
कभी भी वीजा पर रोक लगा सकता है अमेरिका
अमेरिका के स्टेट डिपार्टमेंट ने शुक्रवार को कहा कि फेडरल रजिस्टर द्वारा 22 अप्रैल, 2019 को जारी नोटिफेशन के माध्यम से पाकिस्तान पर कई प्रतिबंध लगाए गए हैं। हालांकि अभी तक पाकिस्तान में काउंसलर ऑपरेशन में कोई बदलाव नहीं किया गया है, लेकिन जल्द कार्यवाही नहीं होने पर अमेरिका वीजा पर रोक लगा सकता है और इसकी शुरुआत वरिष्ठ अधिकारियों से होगी।
पाक पर लागू होता है अमेरिका का अवैध नागरिकता कानून
पाकिस्तान उन देशों में शामिल है, जिन पर अमेरिका का अवैध नागिरक संबंधी कानून लागू होता है। इस कानून के मुताबिक, अमेरिका से प्रत्यर्पित किए गए और वीजा अवधि समाप्त होने के बाद भी रह रहे अपने नागरिकों को जो देश वापस नहीं लेंगे उनके नागरिकों को अमेरिकी वीजा नहीं दिया जाएगा। वहीं पाकिस्तान ने अमेरिका के इस कानून की अवहेलना करते हुए अपने नागिरकों को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है। इसके चलते अमेरिका को यह वार्निंग देनी पड़ी है।
इस लिस्ट में शामिल हैं 10 देश
अब पाकिस्तान उन 10 देशों की लिस्ट में शामिल हो गया है, जिन पर अमेरिका ने इस तरह के प्रतिबंध लगाए हैं। गौरतलब है कि इन देशों में से 8 देश ऐसे हैं, जिन पर ट्रम्प सरकार वीजा प्रतिबंध लगा चुकी है। इस साल इस लिस्ट में घाना और पाकिस्तान को भी शामिल किया गया है।
हालांकि, विदेश विभाग ने पाकिस्तान पर इन प्रतिबंधों के असर को कम करने की कोशिश की है। विदेश विभाग के एक प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान में दूतावास से संबंधित कामकाज में फिलहाल कोई बदलाव नहीं होगा। विदेश विभाग के मुताबिक, यह अमेरिका और पाकिस्तानी दोनों देशों की सरकारों के बीच चल रहा द्विपक्षीय मुद्दा है।
हालांकि, विदेश विभाग ने पाकिस्तान पर इन प्रतिबंधों के असर को कम करने की कोशिश की है। विदेश विभाग के एक प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान में दूतावास से संबंधित कामकाज में फिलहाल कोई बदलाव नहीं होगा। विदेश विभाग के मुताबिक, यह अमेरिका और पाकिस्तानी दोनों देशों की सरकारों के बीच चल रहा द्विपक्षीय मुद्दा है।
पाकिस्तान की बढ़ सकती हैं मुश्किलें
उधर, अमेरिका में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत हुसैन हक्कानी ने माना कि इससे पाकिस्तान के लिए मुश्किलें पैदा हो सकती है। उन्होंने कहा कि इस कदम से अमेरिका में यात्रा के इच्छुक पाकिस्तानियों के लिए मुश्किलें पैदा होंगी। उन्होंने कहा कि इससे बचा जा सकता था अगर पाकिस्तानी अधिकारियों ने प्रत्यर्पण की कानूनी कार्रवाई के संबंध में अमेरिका के अनुरोधो को नजरअंदाज नहीं किया होता। उन्होंने कहा कि अमेरिका से प्रत्यर्पित किए अपने नागरिकों को स्वीकार करने से पाकिस्तान द्वारा इनकार करना कोई नई बात नहीं है।
माना जा रहा है कि अगर पाकिस्तान अपने रुख पर कायम रहता है तो ऐसे हालात भी पैदा हो सकते हैं कि उसके नागरिकों को अमेरिका की सीमा में दाखिल होने की इजाजत ही न मिल सके। यहां तक कि पाकिस्तान के अधिकारियों को भी इस मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है।
माना जा रहा है कि अगर पाकिस्तान अपने रुख पर कायम रहता है तो ऐसे हालात भी पैदा हो सकते हैं कि उसके नागरिकों को अमेरिका की सीमा में दाखिल होने की इजाजत ही न मिल सके। यहां तक कि पाकिस्तान के अधिकारियों को भी इस मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है।
पाकिस्तान की बढ़ सकती हैं मुश्किलें
उधर, अमेरिका में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत हुसैन हक्कानी ने माना कि इससे पाकिस्तान के लिए मुश्किलें पैदा हो सकती है। उन्होंने कहा कि इस कदम से अमेरिका में यात्रा के इच्छुक पाकिस्तानियों के लिए मुश्किलें पैदा होंगी। उन्होंने कहा कि इससे बचा जा सकता था अगर पाकिस्तानी अधिकारियों ने प्रत्यर्पण की कानूनी कार्रवाई के संबंध में अमेरिका के अनुरोधो को नजरअंदाज नहीं किया होता। उन्होंने कहा कि अमेरिका से प्रत्यर्पित किए अपने नागरिकों को स्वीकार करने से पाकिस्तान द्वारा इनकार करना कोई नई बात नहीं है।
माना जा रहा है कि अगर पाकिस्तान अपने रुख पर कायम रहता है तो ऐसे हालात भी पैदा हो सकते हैं कि उसके नागरिकों को अमेरिका की सीमा में दाखिल होने की इजाजत ही न मिल सके। यहां तक कि पाकिस्तान के अधिकारियों को भी इस मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है।
माना जा रहा है कि अगर पाकिस्तान अपने रुख पर कायम रहता है तो ऐसे हालात भी पैदा हो सकते हैं कि उसके नागरिकों को अमेरिका की सीमा में दाखिल होने की इजाजत ही न मिल सके। यहां तक कि पाकिस्तान के अधिकारियों को भी इस मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है।
No comments:
Post a Comment