विदेश एवं राष्ट्रमंडल कार्यालय (एफसीओ) ने अपने नागरिकों को पाकिस्तान यात्रा के खिलाफ चेतावनी जारी की


भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को बेनकाब करने में सफलता अर्जित है, उसके लिए हर भारतवासी को दिल से उनका धन्यवाद करना चाहिए। जबकि भारत में उनके विरोधी उन्हें सत्ता मुक्त करने के लिए एक के बाद एक षड्यंत्र रच रहे हैं। आतंकवाद, जिसकी आग में भारत इतने वर्षों से जल रहा था, लेकिन भारत में छद्दम देशप्रेमी और तुष्टिकरण के पुजारी धर्म-निरपेक्ष नेता अपनी कुर्सी और तिजोरियों की खातिर इस्लामिक आतंकवादियों को बचाने एवं संरक्षण देने के लिए "हिन्दू आतंकवाद-भगवा आतंकवाद" हिन्दू धर्म को कलंकित करने का कोई अवसर नहीं छोड़ रहे थे। बेकसूर साधु/संत और साध्वी को जेलों में बंद कर प्रताड़ित कर रहे थे। जिसका उदाहरण भाजपा द्वारा इस मनगढ़ंत शिगूफा की शिकार साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को उम्मीदवार बनांते ही इन छद्दमों ने भारतीय राजनीति में उबाल आना।  
क्या पाकिस्तान की बोली बोलने वाले भारतीय नेता विश्व समुदाय की इस चेतावनी से शिक्षा ले कर, पाकिस्तान की बोली बोलना बंद करेंगे?    
पूरे पाकिस्तान में आतंकवाद, अपहरण और सांप्रदायिक हमले के प्रबल खतरे को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। एफसीओ परामर्श में कहा गया है, ‘आतंकी पाकिस्तान में हमला कर सकते हैं।
इस्लामाबाद, रावलपिंडी, लाहौर और कराची जैसे शहरों सहित पूरे देश में आतंकवाद, अपहरण और सांप्रदायिक हिंसा का गंभीर खतरा है। छोटी सी चेतावनी पर प्रदर्शन शुरू हो सकते हैं और फिर तुरंत ही हिंसा हो शुरू सकती है। आप प्रदर्शन, लोगों की भीड़ और सार्वजनिक कार्यक्रमों में जाने से बचें।’
कार्यालय ने कहा है कि पश्चिमी देशों के नागरिकों को सीधे निशाना बनाया जा सकता है। बाजार, शापिंग मॉल, रेस्त्रां और ऐसी जगह जहां विदेशी और पाकिस्तानी सभ्रांत जमा होते हैं, हमले के लिए सबसे संभावित स्थल हैं। वहां की यात्रा के दौरान आप हर समय सतर्क रहें। ब्रिटिश कार्यालय ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को देखते हुए नियंत्रण रेखा के समीप स्थित इलाकों में जाने से बचने के लिए कहा है।(एजेंसीज इनपुट्स)

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