परवेज मुशर्रफ के बयान ने खोली पाकिस्तान सरकार और जैश की पोल



आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार 
भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विरोधी पाकिस्तान को अप्रयत्क्ष रूप से हवाई हमलों में मारे जाने आतंकवादियों की लाशों को दिखाने कर प्रमाण की बातें कर पाकिस्तान का समर्थन कर रहे हैं। इनकी इन्ही काली करतूतों के ही कारण मोदी सरकार से पूर्व आतंकी हमलों पर विश्व ने कभी गंभीरता से नहीं लिया जाता था। पाकिस्तान में समस्त विपक्ष सरकार के पीछे खड़ा है, और भारत में अपने आप को देशप्रेमी बताने वाले नेता सरकार के निर्णय पर प्रश्नचिन्ह लगा रहे हैं। प्रमाण मांगने वाले मूर्ख नेताओं को नहीं मालूम कि "जब तक सरकार का संकेत नहीं होगा, फौज चाहे जितनी भी शक्तिशाली क्यों न हो, कुछ नहीं कर सकती।" जैसे सबूत मांगने वालों की सरकार के कार्यकाल में होता रहा कि सुरक्षाकर्मी पिटते थे, कोई कार्यवाही किये जाने पर बलात्कार और न जाने कितने आरोप लगाए जाते थे, परन्तु अब सबकुछ एकदम विपरीत हो रहा है। 
पाकिस्‍तान में स्थित आतंकियों संगठनों पर कड़ा रुख इख्तियार करने को लेकर भारत हर स्‍तर पर आवाज उठा रहा है। वहीं पाकिस्‍तान हर स्‍तर पर जैश से जुड़े भारत के दावों को झूठा साबित करता आ रहा है। लेकिन अब वहां के ही पूर्व राष्‍ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ ने बड़ा खुलासा किया है। उन्‍होंने कहा कि उनके कार्यकाल में भारत में हमले के लिए जैश ए मुहम्‍मद पाकिस्‍तान की खुफिया जानकारियों का इस्‍तेमाल किया था। इतना ही नहीं मुशर्रफ ने ये भी माना है कि जैश कश्‍मीर में फैली हिंसा और सीमा पर तनाव का केंद्र बिंदु है।
मुशर्रफ ने ही लिखी थी कारगिल की पटकथा
आपको बता दें कि परवेज मुशर्रफ के समय में ही पाकिस्‍तान ने भारत पर कारगिल युद्ध थोपा था। इस युद्ध के केंद्र में वही थे। इसकी पटकथा खुद मुशर्रफ ने ही तैयार की थी। पाकिस्‍तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने भी माना था कि कारगिल युद्ध परवेज मुशर्रफ की ही देन थी। मुशर्रफ ने यह भी माना है कि भारत में तनाव फैलाने के लिए पाकिस्‍तान की इंटेलिजेंस के आदमी हमेशा से ही काम करते रहे हैं। उन्‍होंने भारत पर आरोप लगाया कि वह पाकिस्‍तान में हमला कराते हैं और हम उनके यहां पर हमला कराते हैं।

विशेष बातचीत में किया खुलासा
पाकिस्‍तान के पूर्व राष्‍ट्रपति ने यह सब खुलासा एक पाकिस्‍तान के पत्रकार से हुई विशेष बातचीत में किया है। उन्‍होंने यह खुलासा उस सवाल के जवाब में दिया जिसमें पत्रकार ने पूछा था कि उनके कार्यकाल में क्‍या वह पाकिस्‍तान जैश ए मुहम्‍मद पर प्रतिबंध लगाने में नाकाम रहे। यहां पर बता दें कि मुशर्रफ वर्ष 2001-2008 तक सत्ता में थे।

मुशर्रफ का ये है कहना
मुशर्रफ ने इस बातचीत में बताया कि वह काफी अलग समय था। वह खुद ऐसा करने के समर्थन में नहीं थे। उनका कहना था कि वह भी जैश जैसे ही एक आतंकी संगठन के हमले में बाल-बाल बचे थे। यहां पर ये भी बता दें कि मुशर्रफ के कार्यकाल से कुछ समय पहले ही जैश अस्तित्‍व में आया था, लेकिन मुशर्रफ के कार्यकाल में यह संगठन काफी बड़ा हो गया। जैश उन संगठनों में से है जो लगातार भारत और जम्‍मू कश्‍मीर में बड़े हमले करवाता रहा है। इसका मकसद जम्‍मू कश्‍मीर को पाकिस्‍तान के साथ मिलाना और भारत से अलग करना है। यह संगठन मसूद अजहर के नेतृत्‍व में हमले करता है। हमले कब कहां करने हैं इसका फैसला मसूद अजहर करता है और अन्‍य लोग इसके लिए काम करते हैं।

पुलवामा हमले की जैश ने ली थी जिम्‍मेदारी
पिछले माह 14 फरवरी को सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले की जिम्‍मेदारी भी इसी संगठन ने ली थी। इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। इस हमले ने दोनों देशों के बीच तनाव को चरम पर पहुंचा दिया था। इसके चलते भारत ने बालाकोट में एयर स्‍ट्राइक तक की थी। जैश ए मुहम्‍मद के मुद्दे को भारत कई बार वैश्विक मंच पर भी उठाता रहा है। इतना ही नहीं इस बार जैश के सरगना मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने फ्रांस, अमेरिका और ब्रिटेन ने संयुक्‍त रूप से संयुक्‍त राष्‍ट्र में प्रस्‍ताव रखा है। हालांकि इस तरह का प्रस्‍ताव पहले भी कई बार सुरक्षा परिषद में आया है लेकिन हर बार चीन इस पर वीटो पावर का इस्‍तेमाल करता रहा है।

बयान काफी अहम
मुशर्रफ का यह बयान भारत और पूरे विश्‍व के लिए काफी मायने रखता है। ऐसा इसलिए क्‍योंकि संयुक्‍त राष्‍ट्र में जैश सरगना को लेकर जो प्रस्‍ताव आया है इस बयान से चीन पर दबाव बनाया जा सकता है कि वह इस बार अड़ंगा न लगाए। इतना ही नहीं भारत तो विश्‍व में पाकिस्‍तान का सच और उसकी करतूत को लेकर मुहिम चलाए हुए है इस बयान से उसमें भी भारत को मदद मिलेगी। इसके अलावा एफएटीएफ जिसने छह माह के लिए पाकिस्‍तान को ग्रे सूची में डाला है वहां पर भी भारत दबाव बनाने में सफल हो सकेगा।

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जैश को लेकर पाक का दिखावा
आपको बता दें कि मुशर्रफ के इस खुलासे से पहले यह बात सामने आई थी कि पाकिस्‍तान ने जैश ए मुहम्‍मद पर किसी तरह का न तो कोई प्रतिबंध लगाया है और न ही कोई कार्रवाई की है। यह खुलासा होने के बाद पाकिस्‍तान ने दिखावे के तौर पर हाफिज सईद समेत मसूद अजहर से जुड़े संगठनों पर कार्रवाई की है। यह कार्रवाई महज दुनिया को दिखाने के लिए हमेशा की तरह इस बार भी की गई है। पाकिस्‍तान की तरफ से जैश को लेकर जहां पहले यह कहा गया था कि वहां पर जैश का कोई संगठन काम नहीं कर रहा है, वहीं बाद में इमरान खान के मंत्री ने माना कि मसूद अजहर पाकिस्‍तान में ही है। इतना ही नहीं मंत्री ने यहां तक कहा कि मसूद की हालत ऐसी नहीं है कि वह चल फिर भी सके। इसके कुछ समय के बाद यह जानकारी भी सामने आई थी कि बालाकोट एयर स्‍ट्राइक के बाद मसूद अजहर को दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया गया है।

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