कर्नाटक में गरम है माहौल; गठबन्धन सरकार पर संकट के बादल

डी के शिवकुमार
भारतीय जनता पार्टी द्वारा प्रचंड बहुमत से वापसी करने पर देश के कई नेताओं के भविष्य पर प्रश्नचिन्ह लगा दिए हैं। 
कर्नाटक में सियासी उठापठक जारी है। राजनीतिक हलचल और संकट का दौर एक बार फिर शुरू हो गया है। कांग्रेस के विधायक खुद इस बात के गवाह बन रहे हैं कि राज्य में सरकार शायद लंबे समय तक चल पाए। इन सबके बीच कर्नाटक सरकार में मंत्री डी के शिवकुमार ने कहा कि यह मुझे पता है कि कौन जीता और किसके खाते में हार आई है। सामान्य तौर पर उन्हें कुछ संदेश मिलते हैं। लेकिन वो गांधी जी के सिद्धांतों का पालन कर रहे हैं। जैसे बुरा मत सुनो, बुरा मत बोलो और बुरा मत देखो। 
Karnataka Minister DK Shivakumar in Benagluru: I just know who won and who lost. I don't have further details. Usually I get messages, I don't know anything further. I'm just following Gandhi ji's theory "Don't hear bad, don't speak bad and don't see bad." (27.05.2019) pic.twitter.com/RAChLT9GFX
— ANI (@ANI) May 28, 2019
कर्नाटक में राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) लोकसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन करने के बाद अपनी सक्रियता बढ़ा दी है जिससे कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार के कान खड़े हो गए हैं। भाजपा ने दावा किया है कि कांग्रेस के करीब 15 से 20 विधायक उसके संपर्क में हैं। भाजपा के इस दावे के बाद कांग्रेस हरकत में आ गई है और उसने 29 मई को विधायकों की आपात बैठक बुलाई है। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस के एक दर्जन से ज्यादा विधायक इस्तीफा दे सकते हैं जिसके बाद कुमारस्वामी सरकार अल्पमत में आ जाएगी। 
कांग्रेस-जेडीएस सरकार पर संकट के बादल पहले भी मंडराते रहे हैं लेकिन गठबंधन ने हर बार अपनी सरकार संभाल ली है। इस सरकार में बीच-बीच में असंतोष के स्वर भी सुनाई दिए। सरकार बनने के पूर्व से ही कांग्रेस और जेडी-एस नेताओं के बीच तालमेल की कमी दिखी है और दोनों दल के नेताओं ने एक दूसरे के खिलाफ बयान दिया।
सरकार पर मंडराते खतरे को कांग्रेस ने अपनी 'रिसॉर्ट पॉलिटिक्स' से दूर करते आई है लेकिन लोकसभा चुनाव के नतीजे उस पर भारी पड़ सकते हैं। कांग्रेस को आशंका है कि चुनाव नतीजे भाजपा के पक्ष में देख उसके कुछ विधायक पाला बदल सकते हैं। 
कर्नाटक में भाजपा नेताओं का दावा है कि कांग्रेस के करीब 20 विधायक उसके संपर्क में हैं। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस के दर्जन विधायक अपने पद से इस्तीफा से दे सकते हैं। विधायकों के इस्तीफे के बाद कुमारस्वामी सरकार अल्पमत में आ जाएगी।
सूत्रों का यह भी कहना है कि भाजपा राज्य में सरकार बनाने की कोशिश नहीं करेगी बल्कि वह राज्य में नए सिरे से चुनाव कराएगी। कर्नाटक की लोकसभा की 28 सीटों में से भाजपा ने इस बार 25 सीटों पर जीत दर्ज की है। कांग्रेस और जेडीएस के खाते में एक-एक सीटें आई हैं। एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार विजयी हुआ है।
कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस-जद (एस) सरकार की चिंताओं को और बढ़ाते हुए कांग्रेस नेता के एन रजन्ना ने मई 27 को उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वर पर तीखा निशाना साधा और दावा किया कि राज्य की मौजूदा गठबंधन सरकार 10 जून के बाद नहीं रहेगी। परमेश्वर पर निशाना साधते हुए रजन्ना ने कहा, ‘यह सरकार अब तक गिर गयी होती...मुझे पता चला है कि चूंकि मोदी 30 मई को शपथ ले रहे हैं (प्रधानमंत्री के रूप में), ऐसे में उनकी पार्टी (भाजपा) में फैसला किया गया है कि कुछ भी नहीं किया जाए। यह सरकार अधिक से अधिक 10 जून तक रहेगी। 

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