
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
कहावत है कि खुश्बू को लाख जितना दबा कर छुपा कर रख लो, बाहर निकल ही आती है, वही बात भारतीय जनसंघ उर्फ़ भारतीय जनता पार्टी के साथ हो रही है। जम्मू-कश्मीर से "एक देश, एक विधान, एक निशान और परमिट प्रथा" समाप्त करने डॉ श्यामा प्रसाद मुख़र्जी के बलिदान का तत्कालीन जनसंघ राजनीतिक लाभ उठाकर कांग्रेस को सत्ता से बाहर न कर दे, कांग्रेस ने मुस्लिम समाज में गुप्त रूप से जहर फैलवा दिया कि "जनसंघ वर्तमान भाजपा मुसलमानों की दुश्मन है।" और यह विष आज तक हर मुसलमान के खून में रमा हुआ है। जिसे धूमिल करने में 5 साल के नरेन्द्र मोदी शासन ने बड़ी भूमिका निभाई है।
आज मोदी शासन ने मुसलमान को उस चौराहे पर लाकर खड़ा कर दिया कि स्वयं निर्णय करे, उसे किस सड़क को चुनना है, साम्प्रदायिकता की, कट्टरपंथी की, देश की मुख्यधारा की या फिर अपने स्वार्थ की। निम्न लिंक को लिखने पर भाजपा और संघ के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के लोग साम्प्रदायिक,फिरकापरस्त और न जाने किस-किस नाम से सम्बोधित करते थे, यह कोई आरोप नहीं, कटु सत्य है और अब क्योकि इस बात को सिद्ध कर रहे हैं चर्चित शहनाई वादक बिस्मिल्लाह खान के पोते अब्बास बिस्मिल्लाह। अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए कांग्रेस ने कितना जनता में विष घोला हुआ था, उस पर से चादर ने हटना नहीं बल्कि हिलना शुरू किया है। इसी तरह अब वह दिन भी अधिक दिन तक दूर नहीं रहने वाला, जब भारतीय जनमानस अब तक पढाये जा रहे दूषित इतिहास को ठुकरा कर भारत के वास्तविक इतिहास को जानने का प्रयास करेंगे। लेकिन कठिन काम में अभी इस सरकार को कम से कम तीन/चार शासन की आवश्यकता है।
भारत रत्न शहनाई वादक बिस्मिल्लाह खान के पोते नासिर अब्बास बिस्मिल्लाह ने आरोप लगाया है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस वालों ने उनका ब्रेनवॉश कर दिया था।इस बार उन्हें वास्तविकता समझ में आ गई है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नामांकन में शामिल होने की इच्छा जाहिर की है। न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक बिस्मिल्लाह ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि जब पीएम मोदी वाराणसी से नॉमिनेशन भरने आएं तो उसमें वे शामिल होना चाहते हैं।
2014 में बिस्मिल्लाह के परिवार ने किया था मना
मालूम हो कि साल 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की ओर से बिस्मिल्लाह खान के परिवार को पत्र लिखकर पीएम मोदी के नॉमिनेशन में शामिल होने को कहा गया था, लेकिन उन्होंने आने से मना कर दिया था। बिस्मिल्लाह खान के परिवार की ओर से कहा गया था कि वे किसी भी राजनीतिक दल का हिस्सा नहीं बनना चाहते हैं।
नासिर अब्बास बिस्मिल्लाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में कहा है, 'मैं भारत रत्न (दिवंगत) उस्ताद बिस्मिल्लाह खान का पोता नासिर अब्बास बिस्मिल्लाह आपसे निवेदन करता हूं कि जब आप हमारे शहर वाराणसी से लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने आएं तो, मैं उस दौरान आपके साथ रहना चाहता हूं। यह हमारे लिए बहुत ही यादगार और शुभकामनाओं भरा पैगाम होगा।'
उन्होंने पत्र में आगे लिखा कि मैं आपको याद दिलाना चाहता हूं कि एक साल पहले मैंने अपने दादा की एक शहनाई जिस पर वे धुन बजाया करते थे, आपके हाथों राष्ट्र को समर्पित की थी। जो वाराणसी के बड़ा लालपुर स्थित Trade Facilitation Centre and Craft Museum में रखी है। हमें आपसे उम्मीद ही नहीं बल्कि पूरा यकीन है कि आप हमें अपने नामांकन कार्यक्रम में जरूर आमंत्रित करेंगे।
कांग्रेस ने किया था मेरा ब्रेनवॉश
न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में बिस्मिल्लाह ने कहा कि साल 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्हें राजनीति के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी। उन्होंने आरोप लगाया कि जब बीजेपी की ओर से आमंत्रण भेजा गया तभी कुछ स्थानीय कांग्रेसी नेता उनके घर आए और उन्होंने इस आमंत्रण को अस्वीकार करने की सलाह दी। कांग्रेसी नेताओं ने सलाह दी थी कि आप लोग संगीतकार हैं, राजनीतिक लोगों से दूरी बनाए रखें।
बिस्मिल्लाह ने कहा कि पांच साल पहले की गई गलती का मुझे पछतावा है। हमारे परिवार ने बीजेपी के आमंत्रण का ठुकराकर अच्छा नहीं किया था। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि वे ब्रेनवॉश करने वाले नेताओं के नामों का खुलासा नहीं करना चाहते हैं।
अवलोकन करें:-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 26 अप्रैल को वाराणसी में नॉमिनेशन फाइल कर सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नामांकन दाखिल करने से पहले पार्टी बड़ा रोड शो करना चाहती है। मोदी दूसरी बार इस सीट से चुनाव लड़ने जा रहे हैं। मोदी के 25 और 26 अप्रैल को दो दिन अपने संसदीय क्षेत्र में रहने की संभावना है, जहां वह एक रोड शो कर सकते हैं। वाराणसी में 19 मई को वोट डाले जाएंगे. 2019 का लोकसभा चुनाव 11 अप्रैल से 19 मई के बीच सात चरणों में हो रहा है, जिसमें 23 मई को परिणाम आएंगे।
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