लोकसभा चुनाव को लेकर गहमागहमी का माहौल है। चुनाव को लेकर सभी पार्टियों ने तैयारी कर ली है। इस बीच अमेरिका स्थित एक चुनाव विशेषज्ञ ने कहा है कि भारत में आगामी लोकसभा चुनाव भारत के इतिहास में और किसी भी लोकतांत्रिक देश के सबसे खर्चीले चुनावों में से एक होगा। इस मामले में उसने दुनिया के सबसे विकसित और संपन्न देश अमेरिका को भी पीछे छोड़ दिया है। इस तरह भारत चुनावी खर्च को लेकर दुनिया के सभी लोकतांत्रिक देशों को पीछे छोड़ देगा।
2019 का आम चुनाव दुनिया का सबसे महंगा चुनाव होगा
कारनीज एंडोमेंट फोर इंटरनेशनल पीस थिंक टैंक में सीनियर फेलो तथा दक्षिण एशिया कार्यक्रम के निदेशक मिलन वैष्णव ने बताया ‘2016 में हुए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव तथा कांग्रेस चुनावों में 6.5 अरब अमेरिकी डॉलर का खर्च आया था। भारत में 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में 5 अरब डाॅलर यानी करीबन 35 हजार डाॅलर खर्च होने का अनुमान है। वहीं, अब 2019 चुनाव में यह आंकड़ा बहुत ज्यादा होगा, जिससे भारत का यह चुनाव दुनिया का सबसे महंगा चुनाव हो जाएगा।’
एक तरफ हर पार्टी भ्रष्टाचार के विरुद्ध प्रवचन देते नज़र आते हैं, परन्तु चुनाव में खर्च होने वाले धन पर कोई नहीं बोलता, क्यों? हालाँकि चुनाव आयोग भी हर चुनाव में उम्मीदवार के लिए एक निश्चित सीमा तो तय कर देता है, जिस पर निगरानी के लिए प्रवेषक भी नियुक्त करता है, शराब के ठेके बंद करवा देता है, उसके बावजूद मतदान से एक दिन पूर्व धन और शराब का भरपूर वितरण होने पर आज तक कोई अंकुश नहीं लग पाया। मतदान के दिन पोलिंग एजेंट और बाहर बैठे कार्यकर्ताओं के सुबह शाम को दिए जाने वाले नाश्ते पर कम से कम 60(30+30) रूपए, और लंच पर 80 से 100 रूपए, सड़क पर यातायात बाधित करने के लिए मेज-कुर्सी और दिन भर चाय, पानी और सिगरेट/बीड़ी आदि खर्चे के लिए 5000 रूपए पोलिंग प्रमुख को वोटर लिस्ट एवं मतदान में प्रयोग होने वाली सामग्री देते समय बंद लिफाफे में दिए जाते हैं। लेकिन कमाई करने वाले हिन्दू और मुस्लिम मतदान केन्द्रों में अन्तर कर देते हैं। कुछ पार्टियाँ तो मुस्लिम केन्द्र पर मात्र 1500 रूपए देते हैं। यानि पार्टियाँ स्वयं
लोकसभा चुनाव में दो महीने से भी कम समय बचा है
लोकसभा चुनाव होने में अब दो महीने से भी कम का समय बचा है। ऐसे में यह उम्मीद की जा रही है कि चुनाव आयोग जल्द ही 543 सदस्यीय लोकसभा सीटों के लिए चुनाव तारीखों का ऐलान कर सकता है। रिपोर्ट्स की मुताबिक निर्वाचन आयोग आम चुनाव के मद्देनजर तैयारियों की समीक्षा के लिए 27 फरवरी से 1 मार्च तक प्रदेश के दौरे पर जाएगा।
मार्च में आम चुनाव की तारीखों का ऐलान हो सकता है
सूत्रों की मानें तो चुनाव आयोग मार्च में आम चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है। 2014 में लोकसभा चुनाव 7 अप्रैल से 12 मई के बीच 9 चरणों में संपन्न हुए थे। जबकि नई सरकार का गठन 26 मई को हुआ था।
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