
आर.बी.एल.निगम
अनुच्छेद 370 का विरोध करना, कांग्रेस के लिए मौत का कुआँ बनने जा रहा है। ठीक उसी भांति जिस तरह सर्जिकल और एयर स्ट्राइक किए जाने पर मारे गए आतंकवादियों के सबूत माँगना। आज तक जो जनहित में मुद्दे उठाने थे, सभी पर मुँह में दही जमाए बैठ, तुष्टिकरण कर रहे हैं। मोदी विरोध के चलते इन्हें और कुछ नहीं सूझ रहा। राष्ट्रीय मुद्दों तक पर विरोध। समस्त मोदी विरोधियों को जनता की नब्ज पढ़ सियासत करें, जो देश और उनकी पार्टी के हित में होगा। क्या अनुच्छेद 370 का विरोध करने वाले जवाब देंगें कि आखिर क्यों उनके विरोधी स्वर और पाकिस्तान के स्वर आपस में मिल रहे हैं? इन्हे भारत अधिक प्यारा है या वो पाकिस्तान जो आए दिन बेगुनाहों के खून से भारत की धरती को लाल करते रहते थे? अगर कोई कश्मीरी लड़की कश्मीर से बाहर किसी से निकाह अथवा शादी कर ले, उसके सारे अधिकार समाप्त, फिर वहां का रहने वाला भारत और पाकिस्तान दोनों देशों की नागरिकता रख सकता है, क्यों? विश्व में ऐसा कौन-सा देश है, जहाँ दोहरी नागरिकता होती है?
फिर मोदी सरकार के किसी भी निर्णय को धर्म अथवा मजहब से जोड़ने पर क्या औचित्य है?
कांग्रेस नेता और पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम की ओर से आर्टिकल 370 खत्म करने को लेकर दिए गए बयान पर एक मुस्लिम नेता की ओर से बड़ी ही तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है। उत्तर प्रदेश के एक युवा मुस्लिम नेता ने उस बयान के लिए चिदंबरम का मुंह काला करने वाले को 21 हजार रुपये बतौर इनाम देने की घोषणा की है।
Irked by #Article370 remark, #Muslim leader announces reward for blackening #Chidambaram's facehttps://t.co/ICyxDsjmUC— Catch News (@CatchNews) August 13, 2019
मुंह काला करने वाले को 'ईदी' के पैसों से इनाम
कांग्रेस नेता चिदंबरम के चेहरे पर कालिख पोतने वाले को इनाम का ऐलान करने वाले आमिर राशिद का आरोप है कि पूर्व गृहमंत्री का बयान हिंदू-मुस्लिम एकता के लिए बहुत ही घातक है। यूपी के अलीगढ़ जिला मुस्लिम यूथ एसोसिएशन नामक संगठन के चीफ आमिर राशिद के मुताबिक, "उनकी टिप्पणी हिंदू-मुस्लिम एकता के लिए नुकसानदेह है। मैं उनका मुंह काला करने वाले किसी भी आदमी को अपनी ईदी (ईद में गिफ्ट के तौर मिलने वाले पैसे) से 21,000 रुपये दूंगा।"
चिदंबरम ने कहा क्या था?
गौरतलब है कि बकरीद के एक दिन पहले ही उन्होंने आरोप लगाया था कि कश्मीर हिन्दू बहुल होता तो बीजेपी आर्टिकल 370 कभी नहीं हटाती, उसने सिर्फ इसलिए ऐसा किया है, क्योंकि वो मुस्लिम बहुल इलाका है। उन्होंने कहा था, "अगर कश्मीर में हिन्दू बहुसंख्यक होते तो बीजेपी उसे (आर्टिकल 370) हाथ भी नहीं लगाती। क्योंकि, वहां मुसलमान बहुसंख्यक हैं, इसलिए बीजेपी ने ऐसा किया है।" उन्होंने मोदी सरकार पर यह कहकर निशाना साधा था कि जो लोग कश्मीर के 72 वर्षों का इतिहास नहीं जानते उन्होंने ताकत के दम पर आर्टिकल 370 को मिटा दिया। उनके अनुसार, 'जम्मू और कश्मीर भारत का अंग है। इसमें कोई शक नहीं है। अगर कोई शक है, तो वह सिर्फ बीजेपी को है। जो लोग 72 वर्षों के इतिहास को नहीं जानते, उन्होंने शक्ति के दम पर ऐसा (370) किया है।" कांग्रेस नेता ने ये भी कहा था कि, "मैं सच कह रहा हूं कि 370 हटाने के खिलाफ हजारों लोग जमा हैं.....आंसू गैस......गोलियां.....यह सब सच्चाई है।"
370 हटाने पर खुर्शीद को भी आपत्ति
Salman Khurshid,Congress:Today BJP decides to do away with article 370 if they have something better than 370 that meets objective of integrating Kashmir even more closely with India,nobody would have objection, way in which they have done it, is constitutionally questionable 1/2 pic.twitter.com/MRSbKJuxS4 — ANI (@ANI) August 12, 2019
कांग्रेस के एक और वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने कहा है कि अगर बीजेपी के पास 370 से बेहतर कुछ होता है, जो कश्मीर को भारत के साथ और भी अधिक घनिष्ठता से जोड़ता तो किसी को भी आपत्ति नहीं होती। लेकिन, जिस तरह से उन्होंने ऐसा किया है, वो संवैधानिक रूप से प्रश्न खड़ा करता है। सलमान खुर्शीद ने आगे कहा, 'जब तक आप पर्याप्त या बेहतर विकल्प के रूप में कुछ लेकर नहीं आते, तब तक यह निश्चित रूप से राजनीतिक रूप से यह बहुत बुद्धिमानी नहीं है। हमारी संयुक्त और राष्ट्रीय सहमति कि कश्मीर अभिन्न अंग है और हमने इसे प्रस्ताव को मजबूत किया। हमें नहीं लगता है कि बीजेपी ने अभी तक ऐसा कुछ कर दिखाया है।
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