
देश के हम संतान हैं,
तीन रंगों से रंगा तिरंगा
अपनी ये पहचान हैं।"
अगस्त 6 को इस राष्ट्रवादी कविता की ये पंक्तियां सुना लद्दाख के सांसद जामयांग सेरिंग नामग्याल देश के नवीनतम राजनीतिक परिदृश्य में एक नायक के रुप में उभरकर सामने आए हैं। जामयांग सेरिंग नामग्याल की चर्चा मंगलवार(अगस्त 6) को संसद से लेकर सोशल मीडिया तक हो रही है। पहली बार चुनकर संसद में पहुंचे जामयांग सेरिंग नामग्याल ने अनुच्छेद 370 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक पर चर्चा के दौरान इस अंदाज़ में अपनी बात रखी कि गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही नहीं पूरा देश उनका मुरीद हो गया है। आइए जानते है कि कौन ये तेज तर्रार युवा सांसद जिनके एक भाषण पूरे देश का दिल जीत लिया।
स्टूडेंट एसोसिएशन के रह चुके है अध्यक्षMy young friend, Jamyang Tsering Namgyal who is @MPLadakh delivered an outstanding speech in the Lok Sabha while discussing key bills on J&K. He coherently presents the aspirations of our sisters and brothers from Ladakh. It is a must hear! https://t.co/XN8dGcTwx6— Narendra Modi (@narendramodi) August 6, 2019
नामग्याल लद्दाख से भारतीय जनता पार्टी के सांसद हैं। 34 साल के युवा सांसद भौगोलिक आधार पर भारत के सबसे बड़े लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। जामयांग सेरिंग नामग्याल का जन्म 4 अगस्त 1985 को जम्मू-कश्मीर के लेह में माथो गांव में हुआ था।आज जैसे फारूख अब्दुल्ला जी मिडिया के सामने आंसू बहा रहे और विधवा विलाप कर रहे है?— 🇮🇳 Ajay Kushwaha 🇮🇳 🇮🇳 अजय कुशवाहा 🇮🇳 (@AjayKushwaha_) August 6, 2019
कोई इनको याद दिलो जब हमारे कश्मीरी पंडित भाईयों-बहनों की खुलेआम हत्याएं की गई और उनको उनके घर से बेघर कर दिया गया?
जैसी करनी वैसी भरनी, अब कुछ नही हो सकता है?? pic.twitter.com/5wzpAaSWPr
उनके पिता का नाम स्टैनजिन दोर्जी और माता का नाम ईशे पुतित है। सेरिंग ने डॉ सोनम वांगमो से शादी की है। भाजपा सांसद सेरिंग ने जम्मू विश्वविद्यालय से कला संकाय में उपाधि ली है। वे ‘ऑल लद्दाख स्टूडेंट एसोसिएशन' के अध्यक्ष रह चुके हैं।
2012 में भाजपा में शामिल हुए
नवंबर 2018 में लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद के सबसे युवा सीईसी चुने गए। मई 2019 के आम चुनाव में लद्दाख से भाजपा सांसद निर्वाचित हुए, लोगों में ‘जेटीएन' नाम से मशहूर।
कविता संग्रह हो चुका है प्रकाशित
वे एक सामाजिक कार्यकर्ता होने के साथ लेखक भी हैं। सांसद सेरिंग की लिखी कविताओं का एक संग्रह साल 2013 में प्रकाशित हो चुका है। उन्होंने कई पत्र-पत्रिकाओं के लिए लेख भी लिखे हैं। वे युवाओं से जुड़े मामलों, जैविक खेती और सामाज के लिए कार्य करने में रुचि रखते हैं। उन्हें किताबें पढ़ना और लेखन पसंद है। वे भूटान और नेपाल की यात्रा भी कर चुके हैं।
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