
मोदी विरोधियों की बुद्धि इतनी भ्रष्ट हो चुकी है कि बेफिजूल बातों को उछाल मोदी को बदनाम नहीं, बल्कि मोदी को शक्ति देते हैं। इन मोदी विरोधियों में जो मूल समस्याएँ हैं, उन पर बोलने का साहस नहीं, क्योकि उन कुरीतियों को समाप्त करने पर कहीं इन्ही के बोए पेड़ इन्हे ही उखाड़ फेंक देंगे।
उदाहरण देखिए: सरकारी कार्यालयों में कितनी भर्ती Staff Selection Commission के माध्यम से होने की बजाए अनुबन्ध दलालों द्वारा की जाती है। अनुबन्ध कितने मासिक वेतन पर होता है और कर्मचारी को कितना मासिक मिलता है?
फिर Employment News में रिक्त स्थान विज्ञापन प्रकाशित होने से पूर्व दलालों के पास सूचना कैसे पहुँच जाती है? और भी न जाने कितनी समस्याएँ हैं, जो जनमानस से जुडी हैं, कोई नहीं बोलता। बोलते हैं "मोदी चोर", "चौकीदार चोर", आरटीआई डालते हैं,"मोदी का घरेलू खर्च कितना है?" और "कपड़ों पर कहाँ से खर्च करते हैं?" आदि आदि। भाजपा शासित राज्यों में कहाँ-कहाँ भ्रष्ट्राचार फैला हुआ है, उसे उजागर करें, जिससे जनता को राहत मिले। लगभग दो वर्ष पूर्व सरकारी कैलेंडर देर से क्यों प्रकाशित हुआ था? लेकिन बेसिर पैर के मुद्दे उछाल अपनी ही छवि धूमिल कर, मोदी सरकार को मजबूती प्रदान कर रहे हैं। जिसको देखो अपने आपको देशप्रेमी नेता और खोजी पत्रकार कहकर जनता को भ्रमित कर रहे हैं।

स्वाति चतुर्वेदी ने प्रधानमंत्री की छवि को खराब करने और उनका मजाक उड़ाने की नियत से इस तस्वीर को अपने ट्विटर हैंडल पर ‘offered without comments’ कैप्शन के साथ शेयर किया। तस्वीर में लाल रंग के घेरे में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि प्रधानमंत्री ने बिष्ट पहनी हुई है। हालाँकि, विदेश मंत्रालय द्वारा पोस्ट की गई मूल तस्वीर में आप देख सकते हैं कि पीएम मोदी ने संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा के दौरान मोदी जैकेट के साथ अपने सामान्य परिधान पहने हैं। इस तस्वीर को देखने के बाद स्वाति के झूठे दावे बेबनियाद साबित हो जाते हैं।
दरअसल, स्वाति पीएम की तस्वीर को फोटोशॉप करके ये दिखाना चाहती थी कि वो अपने देश में तो हिन्दू विश्वास का प्रदर्शन करते हैं, लेकिन संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा के दौरान उन्होंने खुशी-खुशी अरबी पोशाक को अपनाया।
मगर स्वाति की काली करतूत ज्यादा देर तक छुपी न रह सकी और काफी लोगों ने इनकी करतूत का पर्दाफाश कर दिया। जिसके बाद स्वाति चतुर्वेदी ने ये कहते हुए अपना पोस्ट हटा लिया कि वो तस्वीर फोटोशॉप थी।
Continuing the momentum of high-level exchanges— Raveesh Kumar (@MEAIndia) August 23, 2019
PM @narendramodi arrived in Abu Dhabi on the 2nd leg of his 3-nation tour. Tomorrow, PM will meet HH the Crown Prince of Abu Dhabi, Sheikh Mohammad bin Zayed Al Nahyan, receive the 'Order of Zayed' honour and launch the RuPay card. pic.twitter.com/bX62x6gzoD
The picture was photoshopped. My apologies. Have deleted the tweet— Swati Chaturvedi (@bainjal) August 24, 2019
स्वाति चतुर्वेदी, ने हमेशा ही प्रासंगिक बने रहने के लिए सरकार के खिलाफ झूठे प्रचार और फर्जी खबरों का सहारा लिया है। 2019 के लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद भी स्वाति चतुर्वेदी ने गृह मंत्री अमित शाह से संबंधित फर्जी पोस्ट शेयर किया था। इसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि भाजपा के पूर्व अध्यक्ष अमित शाह संसदीय सत्र में सो रहे थे। हालाँकि, बाद में यह खबर भी फर्जी साबित हुई।
सोशल मीडिया पर फर्जी खबर फैलाने के मामले में स्वाति चतुर्वेदी का पुराना इतिहास रहा है। इससे पहले, उन्होंने ठुकराए हुए प्रेमी के हाथों हिंसा की शिकार लड़की को बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय की हिंसा के रूप में दिखाया था और राष्ट्रीय स्तर के एक राजनेता के बयान को भी राष्ट्रीय चैनल पर तोड़-मरोड़ कर पेश किया था।
इसके अलावा उन्होंने अमित शाह के भाषण को लेकर भी झूठ फैलाया था और कन्हैया कुमार पर हमले को लेकर बीजेपी के बारे में झूठी अफवाहें फैलाई थी। इतना ही नहीं, जब खुद की इन करतूतों की वजह से उनकी विश्वसनीयता कम होने लगी, उनके पाठकों का विश्वास उन पर से उठने लगा तो उन्होंने इसके लिए ऑपइंडिया को जिम्मेदार ठहराया, क्योंकि ऑपइंडिया ने उनके द्वारा वर्षों से फैलाए जा रहे फर्जी खबरों का पर्दाफाश कर दिया।
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