पाक ने बढ़ाई आतंकी मसूद की सुरक्षा, रावलपिंडी से बहावलपुर भेजा

पुलवामा में आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर की सुरक्षा बढ़ा दी है। एजेंसी ने उसे सेफ जोन में छिपा दिया है। सूत्रों के मुताबिक अजहर को 17-18 फरवरी को रावलपिंडी से बहावलपुर के पास स्थित कोटघानी भेजा गया है। यानि पुलवामा हमले के बाद उसे पूरी तरह से सेफ जोन में भेज दिया गया है।
पुलवामा में 14 फरवरी को जब सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमला हुआ था, तब मसूद अजहर रावलपिंडी में सेना के अस्पताल में भर्ती था। उसे 17-18 फरवरी को बहावलपुर के कोटघानी भेजा गया।
दूसरे आतंकी से भी मुलाकात
जानकारी मिली है कि मसूद अजहर ने हिजबुल सरगना सलाहुद्दीन से भी मुलाकात की है। खुफिया सूत्रों का कहना है कि दोनों आतंकी सरगनाओं के बीच बैठक हुई। जिसमें एक दूसरे को मदद देने पर चर्चा हुई। और इस बात पर जोर दिया गया एक दूसरे को कैसे मजबूत किया है।

पुलवामा हमले का आरोपी है मसूद
मसूद अजहर आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का संस्थापक है। इसी संगठन ने पुलवामा आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली है। इस हमले में 40 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। जिसके बाद से ही भारत में पाकिस्तान से बदला लेने की मांग तेज हुई। देशभर में कई जगहों पर मसूद अजहर की तस्वीरें और पुतले जलाए गए।

इस हमले के बाद देशभर के लोग गुस्से में थे। भारत सरकार ने पाकिस्तान निर्यात होने वाले सामान पर बेसिक कस्टम ड्यूटी को 200 फीसदी तक बढ़ा दिया है। इसके साथ ही पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा भी वापस ले लिया है।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी साफ कह चुके हैं कि आतंक के सरपरस्तों से पूरा हिसाब किया जाएगा। यहां तक कि उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को अपने किए गए वादे पर खरा उतरने की नसीहत भी दी थी।
कई हमलों का जिम्मेदार
जैश-ए-मोहम्मद ने भारत में कई बड़े हमले किए हैं। चाहे पठानकोट हमला हो या फिर उरी हमला, सबमें इसी का हाथ रहा है। 14 फरवरी को जैश ने ही आतंकी आदिल अहमद डार का वीडियो जारी किया, जिसमें उसने पुलवामा हमले की पूरी जिम्मेदारी ली।

जनवरी, 2016 को पठानकोट हमले में 7 भारतीय जवानों की जान भी इसी संगठन ने ली। इसके अलावा सितंबर 2016 में भी हुए उरी हमले के पीछे भी इस संगठन का हाथ था। इस हमले में 19 भारतीय जवान शहीद हुए थे।

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