भूख से तडप रहे ISIS में शामिल केरल के युवक ने परिजनों को फोन कर घर वापस आने की जताई इच्छा

आतंकी संगठन आईएसआईएस में शामिल हुए केरल के एक युवक ने अपने घर फोन कर वापस आने की इच्छा जताई है। 25 साल का ये युवक इस्लामिक स्टेट की ओर से सीरिया में लड रहा है। किंतु अब वह अपने घर वापस आना चाहता है। इस युवक ने अपने परिजनों के ऐसे वक्त में फोन किया है जब इस आतंकी संगठन के तथाकथित खलीफा का पतन हो चुका है। फोन कर इस युवक ने अपने परिवार को बताया कि, यहां मौजूद आईएस के सदस्य बहुत गरीबी में हैं और वह खाने के लिए लड़ाई कर रहे हैं।
शंका व्यक्त की जा रहीं है कि आतंकवादी संगठनों के विरुद्ध विश्व को एक एकजुट करने वाले देश यानि भारत में ही जाल बिछाकर अपनी गतिविधियों को अंजाम दो। अगर सरकार द्वारा गिरफ्तार किया जाने की स्थिति में वहाँ आधी रात को कोर्ट खुलवाने वाले वकीलों की कमी नहीं। जबकि यहाँ अमेरिका सैनिको द्वारा गिरफ्तार करने पर कोई हमारे पक्ष में कोई खड़ा वाला और हमें न जाने कितनी यातनाओं को झेलना पड़ेगा। 
इस आतंकवादी संगठन में सम्मिलित होने वाले अधिकतर कश्मीर और केरल के ही युवक और युवतियाँ सामने आ रही है। जो संगठन दूसरे देशों में अपना जाल बिछाने को बेताब है, वहाँ भुखमरी अथवा धन की कमी होने का सोंचना बेवकूफी होगी।    
फिरोज उर्फ फिरोज खान केरल के कासरगोड़ के इलामबाची गांव का रहने वाला है। वह उन दर्जनों युवाओं में शामिल है जो ISIS में शामिल होने के लिए जून 2016 में घर छोडकर चले गए थे। इनमें से ज्यादातर लोग अफगानिस्तान चले गए। वहीं फिरोज गैर कानूनी तरीके से सीरिया में प्रवेश कर गया।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, एक करिबी रिश्तेदार ने बताया कि,”हमें पिछले महीने फिरोज का फोन आया था। उसने अपनी मां हबीबा से बात की और घर वापस आने और आत्मसमर्पण करने की इच्छा जाहिर की। यह फोन तब आया जब अमेरिकी सेनाओं ने सीरिया के खलीफा को मार गिराया। उसने अपनी मां को बताया कि वह बहुत परेशानी, गरीबी में है और खाने के लिए लड़ रहा है।”
फिरोज के रिश्तेदारों के मुताबिक, उसने अपने परिवार को बताया कि आईएस ने मलेशिया की एक लड़की के साथ उसकी शादी करवाई। जिसने बाद में उसे छोड़ दिया। उन्होंने कहा, “फिरोज यह जानना चाहता था कि क्या वापस घर आने पर उसे किसी केस का सामना करना पड़ेगा। वह आत्मसमर्पण करना चाहता है लेकिन यह नहीं बताया कि वह ऐसा कहां करने की योजना बना रहा है। इसके बाद से हमारी उससे कोई बात नहीं हुई।”
अवलोकन करें:-

About this website

NIGAMRAJENDRA.BLOGSPOT.COM
मेलबर्न : ऑस्ट्रेलिया के विश्वविद्यालय में पढने वाली एक बांग्लादेशी छात्रा को 42 साल जेल की सजा सुनाई गई। उसने आईएस....

खुफिया एजेंसियों को पता चला है कि केरल के कन्नूर जिले के कई युवा इस्लामिक स्टेट के लिए लड़ने को सीरिया गए थे। पिछले साल कन्नूर के कूडाली के ३२ साल के शाहजहां वल्लूवाकंडी को तुर्की से उस समय डिपोर्ट कर दिया गया जब वह सीरिया में घुसने की कोशिश कर रहा था।

No comments: