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मिजोरम पुलिस की जांच मे पता चला कि ये भी मानव तस्करी करने वाले सिंडीकेट के जरिये भारत में दाखिल हुए थे..(फाइल फोटो) |
इस महीने 5 मई के दिन ऐसे ही एक 12 लोगों के ग्रुप को मिजोरम पुलिस हिरासत में लिया था, जब इनसे पूछताछ की गई तो पता चला कि ये भी रोहिंग्या मुस्लिम हैं जो बंग्लादेश के रास्ते मिजोरम में दाखिल हुए। इन 12 लोगों में 8 महिलायें और 4 बच्चे भी शामिल थे। केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने बीएसएफ और आसाम राईफ्लस से होने वाली इस घुसपैठ पर रिपोर्ट मांगी है।
मिजोरम पुलिस की जांच मे ये भी पता चला कि ये भी मानव तस्करी करने वाले सिंडीकेट के जरिये भारत में दाखिल हुए थे। ठीक इसी तरह 8 रोहिंग्या महिलाओं को पिछले महीने अप्रैल में मिजोरम पुलिस ने पकड़ा था और इन सभी ने ये बताया था कि वो 19 अप्रैल के दिन ट्रक के जरिये मिजोरम में दाखिल हुए थे। सुरक्षा एजेंसियों की तरफ से भेजी गई रिपोर्ट के मुताबिक ज्यादातर रोहिंग्या मुसलमानों ने बंग्लादेश के रास्ते मिजोरम में दाखिल होने की बात बताई है। हम आपको बता दे कि मिजोरम और बंग्लादेश की सीमा पर बार्डर सिक्युरिटी फोर्स यानि बीएसएफ तैनात है ऐसे में इतनी कड़ी चौकसी के बावजूद रोहिंग्या के भारत में बड़ी आसानी से अवैध घुसपैठ कर रहे हैं।
गृह मंत्रालय से जुड़े एक अधिकारी के मुताबिक, मिजोरम से सटे भारत -बंग्लादेश सीमा पूरी तरह सील है और बीएसएफ सीमा की निगरानी करती है ऐसे में इन रास्तों के जरिये घुसपैठ की हम पूरी जानकारी ले रहे हैं। हो सकता है कि मिजोरम और म्यामांर के सीमा से सटे इलाकों के जरिये भी राहिंग्या ने घुसपैठ की कोशिश की हो। हम इस मामले में बीएसएफ और आसाम राईफ्लस की रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं।
खुफिया एजेंसियों ने आसाम और मिजोरम सीमा पर स्थित वैरनगेट पुलिस चेक पोस्ट (Vairengte Police Check post) को काफी संवेदनशील बताया है क्योंकि इस रास्ते के जरिये मानव तस्करी करने वाला सिंडीकेट काफी सक्रिय है। जानकारों के मुताबिक रोहंग्यां मानव तस्कर करने वाले सिंडीकेट के जरिये पहले मिजोरम में दाखिल होते हैं और उसके बाद धीरे-धीरे देश के दूसरे राज्यों में चले जाते हैं। तमाम सक्रिय सिंडिकेट के बदौलत वो वोटर आईडी कार्ड से लेकर राशन कार्ड तक का इंतजाम कर लेते हैं और ऐसे में कुछ दिनों के बाद अवैध घुसपैठियों की पहचान करना बेहद मुश्किल हो जाता है। (एजेंसीज इनपुट्स)
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