भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने आगामी आम चुनाव के लिए मार्च 8 को नई दिल्ली में अपने कदम आगे बढ़ा दिए हैं। पार्टी ने आम चुनाव में उम्मीदवार खड़े करने के लिए 24 राज्यों के 53 लोकसभा क्षेत्रों की पहचान की है। उसने 15 सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा भी कर दी है। उसने चुनाव घोषणा पत्र के लिए 11 सदस्यों की समिति का गठन किया। इसका संयोजक डी. राजा को बनाया गया है।
राजा को बनाया गया संयोजक
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने 11 सदस्यीय चुनाव घोषणा पत्र समिति बनाने का भी फैसला किया है। इस समिति का संयोजक डी. राजा को बनाया गया है। पार्टी ने कहा है कि सीटों और उम्मीदवारों की यह पहली सूची है। सीटों को लेकर बातचीत चल रही है। इनकी संख्या में अंतर आ सकता है।
ऐसी है पार्टी की तैयारी
प्राप्त जानकारी के अनुसार पार्टी के एक नेता ने कहा कि आगामी चुनाव में सीपीआइ मजबूत होकर उभरेगी। आज देश के सामने तमाम समस्याए हैं। ऐसे में मतदाता वैकल्पिक सरकार चाहते हैं। सीपीआइ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में कहा गया कि मोदी सरकार को हटाकर उसके स्थान पर धर्म निरपेक्ष लोकतांत्रिक और प्रगतिवादी सरकार लाने की जरूरत है जिसमें वाम दलों की राय को ज्यादा अहमियत मिले। बैठक में सर्वसम्मत से प्रस्ताव पारित किया गया जिसमें कहा गया कि मोदी सरकार की जन विरोधी, श्रमिक विरोधी, विभाजनकारी और सांप्रदायिक मोदी सरकार को उखाड़ फेंकना आज की सबसे बड़ी जरूरत है।
राजा को बनाया गया संयोजक
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने 11 सदस्यीय चुनाव घोषणा पत्र समिति बनाने का भी फैसला किया है। इस समिति का संयोजक डी. राजा को बनाया गया है। पार्टी ने कहा है कि सीटों और उम्मीदवारों की यह पहली सूची है। सीटों को लेकर बातचीत चल रही है। इनकी संख्या में अंतर आ सकता है।
ऐसी है पार्टी की तैयारी
प्राप्त जानकारी के अनुसार पार्टी के एक नेता ने कहा कि आगामी चुनाव में सीपीआइ मजबूत होकर उभरेगी। आज देश के सामने तमाम समस्याए हैं। ऐसे में मतदाता वैकल्पिक सरकार चाहते हैं। सीपीआइ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में कहा गया कि मोदी सरकार को हटाकर उसके स्थान पर धर्म निरपेक्ष लोकतांत्रिक और प्रगतिवादी सरकार लाने की जरूरत है जिसमें वाम दलों की राय को ज्यादा अहमियत मिले। बैठक में सर्वसम्मत से प्रस्ताव पारित किया गया जिसमें कहा गया कि मोदी सरकार की जन विरोधी, श्रमिक विरोधी, विभाजनकारी और सांप्रदायिक मोदी सरकार को उखाड़ फेंकना आज की सबसे बड़ी जरूरत है।
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