संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में एक बार फिर चीन ने अपने वीटो पॉवर का इस्तेमाल करते हुए जैश-ए-मुहम्मद के सरगना मसूद अजहर को आतंकी घोषित किए जाने से ब्लॉक कर दिया। इससे पहले भी चीन तीन बार मसूद अजहर पर बैन लगने से बचा चुका है। हालांकि इस बार अमेरिका को चीन यह कारिस्तानी रास नहीं आई है और उसने खुले शब्दों में चीन को चेतावनी दी है कि अगर चीन आतंकवाद से निपटने के लिए वाकई प्रयास करना चाहते है तो उसे पाकिस्तान या किसी और देश के आतंकवादियों को बचाना बंद कर देना चाहिए। सुरक्षा परिषद में अमेरिका के राजदूत ने कहा कि चीन के इस कदम के बाद अन्य सदस्य दूसरी तरह की कार्रवाई करने के लिए मजबूर हो सकते हैं।
कड़े शब्दों में की निंदा
डिप्लोमैट ने कहा, 'यह चौथी बार है जब चीन ने अजहर को बचाया है। सिक्योरिटी काउंसिल ने कमेटी को जो जिम्मेदारी सौंपी है, चीन को उसके आड़े नहीं आना चाहिए। अगर चीन ने आगे भी मसूद को बचाया तो सिक्योरिटी काउंसिल के अन्य सदस्य देशों को मजबूरन कड़ी कार्रवाई करनी पड़ेगी।
चीन को सालाना होता है 20 हजार करोड़ रुपए का नुकसान
अमेरिका और चीन के बीच लंबे समय से ट्रेड वार चल रहा रहा है। दोनों देशों ने एक-दूसरे पर टैरिफ थोप दिया था। इसके चलते दोनों देशों को सालाना 2.9 अरब डॉलर का नुकसान होता है। ऐसे में चीन कोशिशों में लगा हुआ है कि अमेरिका इस ट्रेड वॉर को खत्म करे और दोनों के हित में ट्रेड डील हो सके। हालांकि अब ये मुमकिन नहीं लग रहा है।
अवलोकन करें:-
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ट्रेड डील करने की जल्दी में नहीं है अमेरिका
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस डील को लेकर बिलकुल जल्दबाजी में नहीं हैं। मार्च 14 को ट्रंप ने कहा कि वह चीन के साथ व्यापार समझौता करने की जल्दी में नहीं हैं। दोनों देशों के राष्ट्रपतियों के बीच इस महीने के अंत में एक बैठक होनी थी, लेकिन अब तक इसके लिए कोई तारीख तय नहीं की गई है। ऐसे में उम्मीद कम है कि अमेरिका चीन के साथ ट्रेड वॉर खत्म करेगा।
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