कश्मीर मुद्दे पर अमेरिका ने पाकिस्तान से झूठ क्यों बोला?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की व्हाइट हाउस में मुलाकात हुई। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाक प्रधानमंत्री इमरान खान का व्हाइट हाउस में स्वागत किया इस दौरान पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी भी इमरान के साथ मौजूद थे रिपोर्ट के अनुसार इमरान खान से मुलाकात के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के तनावपूर्ण रिश्ते को बेहतर करने में अमेरिका भूमिका निभा सकता है इस दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कश्मीर पर मदद मांगी है और भारत-पाक चाहे तो हम मध्यस्थता को तैयार है
इससे पहले अमेरिका की आधिकारिक यात्रा पर आने वाले पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ थे जो अक्टूबर 2015 में यहां आए थे इमरान खान का दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब अमेरिका और अफगान तालिबान के बीच वार्ता एक निर्णायक चरण में पहुंच गई है तालिबान के साथ शांति वार्ता में पाकिस्तान के प्रयासों की काफी सराहना हुई है जमात उद दावा के सरगना हाफिज सईद के खिलाफ आतंकवाद के मामले दर्ज करना जैसे कदमों को अमेरिका एवं भारत की चिताओं से निपटने के संकेत के तौर देखा गया
US President Donald Trump says PM Narendra Modi has also asked him to help with "disputed Kashmir" region, he would "love to be a mediator": Reuters

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इससे पहले इमरान खान 3 दिन के दौर पर अमेरिका पहुंचे, लेकिन जिस तरह से हवाई अड्‌ड़े पर उनका स्वागत हुआ है उसको देख कहा जा रहा है ट्रंप प्रशासन ने इमरान की अमेरिका यात्रा को कोई ख़ास तवज्जो नहीं दी है। दरअसल पैसा बचाने की मुहिम के तहत इमरान खान ने हाल में प्रधानमंत्री आवास की गाड़ी बेचने से लेकर भैंस तक बेची हैं और अब वो इस अमेरिकी दौरे को सबसे सस्ता दौरा बनाने की कोशिश में कमर्शियल फ्लाइट से वहां पहुंचे ऐसे में हर सरकारी दौरे पर आ रहे मेहमान को एयरपोर्ट पर मिलने वाला स्वागत तक उन्हें नहीं मिला
भारत ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के दावे को किया खारिज, कहा- PM मोदी ने कश्मीर पर मध्यस्थता के लिए कभी नहीं मांगी मददमोदी ने कश्मीर पर मध्यस्थता के लिए कभी नहीं मांगी मदद : भारत ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के दावे को किया खारिज
कहावत है "हम तो डूबेंगे सनम, तुम को भी साथ लेकर डूबेंगे", पाकिस्तान ने अमेरिका पर चरितार्थ कर दी। अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा कश्मीर मुद्दे पर झूठ बोलने पर चौतरफा उसी तरह बुराई हो रही है, जिस तरह पाकिस्तान की। 1972 में हुए शिमला समझौते के बाद से किसी तीसरे देश की मध्यस्ता दरकिनार हो गयी थी, और उस शिमला समझौते को चार चाँद तत्कालीन प्रधानमन्त्री अटल बिहारी वाजपेयी और नवाज़ शरीफ के बीच हुए लाहौर समझौते ने लगाए थे, फिर किस आधार पर पाकिस्तान दूसरे देशों में जाकर कश्मीर का रोना रोते रहता है?  
भारत ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे को खारिज कर दिया है और कहा कि पाकिस्तान के साथ सभी मुद्दे का हल द्विपक्षीय बातचीत से ही होगाविदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट कर कहा, ‘हमने अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा प्रेस को दिये उस बयान का देखा है जिसमें उन्होंने कहा है कि यदि भारत और पाकिस्तान अनुरोध करते हैं तो वह कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता के लिए तैयार हैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति से इस तरह का कोई अनुरोध नहीं किया है' उन्होंने कहा कि भारत का लगातार यही रुख रहा है कि पाकिस्तान के साथ सभी लंबित मुद्दों पर केवल द्विपक्षीय चर्चा की जाये रवीश कुमार ने कहा, ‘पाकिस्तान के साथ किसी भी बातचीत के लिए सीमापार आतंकवाद पर रोक जरूरी होगी भारत और पाकिस्तान के बीच सभी मुद्दों को द्विपक्षीय रूप से समाधान के लिए शिमला समझौता और लाहौर घोषणापत्र का अनुपालन आधार होगा'
We have seen @POTUS's remarks to the press that he is ready to mediate, if requested by India & Pakistan, on Kashmir issue. No such request has been made by PM @narendramodi to US President. It has been India's consistent position...1/2
दरअसल, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान से मुलाकात के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि अगर भारत और पाकिस्तान चाहें तो वह कश्मीर पर मध्यस्थता के लिए तैयार हैं डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया था कि पीएम मोदी ने उनसे कश्मीर मसले पर मदद मांगी थी ट्रंप ने ओवल ऑफिस में कहा, 'यदि मैं मदद कर सकता हूं, तो मैं एक मध्यस्थ होना पसंद करूंगा' इमरान खान ने ट्रंप के बयान का स्वागत किया और कहा कि यदि अमेरिका सहमत है, तो एक अरब से अधिक लोगों की प्रार्थना उनके साथ होगी भारत जनवरी 2016 में पठानकोट में भारतीय वायुसेना के अड्डे पर पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा हमले के बाद से पाकिस्तान के साथ कोई बातचीत नहीं कर रहा है भारत का कहना है कि आतंकवाद और वार्ता साथ साथ नहीं चल सकते
इमरान खान के साथ पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा, इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद और विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी सहित अन्य व्यक्ति थे इस साल की शुरुआत में कश्मीर के पुलवामा में पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के एक आत्मघाती हमलावर द्वारा किए गए विस्फोट में सीआरपीएफ के 40 जवानों के शहीद होने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव और बढ़ गया बढ़ते आक्रोश के बीच भारतीय वायुसेना ने एक आतंकवाद निरोधक अभियान चलाते हुए 26 फरवरी को पाकिस्तान के भीतर बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े प्रशिक्षण शिविर को निशाना बनाया था
VIDEO: सत्ता की पिच पर इमरान की मुश्किलें

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