आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
बुरे समय में साया भी साथ छोड़ देता है, सदियों से चली आ रही कहावत कांग्रेस के साथ घटित हो रही है।
लोकसभा चुनाव के बाद से कांग्रेस पार्टी के लिए लगातार बुरी खबरें आ रही हैं हाल ही में कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के इस्तीफे को लेकर खासी खींचतान मची रही थी आखिरकार राहुल ने अध्यक्ष पद छोड़ ही दिया। इसके बाद कर्नाटक संकट के रूप में कांग्रेस एक बार फिर सरकार बचाने की पुरजोर कवायद में जुटी है। वहीं इस सारे घटनाक्रम के बीच कांग्रेस के लिए गोवा से ऐसी खबर आई जो उसके लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं थी।
जनता इस भ्रम में नहीं रहे कि भाजपा का जनादेश बढ़ रहा है। इन अवसरवादी और बेपेंदी के लोटों से सतर्क रहने की जरुरत है। जो बुरे समय में पार्टी के नहीं हुए, किसी के नहीं हो सकते। इन लोगों ने भाजपा की शरण केवल अपनी रोजी-रोटी की खातिर ली है, ना कि जनसेवा के लिए। यदि इनमे जनसेवा भावना होती, कांग्रेस में ही रहकर जनसेवा कर सकते थे, लेकिन सवाल होता है कि "सेवा के बदले मेवा कैसे मिलती? पार्टी हित से अधिक इन्हे चिन्ता है कि हमारी तिजोरी का क्या होगा? हमारी रोजी-रोटी कैसे चलेगी? हमारी पीढ़ी 56 भोग कैसे खाएगी? इस कटु सच्चाई को झूठला नहीं सकता, क्योकि इन्हीं अवसरवादियों के कारण राजनीती एक व्यापार बन चुकी है। जनसेवा के नाम पर लूट मची हुई है, जिस कारण महंगाई और टैक्सों की मार जनता पर पड़ रही है।
कांग्रेस के 15 में 10 विधायकों ने बीजेपी की सदस्यता ले ली है। इन विधायकों में अतानासियो मोन्सेराते, जेनिफर मोन्सेराते, फ्रांसिस सिल्वेरा, फिलिप नेरी रॉड्रिग्स, सी डियाज, विल्फ्रेड डीसा, नीलकांत हलारंकार और इसिडोर फर्नांडीज शामिल थे। इन दसों विधायकों ने दिल्ली में बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा के सामने बीजेपी की विधिवत सदस्यता ग्रहण की।
विधायकों ने दिल्ली में बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा के सामने बीजेपी की विधिवत सदस्यता ग्रहण की |
इस झटके के बाद कांग्रेस के पास अब पांच विधायक बचे हैं, इनमें रवि नाइक, प्रताप सिंह राणे,दिगंबर कामत, लुजिन्हो फलेरियो, अलेक्सो रेजिनाल्डो शामिल हैं। बुधवार को नेता विपक्ष चन्द्रकांत कावलेकर के नेतृत्व में विधायकों का समूह विधानसभा अध्यक्ष से मिला और उन्हें कांग्रेस से नाता तोड़ने की जानकारी देते हुए एक पत्र सौंपा।
वहीं गोवा और कर्नाटक के घटनाक्रम पर बीएसपी ने संसद परिसर में बीजेपी का विरोध किया, बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने बीजेपी पर धनबल से विधायकों को तोड़ने का आरोप लगाया है और उन्होंने इससे निपटने के लिए सख्त कानून बनाने की मांग भी की।
विधानसभा में बीजेपी के सबसे ज्यादा 17, गोवा फॉरवर्ड पार्टी के तीन, तीन निर्दलीय विधायक और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी तथा महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी का एक-एक विधायक हैं।
Delhi: 10 Congress MLAs from Goa join BJP in presence of BJP Working President JP Nadda & Goa CM Pramod Sawant.
पार्टी छोड़नेवालों में विपक्षी नेता चंद्रकांत कावलेकर भी शामिल हैं। उन्हीं की अगुवाई में 10 विधायकों ने राज्य विधानसभा स्पीकर से मुलाकात की और पार्टी छोड़ने के अपने फैसले के बारे में बताया इसके साथ ही उन्होंने एक अलग ग्रुप बनाने की बात भी कही था। यह आंकड़ा कांग्रेस के कुल विधायकों की संख्या 15 का दो तिहाई है जिसके चलते इन सभी के ऊपर दल-बदल कानून लागू नहीं हुआ।
बीजेपी एक बार फिर कर्नाटक व गोवा आदि में जिस प्रकार से अपने धनबल व सत्ता का घोर दुरुपयोग करके विधायकों को तोड़ने आदि का काम कर रही है वह देश के लोकतंत्र को कलंकित करने वाला है। वैसे अब समय आ गया है जब दलबदल करने वालों की सदस्यता समाप्त हो जाने वाला सख्त कानून देश में बने।
गौरतलब है कि साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। इन दसों विधायकों के बीजेपी में शामिल हो जाने के बाद कांग्रेस के पास मात्र 5 ही विधायक रह गए हैं। कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल होने वाले चंद्रकांत कावलेकर ने बताया 'हम में से 10 ने आज भाजपा में शामिल हो गए हैं। सिर्फ इसलिए कि सीएम अच्छा काम कर रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपने किए गए वादों को पूरा नहीं कर सकी है।
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