोनॉमी को 20 अरब डॉलर का नुकसान होगा। उन्होंने कहा, ‘अमेरिका दुनिया भर में स्थित रिसोर्सेज पर कब्जा कर रहा है। अभ वे वेनेजुएला की सिटगो पेट्रोलियम (Citgo Petroleum Corp) को टारगेट कर रहे हैं।’ सिटगो पेट्रोलियम, पीडीवीएसए की एक यूनिट है और वेनेजुएला की बड़ी विदेशी एसेट है। यह अमेरिका की तीन रिफाइनरियों को परिचालित करती है, जो अमेरिका के कुल फ्यूल प्रोडक्शन में लगभग 4 फीसदी योगदान करती है।
No comments:
Post a Comment