अब 370 पेज के सबूत का क्या करोगे केजरीवाल ?

ट्वीट करते हुए यूजर्स के निशान पर आए केजरीवाल
आर.बी.एल.निगम 
दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का जुलाई 20 की दोपहर निधन हो गया। 81 साल की दीक्षित कुछ समय से बीमार चल रही थीं। जुलाई 19 की सुबह सीने में दर्द की शिकायत के बाद उनको एस्कार्ट्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनके निधन पर सभी दलों के नेताओं ने गहरा शोक व्यक्त किया। वहीं, दिल्ली के मुख्यमन्त्री अरविन्द केजरीवाल ने भी शीला दीक्षित के निधन पर शोक जताते हुए ट्वीट किया, लेकिन इस ट्वीट के बाद वे कई यूजर्स के निशाने पर आ गए।
2013 में दिल्ली विधानसभा चुनावों में केजरीवाल और प्रशांत भूषण इसी शीला दीक्षित के विरुद्ध 370 पृष्ठों के आरोप दिखाकर उन्हें जेल भेजने की बात बोलकर भ्रमित करते रहे, लेकिन इतने वर्ष हो गए मुख्यमंत्री बने, परन्तु आज तक एक भी घोटाले की जाँच तक नहीं करवाई, क्यों?ट्वीट करते हुए यूजर्स के निशान पर आए केजरीवाल 

'आपने उनको अपमानित करने का एक भी मौका नहीं छोड़ा'
'आप उनको गाली देकर जीते'अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की तीन बार सीएम रहीं शीला दीक्षित के निधन पर शोक जताया। उन्होंने ट्वीट किया, 'अभी-अभी शीला दीक्षित के निधन की दुखद खबर सुनी, जो दिल्ली के लिए बहुत बड़ी क्षति है। उनके द्वारा किए गए कार्यो को हमेशा याद किया जाएगा, उनके परिजनों के प्रति मेरी संवेदनाएं, भगवान उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें।'आपने उनको अपमानित करने का एक भी मौका नहीं छोड़ा' 
अरविंद केजरीवाल के ट्वीट पर एक यूजर ने लिखा, 'आपने उनको अपमानित करने का एक भी मौका नहीं छोड़ा, दिल्ली ये याद रखेगी।' एक अन्य यूजर ने केजरीवाल के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, 'शीला दीक्षित अरविंद केजरीवाल से कहीं बेहतर मुख्यमंत्री थीं। आप दिल्ली के सीएम हो, इसलिए आपको मीडिया कवरेज अधिक मिलती है, देवेंद्र फडणवीस आपसे काफी बेहतर सीएम हैं।'
'आप उनको गाली देकर जीते' जबकि एक अन्य यूजर ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, 'आप उनको गाली देकर, करप्शन के आरोप लगातार जीते, आप दिल्ली के लिए त्रासदी साबित हुए हो, आज उनके निधन से दिल्ली शोक में है क्योंकि दिल्ली ने शीला दीक्षित को वापस लाने का मौका गंवा दिया है।' 

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आर.बी.एल.निगम शीला दीक्षित कांग्रेस का बड़ा नाम था। उनको गांधी परिवार का काफी करीबी माना जाता रहा था। शीला दीक्षित ....

दरअसल, दिल्ली के ये दोनों नेता कट्टर राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी रहे। ये वही अरविंद केजरीवाल हैं जिन्होंने 2013 के विधानसभा चुनावों में शीला दीक्षित को हराया था। केजरीवाल ने शीला दीक्षित के 15 सालों तक सीएम रहने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री का पदभार संभाला था। अरविंद केजरीवाल ने शीला दीक्षित पर करप्शन के कई आरोप लगाए थे।

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