
यह आवेदन 11 मार्च को पाकिस्तान निवासी रहिला वकिल ने अधिवक्ता मोमिन मलिक के माध्यम से दायर किया था। 11 मार्च को एनआईए की अदालत इस मामले में अपना फैसला सुनाने वाली थी। इसकी बाद तारीख आगे बढ़ा दी गई। बता दें कि समझौता केस की सुनवाई के लिए पाकिस्तानी दूतावास के जरिए छह बार सम्मन भेजे जा चुके हैं लेकिन गवाही के लिए कोई नहीं आया।
एनआईए के वकील आरके हांडा ने कहा, 'एनआईए की विशेष अदालत ने निष्कर्ष निकाला है कि जांच एजेंसी साजिश के आरोप को साबित करने में विफल रही है और फैसला सुनाया कि आरोपी संदेह का लाभ लेने के लायक है।'
साल 2007 में समझौता एक्सप्रेस में हुए विस्फोट में कम से कम 68 लोग मारे गए थे। आतंकवादी हमले में पाकिस्तान के कुल 43 नागरिक मारे गए थे। 2010 से पंचकूला एनआईए अदालत में मुकदमा चल रहा है और कुल 299 में से लगभग 224 गवाह अदालत के सामने हाजिर हुए।
Samjhauta Blast Case: Visuals of Aseemanand from Panchkula Court. He and three others were acquitted by Court. #Haryana

समझौता विस्फोट मामले में मुख्य आरोपी को बरी कर दिया गया है। पंचकुला में एनआईए की विशेष अदालत ने समझौता एक्सप्रेस ट्रेन धमाका मामले में असीमानंद और तीन अन्य आरोपियों को बरी कर दिया। इस फैसले पर निराशा जताते हुए AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल उठाया है।
उन्होंने कहा, '68 की मौत हुई और कोई जिम्मेदारी नहीं, कहने के लिए कुछ भी नहीं कि न्याय किया गया है।' उन्होंने इसके पीछे जानबूझकर घटिया मुकदमा चलाने की बात कही।
68 dead and nothing to account for them, nothing to say that justice has been done.
How long is one going to hear of acquittals because of deliberately shoddy prosecutions?
How long is one going to hear of acquittals because of deliberately shoddy prosecutions?
एनआईए ने कहा, आरोपी अक्षरधाम (24/09/2002), रघुनाथ मंदिर (3/03/2002) और संकटमोचन मंदिर हमलों (07/03/2006) का बदला लेना चाहते थे। मृतकों में ज्यादातर पाकिस्तानी थे। समझौता एक्सप्रेस भारत और पाकिस्तान के बीच चलने वाली ट्रेन है। यह ट्रेन दिल्ली से अटारी, पाकिस्तान जा रही थी, विस्फोट हरियाणा के पानीपत जिले में चांदनी बाग पुलिस स्टेशन के अंतर्गत शिवा गांव के नजदीक हुए। बाद मे बचे हुए 8 डब्बो के साथ ट्रेन को पाकिस्तान के लाहौर शहर की ओर रवाना कर दिया गया।
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