आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
दिल्ली के हौज काजी इलाके में जुलाई 9 को विश्न हिन्दू परिषद के सानिध्य में शोभा यात्रा निकाली गयी। खास बात ये है कि इलाके मुसलमान जगह-जगह शोभा यात्रा का स्वागत कर रहे थे। हाल ही में इस इलाके में एक मंदिर में तोड़फोड़ के बाद सांप्रदायिक तनाव देखने को मिला था लेकिन जुलाई 9 को माहौल बिल्कुल अलग रहा।
मंदिर में फिर से स्थापित की गईं मूर्तियां पुरानी दिल्ली में हौज काजी के लाल कुआं इलाके के उस मंदिर में मंगलवार को नई मूर्तियां स्थापित की गईं जहां पिछले हफ्ते तोड़फोड़ की गई थी। मंगलवार को सुबह 10 बजे मंदिर में नई मूर्तियां स्थापित की गईं। तोड़फोड़ के बाद स्थानीय हिन्दू और मुसलमान दोनों समुदाय के लोगों ने किसी बाहरी की मदद के बिना फिर से मूर्तियों की स्थापना का ऐलान किया था। मूर्ति स्थापना के बाद शोभा यात्रा निकाली गयी।
पार्किंग विवाद ने लिया था सांप्रदायिक रंग, स्थानीय लोगों ने दिखाई समझदारी इलाके में स्कूटर खड़ा करने को लेकर अलग अलग समुदाय के दो व्यक्तियों में झगड़ा हो गया था जिसने सांप्रदायिक रंग ले लिया था जिसके बाद मंदिर पर पथराव किया गया था। मंदिर में तोड़फोड़ की गई थी, जिसमें पुलिस अब तक सात व्यक्तियों को गिरफ्तार कर चुकी है। मंदिर में तोड़फोड़ के बाद इलाके में तनाव हो गया था लेकिन स्थानीय लोगों ने समझदारी दिखाते हुए पूरा मामला निपटाया और आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस के साथ दिखे। साथ ही बाहरी लोगों को भी इलाके में ना आने को कहा, इससे धीरे-धीरे यहाँ तनाव घटा और मंगलवार को यहां शोभायात्रा में हिन्दू-मुसलमान एक साथ सड़क पर दिख रहे हैं।
यह सब संभव हुआ गृह मन्त्री की सख्ती के कारण। दूसरे अमन कमेटी और दूसरे क्षेत्र के अन्य लोगों के आगे आने को क्षेत्रीय सांसद एवं केन्द्रीय मंत्री डॉ हर्षवर्धन द्वारा घटना प्रभवित क्षेत्र का दौरा करने पर सख्त रवैये ने मजबूर कर दिया था। उनकी सख्ती ने क्षेत्रीय लोगों को किसी भी हाल में शान्ति बनाने रखने के मजबूर कर दिया था, क्षेत्र गवाह है कि उससे पहले कोई आगे नहीं आया था। खूब नारा ए तकबीर, अल्लाह ओ अकबर के नारे लगाए जा रहे थे।
शोभायात्रा का फूलों से स्वागत मंगलवार को मंदिर में मूर्ति की पुर्नस्थापना के बाद शोभायात्रा निकल रही है। कई जगहों पर मुस्लिम शहनाई बजा रहे हैं और शोभायात्रा का स्वागत कर रहे हैं। अमन कमेटी के लोगों ने शोभा यात्रा निकाल रहे लोगों के लिए खाना और पानी का भी इंतजाम किया है।
डॉ हर्षवर्धन और गृह मंत्री अमित शाह के हस्तक्षेप करने पर दिल्ली पुलिस को बहुत साहस और मामले को निपटाने के लिए हर संभव प्रयत्न करने का मौका दिया।
केन्द्रीय सरकार के सख्त रवैये से पुरानी दिल्ली में लोग भविष्य में किसी साम्प्रदायिक दंगे से सुरक्षित महसूस कर रही है। क्योकि अब से पूर्व किसी स्थानीय नेता तक ने पुरानी दिल्ली में हुए सांप्रदायिक दंगे में केवल अपने वोट बैंक की चिन्ता करते नज़र आते थे, कभी हिन्दुओं की सुध नहीं ली। अवलोकन करें:-
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