गुजरात के बासनकांठा में ठाकोर समुदाय में कुंवारी लड़कियों के मोबाइल फोन रखने पर प्रतिबंध

mobile phone
21वीं सदी जहां महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है। उसी समाज में समय-समय पर महिलाओं को दबाने के लिए तुगलकी फरमान जारी किए जाते हैं। गुजरात के बानसकांठा में एक ऐसा ही तुगलकी फरमान सामने आया है। बानसकांठा के दांतीवाड़ा गांव में ठाकोर समुदाय ने अविवाहित लड़कियों के मोबाइल फोन इस्तेमाल पर बैन लगाने का फरमान लगाया है। ठाकोर समुदाय ने जुलाई 14 को गांव में एक बैठक की, जिसमें ये फैसला लिया गया। 
पिता पर लगेगा डेढ़ लाख का जुर्माना
ठाकोर समुदाय के नए नियम के मुताबिक, अविवाहित लड़कियों को मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं करना है। फरमान में यह भी कहा गया है कि अगर किसी लड़की ने इस नियम को तोड़ा तो उसे कड़ी सजा सुनाई जाएगी। सजा के अलावा लड़की के पिता से 1.50 लाख (डेढ़ लाख) रुपए जुर्माने के तौर पर वसूले जाएंगे।
अगर ये नियम लागू हो जाता है तो ये बानसकांठा के दांतीवाड़ा गांव के साथ कोटजा, गगूदा, ओडवा, हरियावाड़ा, मरपुरिया, शेरगढ़, तेलपुरा, रंदौल, रतनपुर, दनारी और वेलावास जैसे आसपास के गांवों में भी लागू हो माना जाएगा।
Mobile phones for unmarried women तरक्की करते हुए हम जमीन से लेकर चांद और मंगल ग्रह तक पहुंच चुके हैं। इतना ही नहीं हमारे देश की महिलाएं घर गृहस्थी से लेकर राजनीति के सर्वोच्च शिखर पर पहुंचकर पुरुषों के समकक्ष खड़ी हुईं हैं यानी हर क्षेत्र में वह पुरुषों से बराबरी करती हुईं नजर आई हैं। लेकिन हमारे समाज के दकियानूस लोग उन्हें किसी न किसी तरीके से रोकने की कोशिश कर रहे हैं। इसका उदाहरण एक बार फिर गुजरात के बनासकांठा जिले में मिला। यहां ठाकोर समुदाय के लोगों ने तुगलकी फरमान सुनाते हुए कहा कि जो महिलाएं शादीशुदा नहीं हैं वे अपने पास कहीं भी मोबाइल फोन नहीं ले जा सकती हैं। साथ इस समुदाय के लोगों ने कहा कि अगर कोई युवक युवती अंतरजातीय शादी करते हैं तो उनके मां-बाप पर जुर्माना लगाया जाएगा। दांतीवाड़ा तालुका के 12 गांवों के समुदाय के बुजुर्गों ने 14 जुलाई को बैठक की और सर्वसम्मति से इस फैसले को पास कर दिया। मंगलवार को  इस समुदाय के लोगों ने इस फरमान के बारे में बताया।
कांग्रेस विधायक गनीबेन ठाकोर ने मीडिया से कहा कि उन्होंने लड़कियों के लिए मोबाइल फोन पर प्रतिबंध लगाने के कदम में कुछ भी गलत नहीं लगा। उन्होंने कहा कि उन्हें टैक्नोलॉजी से दूर रहना चाहिए और पढ़ाई-लिखाई में अधिक समय बिताना चाहिए। मीटिंग में जारी किए गए फरमान के अनुसार, 'अविवाहित महिला को मोबाइल फोन नहीं दिया जाना चाहिए। अगर वे मोबाइल फोन के साथ पकड़ी जाती हैं, तो उनके मां-बाप को जिम्मेदार माना जाएगा।' समुदाय के एक अन्य नेता ने कहा कि मां-बाप को अपने कॉलेज जाने वाली बेटियों को मोबाइल फोन नहीं देने के लिए कहा गया है ताकि वे पढ़ाई पर अधिक ध्यान केंद्रित कर सकें।
मीटिंग के दौरान नेता ने कहा कि इस समुदाय के बच्चों द्वारा अंतर-जातीय विवाह करने पर मां-बाप पर 1.5 लाख रुपए और 2 लाख रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। हमने लड़कियों को मोबाइल फोन के इस्तेमाल करने से रोकने का फैसला किया है ताकि वे पढ़ाई पर अधिक ध्यान केंद्रित करें। यह नियम समुदाय के सभी कॉलेज जाने वाले युवक-युवतियों पर लागू होगा क्योंकि वे वीडियो बनाने और समय बर्बाद करने के लिए मोबाइल फोन का उपयोग करते हैं।
दांतीवाड़ा के इस समुदाय के नेता सुरेश ठाकोर ने कहा, 'समुदाय टैबलेट और लैपटॉप की पेशकश करेगा ताकि वे अपने अध्ययन को बेहतर कर सकें।' मीटिंग मे इसके अलावे भी कई फैसले लिए गए। जिसमें शादी में अनावश्यक खर्च को कम करना जैसे डीजे, पटाखों, बड़े प्रोसेशन्स शामिल हैं। इससे बचाए गए रुपयों को इस्तेमाल समुदाय के सदस्यों की शिक्षा-दीक्षा पर खर्च किया है।
मीटिंग में बुजुर्गों ने कहा गया कि जो भी इन नियमों की धज्जियां उड़ाएगा उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। बनासकांठा जिले के वाव तालुका से विधायक गनीबेन ठाकोर को समुदाय के नेताओं का समर्थन मिला। उन्होंने मीडिया से कहा कि जहां तक मोबाइल फोन का सवाल है, जो बेटियां अविवाहित हैं, उन्हें टैक्नोलॉजी से दूर रहना चाहिए और पढ़ाई में ज्यादा समय देना चाहिए। इसमें कुछ भी गलत नहीं है।
विधायक अल्पेश ठाकोर ने कहा कि  वह उन फैसलों का स्वागत करते हैं जो शादियों पर होने वाले अनावश्यक खर्च को कम करते हैं ताकि शिक्षा पर अधिक पैसा खर्च किया जा सके। उन्होंने कहा कि कुछ फैसलों का स्वागत है। शादी, डीजे, आदि पर अनावश्यक खर्च को कम करने का निर्णय अच्छा है। जहां तक मोबाइल फोन के इस्तेमाल करने का सवाल है, मैं कहूंगा कि यह जेंडर-न्यूट्रल होना चाहिए। मोबाइल फोन रखने से उन्हें पढ़ाई में मदद मिलेगी।

No comments: