कभी बीजेपी की धाकड़ प्रवक्ता रहीं निर्मला सीतारमण एक समय पत्रकारों की फेवरेट हुआ करती थीं, लेकिन अब वही पत्रकार और उनका बेतकल्लुफाना रवैया मैडम को अखरने लगा है। क्योकि अब वो आम प्रवक्ता नहीं रहीं, पहले देश की रक्षा मंत्री बनीं और अब वित्त मंत्री बन गईं हैं। उनके पहले बजट पर जब पत्रकारों ने सवाल उठाने शुरु किए तो वो शायद नाराज हो गईं। कई पत्रकारों ने ट्विटर पर लिख दिया कि नॉर्थ ब्लॉक में जहां फाइनेंस मिनिस्ट्री का दफ्तर है, वहां पत्रकारों की एंट्री बैन कर दी गई है तो उन्होंने एक फरमान जारी किया है।
इस नोटिस में लिखा है कि एंट्री बैन की खबर गलत है, लेकिन अब PIB एक्रिटेड पत्रकार भी बिना अपॉइंटमेंट के अंदर नहीं जा सकते। यानी अब तक जो पत्रकार ऐसे ही किसी अधिकारी सोर्स से खबर निकाल लेते थे, अब वो अंदर जा नहीं पायेंगे। अधिकारी वैसे भी अपॉइंटमेंट देते ही कहां है,और दिया तो वो सब कागजों में दर्ज हो जायेगा और उसकी वजह बतानी पड़ेगी। यानी अनऑफिशियल ख़बरें मिलना बन्द हो जाएंगी। पत्रकार इस फरमान की तुलना इमरजेंसी के दौर के फरमानों से कर रहे हैं।
पत्रकारों को खुश करने के लिए वित्त मंत्री महोदया ने एक ये काम किया है कि बाहर एक वेटिंग रूम बनवा दिया है, जिसमें पानी, चाय, काफी और मोबाइल-लैपटॉप चार्जिंग की सुविधा मिलेगी एसी के साथ। हालांकि पत्रकार समझ रहे हैं कि ये लॉलीपॉप उन्हें दफ्तर और अपने अधिकारियों, कर्मचारियों से दूर रखने की वजह से किया गया है।
कुल मिलाकर निर्मला सीतारमण ने अपने इरादे जाहिर कर दिए हैं कि उनके विभाग से भी खबरें निकालना आसान नहीं होगा, चाहे इसके लिए उन्हें अपने करीबी पत्रकारों की भी नाराजगी भी क्यों न मोल लेनी पड़े।
इस नोटिस में लिखा है कि एंट्री बैन की खबर गलत है, लेकिन अब PIB एक्रिटेड पत्रकार भी बिना अपॉइंटमेंट के अंदर नहीं जा सकते। यानी अब तक जो पत्रकार ऐसे ही किसी अधिकारी सोर्स से खबर निकाल लेते थे, अब वो अंदर जा नहीं पायेंगे। अधिकारी वैसे भी अपॉइंटमेंट देते ही कहां है,और दिया तो वो सब कागजों में दर्ज हो जायेगा और उसकी वजह बतानी पड़ेगी। यानी अनऑफिशियल ख़बरें मिलना बन्द हो जाएंगी। पत्रकार इस फरमान की तुलना इमरजेंसी के दौर के फरमानों से कर रहे हैं।
पत्रकारों को खुश करने के लिए वित्त मंत्री महोदया ने एक ये काम किया है कि बाहर एक वेटिंग रूम बनवा दिया है, जिसमें पानी, चाय, काफी और मोबाइल-लैपटॉप चार्जिंग की सुविधा मिलेगी एसी के साथ। हालांकि पत्रकार समझ रहे हैं कि ये लॉलीपॉप उन्हें दफ्तर और अपने अधिकारियों, कर्मचारियों से दूर रखने की वजह से किया गया है।
कुल मिलाकर निर्मला सीतारमण ने अपने इरादे जाहिर कर दिए हैं कि उनके विभाग से भी खबरें निकालना आसान नहीं होगा, चाहे इसके लिए उन्हें अपने करीबी पत्रकारों की भी नाराजगी भी क्यों न मोल लेनी पड़े।
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