आर.बी.एल.निगम
मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार में दर्जा प्राप्त मंत्री कंप्यूटर बाबा ने दावा किया है कि भाजपा के चार और विधायक जल्दी ही कांग्रेस में शामिल होंगे। चार और भाजपा विधायकों के कांग्रेस पार्टी में शामिल होने की बात कहते हुए कंप्यूटर बाबा ने कहा, 'समय आने पर हम चार विधायकों को पेश करेंगे। माननीय मुख्यमंत्री कमलनाथ जी जब कहेंगे तो तब हम उनकी पेश करेंगे। वो हमारे संपर्क में हैं और उनकी भी जिज्ञासा है कि वो सरकार में शामिल हों। समय आने पर पूरी जानकारी बताएंगे कि वो मध्य प्रदेश के किस क्षेत्र से ताल्लुक रखते हैं।'
भाजपा विधायकों की नाराजगी से संबंधित पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए कंप्यूटर बाबा ने कहा, 'बीजेपी से हमारे जैसे एक साधु संत नाराज हो गए तो बताइए विधायकों का क्या होगा। आपने सुन तो लिया कि दो विधायक कल नाराज हुए हैं। जो आने वाले चार विधायक हैं उनमें मेरी भूमिका है। आप समय का इंतजार करें।'
शिवराज को कहा भ्रष्टाचारी
शिवराज सिंह पर हमला करते हुए कंप्यूटर बाबा ने कहा, 'मैं काम को ज्यादा महत्व देता हूं। जिस तरह से हमारे पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह नर्मदा को बेचकर खा गए। अभी हम लगातार दौड़ रहे हैं। सबसे ज्यादा अवैध रेत खनन का मामला जो हमने देखा है वो शिवराज सिंह के क्षेत्र में ही ज्यादा है। हमने कई कई ट्रॉलियां और ट्रैक्टर पकड़े गए हैं। वहां लगातार हमारा दौरा इसलिए हो रहा है कि कि नदियों का निरीक्षण कर सकें। शिवराज सरकार में जिस तरह से रेत के मामले में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार हुआ था, रेत माफिया बैठे थे उसे कम करने में समय लगेगा और मुख्यमंत्री कमलनाथ की अवैध खनन को रोकने की मंशा पूर्ण होगी और आने वाले समय में अवैध खनन पूर्ण रूप से खत्म हो जाएगा।'
दो भाजपा विधायकों ने किया
जुलाई 24 को मध्य प्रदेश विधानसभा में एक विधेयक पर मतविभाजन के दौरान दो भाजपा विधायकों ने कमलनाथ सरकार के पक्ष में मतदान किया था। भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी और शरद कौल ने कमलनाथ सरकार का समर्थन किया था तभी से ये आशंका जताई जा रही है कि ये विधायक कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं।
कौन हैं कंप्यूटर बाबा
कंप्यूटर बाबा का असली नाम नामदेव दास त्यागी है। कहा जाता है कि तेज दिमाग और आधुनिक कार्यशैली होने की वजह से उनका नाम कंप्यूटर बाबा पड़ा। राजनीति में खासी दिलचस्पी रखने वाले कंप्यूटर बाबा महामंडलेश्वर भी हैं और लैपटॉप और आधुनिक गैजेट्स के शौक रखते हैं। इसके अलावा कंप्यूटर बाबा सोशल मीडिया में भी सक्रिय रहते हैं। इंदौर के अहिल्या नगर में कंप्यूटर बाबा का भव्य आश्रम है। पूर्ववर्ती शिवराज सरकार में भी राज्यमंत्री रह चुके कंप्यूटर बाबा शिवराज सरकार के खिलाफ पहले भी मोर्चो खोल चुके हैं। हाल ही नर्मदा से रेत खनन का निरीक्षण करने हेलीकॉप्टर और अपने मंत्रालय में कमरे की मांग करने के बाद कम्प्यूटर बाबा ने नर्मदा नदी न्यास के लिए बजट की भी मांग की थी।
म.प्र. में कांग्रेस से बीजेपी में आये दो विधायकों ने पार्टी को धोका दिया। क्या बीजेपी इस घटना से कुछ सीख लेगी? सत्ता प्राप्ति के लिए हमारे विधायक और सांसद किस हद तक नीचे गिर सकते हैं यह इसका ज्वलंत उदाहरण हैं। जब कमलनाथ सरकार ने पाठ्यक्रम से महाराणा प्रताप, जगद्गुरु आदी शंकराचार्य, आधुनिक ऋषि पंडित देन्दयल उपाध्याय इन के पाठ निकल दिए तब बीजेपी के विधायकों ने विधानसभा में हंगामा क्यों नहीं किया? क्या उनको भी यह सब ठीक चल रहा हैं ऐसा लग रहा था? इसलिए बीजेपी के नेतृत्त्व ने अब भी समय गवाए बिना इस घटना से सीख लेनी चाहिए और आगे की राजनीती तय करनी चाहिए।
दरअसल, ये अवसरवादी जो एक पार्टी के नहीं हो सकते, दूसरी पार्टी के कैसे हो सकते हैं। ऐसे लोगों को टिकट देकर कोई पार्टी दूसरी पार्टी को मात देने के लिए सियासत करना राजनीतिक अस्थिरता पैदा करती है। भाजपा को ऐसे लोगों से सतर्क रहने की जरुरत है। और इस तरह की घटनाएँ केवल मध्य प्रदेश में ही नहीं बल्कि लगभग सभी राज्यों में है। भाजपा भी जनसंघ युग से पार्टी से संलग्न कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर दूसरी पार्टियों से आये अवसरवादियों को माथे का चन्दन बनाया जा रहा है।
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