जैश-ए मोहम्मद चीफ को मसूद अजहर को ग्लोबल टेरेरिस्ट घोषित करने की भारत की चौथी कोशिश को चीन ने परवान नहीं चढ़ने दी और एक बार फिर अपने सदाबहार दोस्त पाकिस्तान का साथ देते हुए मसूद अजहर को बचा लिया था। वहीं फ्रांस ने मसूद अजहर की फ्रांस स्थित सभी संपत्तियों को जब्त करने का फैसला किया, अब मसूद मामले पर भारत को अब बड़ी कूटनीतिक सफलता हासिल हुई है।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक भारत के समर्थन में आगे आते हुए जर्मनी ने भी अब संकेत दिए हैं कि वो आतंकी सरगना मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगा सकता है। फ्रांस का कहना है कि इसमें दो मत नहीं कि मसूद अजहर आतंकी है और वो विश्व शांति के लिए खतरा है वैसै ही जर्मनी का भी मानना है कि वो विश्व शांति के लिए बड़ा खतरा है माना जा रहा है कि जर्मनी भी मसूद की संपत्तियां जब्त करेगा।
जर्मनी के रूख के बाद भी क्या चीन देगा मसूद का साथ?
मसूद अजहर पर फ्रांस के बाद अब जर्मनी का जो रूख सामने आया है उसके बाद क्या अब भी चीन मसूद अजहर को बचाएगा ये बड़ा सवाल बना हुआ है। वहीं चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अपनी बात रखते हुए कहा था कि अभी इस बात के पुख्ता सबूत नहीं है कि वो विश्व शांति के लिए खतरा बना हुआ है। चीन के इस कदम का संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के राजनयिकों ने निराशा जताया था।
चीन को चेतावनी देते हुए राजनयिकों ने कहा था कि अगर चीन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने के रास्ते में रुकावट बनेगा तो दूसरे कदम उठाए जाएंगे। अगर चीन इस कार्य में बाधा पैदा करना जारी रखता है, तो जिम्मेदार सदस्य देश, सुरक्षा परिषद में अन्य कदम उठाने पर मजबूर हो सकते हैं। ऐसी स्थिति उत्पन्न नहीं होनी चाहिए।
फ्रांस की सरकार अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने के लिए प्रस्ताव लाई थी
गौरतलब है कि जैश सरगना मसूद अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित किए जाने के मुद्दे पर चीन का पुराना रुख ही इस दफा भी सामने आया था। चीन ने चौथी बार टेक्निकल होल्ड को आधार बना कर यूएनएससी की 1267 लिस्ट पर वीटो लगा दिया था।
अवलोकन करें:-
लेकिन फ्रांस ने मसूद अजहर पर कड़ी कार्रवाई की थी और 27 फरवरी को फ्रांस की सरकार ने अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने के लिए प्रस्ताव लाया था।यूएनएससी में चर्चा के बाद वीटो पावर प्राप्त देशों से आपत्ति दर्ज कराने के लिए 13 मार्च का समय दिया था। चीन ने 13 मार्च को समय सीमा समाप्त होने से ठीक एक घंटे पहले वीटो लगा दिया था।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक भारत के समर्थन में आगे आते हुए जर्मनी ने भी अब संकेत दिए हैं कि वो आतंकी सरगना मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगा सकता है। फ्रांस का कहना है कि इसमें दो मत नहीं कि मसूद अजहर आतंकी है और वो विश्व शांति के लिए खतरा है वैसै ही जर्मनी का भी मानना है कि वो विश्व शांति के लिए बड़ा खतरा है माना जा रहा है कि जर्मनी भी मसूद की संपत्तियां जब्त करेगा।
जर्मनी के रूख के बाद भी क्या चीन देगा मसूद का साथ?
मसूद अजहर पर फ्रांस के बाद अब जर्मनी का जो रूख सामने आया है उसके बाद क्या अब भी चीन मसूद अजहर को बचाएगा ये बड़ा सवाल बना हुआ है। वहीं चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अपनी बात रखते हुए कहा था कि अभी इस बात के पुख्ता सबूत नहीं है कि वो विश्व शांति के लिए खतरा बना हुआ है। चीन के इस कदम का संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के राजनयिकों ने निराशा जताया था।
चीन को चेतावनी देते हुए राजनयिकों ने कहा था कि अगर चीन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने के रास्ते में रुकावट बनेगा तो दूसरे कदम उठाए जाएंगे। अगर चीन इस कार्य में बाधा पैदा करना जारी रखता है, तो जिम्मेदार सदस्य देश, सुरक्षा परिषद में अन्य कदम उठाने पर मजबूर हो सकते हैं। ऐसी स्थिति उत्पन्न नहीं होनी चाहिए।
फ्रांस की सरकार अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने के लिए प्रस्ताव लाई थी
गौरतलब है कि जैश सरगना मसूद अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित किए जाने के मुद्दे पर चीन का पुराना रुख ही इस दफा भी सामने आया था। चीन ने चौथी बार टेक्निकल होल्ड को आधार बना कर यूएनएससी की 1267 लिस्ट पर वीटो लगा दिया था।
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