
लगता है लोकसभा चुनाव 2019 जरुरत से ज्यादा भारी नज़र आ रहे हैं। चुनाव से पूर्व तो उन पर आरोपों के संकट के बादल मंडला रहे थे, लेकिन इन चुनावों में भी संकट के बादल मंडलाने शुरू हो गए। पिछले कई वर्षों से सुब्रमण्यम स्वामी राहुल की नागरिकता और पासपोर्ट को लेकर प्रश्न करते रहे हैं। दुर्भाग्यवश उनके आरोपों को किसी ने गंभीरता से नहीं लिया। लेकिन एक निर्दलीय उम्मीदवार ने डॉ स्वामी के आरोपों को चर्चा में ले आए।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत कांग्रेस के कई नेता भले ही मंदिरों में जाकर खुद को हिंदू दिखाने की कोशिश कर रहे हों, लेकिन खुद को हिंदू साबित करने के चक्कर में कांग्रेस अध्यक्ष फंसते जा रहे हैं, क्योंकि वे न तो सनातन धर्म के बारे में जानते हैं और न ही पूजा का विधि-विधान जानते हैं। इतना ही नहीं, उनके दादा का नाम भी फिरोज खान गांधी है। जाहिर है वे न तो धर्म से, न संस्कार से और न ही जन्म के आधार पर हिंदू हैं।
अमेठी के रिटर्निंग ऑफिसर राम मनोहर ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नामांकन की जांच को 22 अप्रैल तक स्थगित करने के आदेश दे दिए हैं। एक निर्दलीय उम्मीदवार ध्रुव लाल ने राहुल गांधी के नामांकन संबंधी जानकारियों को लेकर शिकायत दर्ज कराई थी। ध्रुव लाल के वकील रवि प्रकाश ने कहा कि उन्होंने तीन बिंदुओं के आधार पर यह आपत्ति जताई है।
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वकील रवि प्रकाश. फोटो ANI |
प्रकाश ने कहा, 'किस आधार पर राहुल गांधी ने खुद को ब्रिटेन का नागरिक बताया? और ऐसा करने पर उनके पास भारतीय नागरिकता रखने का क्या अधिकार है? हमने रिटर्निंग ऑफिसर से अनुरोध किया है कि मामले के स्पष्ट होने तक राहुल गांधी का नामांकन स्वीकार नहीं किया जाए।'
वकील ने यह भी कहा कि राहुल गांधी ने हलफनामे में अपनी साल 2003 से 2009 के बीच यूके में संपत्तियों को लेकर कोई जानकारी नहीं दी है। राहुल गांधी की शैक्षणिक योग्यता पर सवाल उठाते हुए रवि प्रकाश ने कहा, 'राहुल गांधी की ओर से बताई गई योग्यता उनके दस्तावेजों पर मौजूद योग्यता से मेल नहीं खाती है। कई डॉक्यूमेंट्स पर उनका नाम राहुल विंसी बताया गया है जब कई दस्तावेजों में उनका नाम राहुल गांधी भी है। हम पूछ रहे हैं कि क्या राहुल गांधी और राहुल विंसी एक ही व्यक्ति है। इस बारे में स्पष्टीकरण देने की जरूरत है।' राहुल गांधी के नामांकन पर सवाल उठने के बाद बीजेपी भी हमलावर हो गई है। प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए पार्टी ने भी राहुल गांधी नागरिकता पर सवाल खड़े किए हैं।

बीजेपी प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा ने कहा कि राहुल गांधी और उनके वकील राहुल कौशिक अमेठी में नामांकन पत्र पर रिटर्निंग अफसर के ऑब्जेक्शन का जवाब नहीं दे सके हैं। उनको 22 तारीख का टाइम दिया गया है। ये आश्चर्य की बात है कि उनके पास जवाब नहीं था. कांग्रेस और राहुल गांधी को जवाब देना पड़ेगा।
बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि राहुल से जुड़ा दूसरा मामला उनकी शैक्षणिक योग्यता को लेकर है। बीए के बाद राहुल को एक साल के बाद एमफिल की डिग्री मिल गई। 2014 में उनका सब्जेक्ट बदल गया। इतने सारे कंफ्यूजन पर राहुल गांधी को जवाब देना होगा। ट्रिनिटी कॉलेज में 2004 में किसी राहुल विन्ची को M PHIL की डिग्री दी गई। क्या वो हमारे राहुल गांधी ही हैं?
जीवीएल नरसिम्हा ने कहा कि तीसरा मामला है राहुल गांधी के इंवेस्टमेंट को लेकर है। वह बैक ऑप्स कंपनी में डायरेक्टर थे। उसकी इनकम का कहीं जिक्र नहीं है। यूनिटेक की प्रॉपर्टी कैसे हासिल की। उम्मीद है कि इसकी पूरी जानकारी राहुल गांधी सामने रखेंगे।
अमेठी से ही चुनाव लड़ रहे एक निर्दलीय उम्मीदवार ध्रुव लाल ने राहुल गांधी की नागरिकता पर सवाल उठाते हुए उनके नामांकन पत्र की जांच की मांग की थी। उनके वकील रवि प्रकाश का कहना है कि ब्रिटेन की एक रजिस्टर्ड कंपनी के दस्तावेजों में उन्होंने अपनी ब्रिटिश नागरिकता का उल्लेख किया है और गैर भारतीय देश में चुनाव नहीं लड़ सकता है।
रवि प्रकाश का कहना है कि इसके साथ ही राहुल शैक्षणिक सर्टिफिकेट में भी कई सारी गलतियां हैं। उन्होंने मांग की कि राहुल गांधी के असली शैक्षणिक दस्तावेज सामने आने चाहिए। बता दें राहुल गांधी केरल की वायनाड से भी चुनाव लड़ रहे हैं। वह वहां भी अपना नामांकन दाखिल कर चुके हैं।
शरिया अदालत लागू करने का राहुल ने किया वादा
सूत्रों के अनुसार राहुल गांधी ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की मांगें भी मान ली। कहा जा रहा है कि राहुल गांधी ने ये वादा किया कि अगर वे 2019 में देश के प्रधानमंत्री बने तो देश के हर जिले में शरिया अदालत बनाने की मांग पूरी कर देंगे।
राहुल के आदेश से हिंदुओं को ‘गाली’ दे रहे कांग्रेसी!
पिछले साल 11 जुलाई को कांग्रेस नेता शशि थरूर ने हिंदुओं को कट्टरपंथी बताते हुए ‘हिंदू पाकिस्तान’ की बात कही। इसके बाद 13 जुलाई को दिग्विजय सिंह ने हिंदुओं को कट्टरपंथी कहा और भारत के पाकिस्तान बन जाने की बात कही। खबर है कि यह सब राहुल गाधी के आदेश से किया जा रहा है। गौरतलब है कि 11 जुलाई को ही राहुल गांधी ने मुस्लिम बुद्धिजीवियों से मुलाकात की थी और मुलाकात से पहले और बाद वह यही संदेश देना चाहते हैं कि मुस्लिमों की असल हितैषी कांग्रेस है।
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