पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने जुलाई 18 को कहा कि पिछली सरकारों की मजबूत नींव के कारण भारत 2024 तक पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से भारतीयों के प्रयासों के कारण सामाजिक और आर्थिक क्षेत्र अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। मुखर्जी ने इस बात को खारिज कर दिया कि मोदी सरकार ने ना केवल पंचवर्षीय योजनाओं को खत्म कर दिया है, बल्कि योजना आयोग को भी खत्म किया है।
उन्होंने कहा, “वित्त मंत्री कह सकती हैं कि भारत 2024 तक पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा क्योंकि मजबूत नींव पहले ही रखी जा चुकी है। ऐसा अंग्रेजों के नहीं बल्कि आजादी के बाद भारतीयों के प्रयासों से संभव हुआ है।”
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मावलंकर हॉल स्थित कॉन्स्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में समृद्ध भारत फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में पूर्व राष्ट्रपति ने कहा, "जो लोग 55 साल के कांग्रेस शासन की आलोचना करते हैं, वे यह बात नज़रअंदाज़ कर देते हैं कि आज़ादी के वक्त भारत कहां था, और हम कितना आगे आ चुके हैं... हां, अन्य लोगों ने भी योगदान दिया, लेकिन आधुनिक भारत की नींव हमारे उन संस्थापकों ने रखी थी, जिन्हें योजनाबद्ध अर्थव्यवस्था में मज़बूती से भरोसा था, जबकि आज ऐसा नहीं है, जब योजना आयोग को ही खत्म कर दिया गया है..."
डॉ प्रणब मुखर्जी ने कहा, "जो 50-55 साल के कांग्रेस शासन की आलोचना करते हैं, वे यह भूल जाते हैं कि हमने कहां से शुरू किया था, और कहां जाकर छोड़ा था... अगर भारत की अर्थव्यवस्था को 50 खरब अमेरिकी डॉलर तक ले जाना है, तो हमने 18 खरब डॉलर की मज़बूत नींव छोड़ी थी, जो लगभग शून्य से शुरू हुई थी..."
उन्होंने कहा कि भारत को भविष्य में 50 खरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बना पाने की नींव पिछली सरकारों ने रखी थी, जिनमें जवाहरलाल नेहरू, डॉ मनमोहन सिंह और पी.वी. नरसिम्हा राव की सरकारें भी शामिल थीं.
पूर्व राष्ट्रपति ने कहा, "वित्तमंत्री ने बजट पेश करते हुए कहा था कि वर्ष 2024 तक भारत की अर्थव्यवस्था 50 खरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जाएगी... लेकिन यह दर्जा आसमान से उतरकर नहीं आएगा... इसके लिए मज़बूत नींव मौजूद है, और उस नींव को अंग्रेज़ों ने नहीं, आज़ादी के बाद हिन्दुस्तानियों ने ही बनाया था..."
डॉ प्रणब मुखर्जी ने कहा, "भारत ने तेज़ी से तरक्की की, क्योंकि जवाहरलाल नेहरू तथा अन्य ने IIT, ISRO, IIM, बैंकिंग नेटवर्क आदि की स्थापना की... इसे डॉ मनमोहन सिंह और नरसिम्हा राव द्वारा अर्थव्यवस्था का उदारीकरण करने से भी मदद मिली, जिससे भारत की आर्थिक संभावनाएं बेहद बढ़ गईं... उसी बुनियाद पर वित्तमंत्री आज यह दावा कर सकते हैं कि भारत 50 खरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा..."
मुखर्जी ने कहा कि मंगलयान को सफल जादू से नहीं बनाया गया है बल्कि निरंतर प्रयासों से जमीनी स्तर पर काम हुआ है। उन्होंने अंग्रेजों द्वारा शोषण और उससे भारत आजादी के बाद कैसे बाहर निकला इस बारे में बताया। बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया गया था। जिसमें उन्होंने भारत को आने वाले सालों में 5 हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की बात कही गई थी।(इनपुट ANI से)
उन्होंने कहा, “वित्त मंत्री कह सकती हैं कि भारत 2024 तक पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा क्योंकि मजबूत नींव पहले ही रखी जा चुकी है। ऐसा अंग्रेजों के नहीं बल्कि आजादी के बाद भारतीयों के प्रयासों से संभव हुआ है।”
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मावलंकर हॉल स्थित कॉन्स्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में समृद्ध भारत फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में पूर्व राष्ट्रपति ने कहा, "जो लोग 55 साल के कांग्रेस शासन की आलोचना करते हैं, वे यह बात नज़रअंदाज़ कर देते हैं कि आज़ादी के वक्त भारत कहां था, और हम कितना आगे आ चुके हैं... हां, अन्य लोगों ने भी योगदान दिया, लेकिन आधुनिक भारत की नींव हमारे उन संस्थापकों ने रखी थी, जिन्हें योजनाबद्ध अर्थव्यवस्था में मज़बूती से भरोसा था, जबकि आज ऐसा नहीं है, जब योजना आयोग को ही खत्म कर दिया गया है..."
डॉ प्रणब मुखर्जी ने कहा, "जो 50-55 साल के कांग्रेस शासन की आलोचना करते हैं, वे यह भूल जाते हैं कि हमने कहां से शुरू किया था, और कहां जाकर छोड़ा था... अगर भारत की अर्थव्यवस्था को 50 खरब अमेरिकी डॉलर तक ले जाना है, तो हमने 18 खरब डॉलर की मज़बूत नींव छोड़ी थी, जो लगभग शून्य से शुरू हुई थी..."
उन्होंने कहा कि भारत को भविष्य में 50 खरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बना पाने की नींव पिछली सरकारों ने रखी थी, जिनमें जवाहरलाल नेहरू, डॉ मनमोहन सिंह और पी.वी. नरसिम्हा राव की सरकारें भी शामिल थीं.
पूर्व राष्ट्रपति ने कहा, "वित्तमंत्री ने बजट पेश करते हुए कहा था कि वर्ष 2024 तक भारत की अर्थव्यवस्था 50 खरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जाएगी... लेकिन यह दर्जा आसमान से उतरकर नहीं आएगा... इसके लिए मज़बूत नींव मौजूद है, और उस नींव को अंग्रेज़ों ने नहीं, आज़ादी के बाद हिन्दुस्तानियों ने ही बनाया था..."
डॉ प्रणब मुखर्जी ने कहा, "भारत ने तेज़ी से तरक्की की, क्योंकि जवाहरलाल नेहरू तथा अन्य ने IIT, ISRO, IIM, बैंकिंग नेटवर्क आदि की स्थापना की... इसे डॉ मनमोहन सिंह और नरसिम्हा राव द्वारा अर्थव्यवस्था का उदारीकरण करने से भी मदद मिली, जिससे भारत की आर्थिक संभावनाएं बेहद बढ़ गईं... उसी बुनियाद पर वित्तमंत्री आज यह दावा कर सकते हैं कि भारत 50 खरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा..."
मुखर्जी ने कहा कि मंगलयान को सफल जादू से नहीं बनाया गया है बल्कि निरंतर प्रयासों से जमीनी स्तर पर काम हुआ है। उन्होंने अंग्रेजों द्वारा शोषण और उससे भारत आजादी के बाद कैसे बाहर निकला इस बारे में बताया। बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया गया था। जिसमें उन्होंने भारत को आने वाले सालों में 5 हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की बात कही गई थी।(इनपुट ANI से)
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