सेंसर चिप
बेंगलुरू स्थित कंपनी ‘स्मार्ट क्रिकेट’ ने बल्ले के सेंसर के लिये एक खास चिप तैयार की है जिसका उपयोग वार्नर कर रहे हैं ताकि उन्हें जसप्रीत बुमराह जैसे गेंदबाजों का सामना करने में मदद मिले. सेंसर चिप बल्ले के हैंडल के ऊपर लगाई जाती है. बल्लेबाज जब तक बल्लेबाजी कर रहा होता है तब तक चिप जो भी आंकड़े हासिल करती है वे ‘क्लाउड स्टोरेज’ के जरिये मोबाइल ऐप में संग्रहीत हो जाते हैं.
बेंगलुरू स्थित कंपनी ‘स्मार्ट क्रिकेट’ ने बल्ले के सेंसर के लिये एक खास चिप तैयार की है जिसका उपयोग वार्नर कर रहे हैं ताकि उन्हें जसप्रीत बुमराह जैसे गेंदबाजों का सामना करने में मदद मिले. सेंसर चिप बल्ले के हैंडल के ऊपर लगाई जाती है. बल्लेबाज जब तक बल्लेबाजी कर रहा होता है तब तक चिप जो भी आंकड़े हासिल करती है वे ‘क्लाउड स्टोरेज’ के जरिये मोबाइल ऐप में संग्रहीत हो जाते हैं.
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वार्नर को बल्ले के सेंसर से कुछ दिलचस्प आंकड़े मिले है. माना जा रहा है कि उनके बल्ले की गति 79 किमी प्रति घंटे है. अतुल श्रीवास्तव, जिनकी कंपनी ने आईसीसी के साथ करार किया है, ने कहा, ‘‘मैं पक्के तौर पर नहीं कह सकता कि वार्नर मैच के दौरान सेंसर का उपयोग कर रहा है या नहीं लेकिन वह अभ्यास सत्र में इसका उपयोग करता है.’’
भारत के पूर्व टेस्ट विकेटकीपर और क्रिकेट विश्लेषक दीप दासगुप्ता ने कहा कि सेंसर से मिलने वाले आंकड़े पेशेवर खिलाड़ियों के लिये उपयोगी साबित हो सकते हैं. दासगुप्ता ने कहा, ‘‘पहले कोच बैकलिफ्ट के कोण या बल्ले की गति या बल्ले और शरीर के बीच दूरी के लिये अपने नैसर्गिक कौशल का उपयोग करते थे. मेरा मानना है कि अगर सटीक आंकड़े कोच की मदद कर सकते हैं तो इनका उपयोग किया जाना चाहिए.’’
अवलोकन करें:-
वर्तमान में भारत का कोई भी खिलाड़ी बल्ले पर सेंसर का उपयोग नहीं कर रहा है जो निकट भविष्य में बल्लेबाजों के लिये उपयोगी साबित हो सकता है.
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