![]() |
वॉइस ऑफ कराची के चेयरमैन नदीम नुसरत | तस्वीर साभार: ANI |
भारत सरकार के फैसले पर पाकिस्तान ने जहां बौखलाहटभरी प्रतिक्रिया दी और कहा कि नई दिल्ली ने 'गलत समय' पर 'खतरनाक खेल' खेला है, वहीं वॉइस ऑफ कराची ने देश के भीतर स्वायत्त 'ग्रेटर कराची' की मांग की है। अमेरिका में रहकर अपनी गतिविधियां चलाने वाले इस समूह का कहना है कि पाकिस्तान को तब तक कश्मीरियों के हक के लिए बोलने का कोई अधिकार नहीं है, जब तक कि वह खुद अपने यहां मुहाजिर, बलूच, पश्तून और हजारा समुदाय के लोगों को उनके अधिकार नहीं दे देता।
जो लोग कश्मीर में युवाओं को उकसाते हैं उनके बच्चे लंदन, अमेरिका में पढ़ रहे हैं।— Amit Shah (@AmitShah) August 5, 2019
वो पढ़ाये अपने बच्चों को घाटी के स्कूल में तब पता चलेगा 370 क्या होता है।
ये लोग घाटी के युवाओं को आगे बढ़ने नहीं देना चाहते।
और मोदी सरकार घाटी के युवाओं को गले लगाना चाहती है। pic.twitter.com/s15v1jzprO
![]() |
विदेश मंत्री शाह मोहम्मद कुरैशी |
इस्लामाबाद: कश्मीर को लेकर पिछले कई दिनों की अटकलों पर विराम लगाते हुए भारत ने सोमवार को बड़ा ऐलान किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने जम्मू एवं कश्मीर के पुनर्गठन का ऐतिहासिक संकल्प राज्यसभा में पेश किया, जिसमें जम्मू एवं कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के कुछ प्रावधानों को हटाने और जम्मू-कश्मीर व लद्दाख को दो अलग-अलग केंद्र शासित क्षेत्रों में बांटने का फैसला किया। भारत सरकार के इस फैसले पर पाकिस्तान की भी नजरें लगी रहीं, जो मोदी सरकार के फैसले से बौखलाया नजर आ रहा है।
कश्मीर में हलचल से पहले से ही परेशान पाकिस्तान ने भारत सरकार के कदम पर जिस तरह से प्रतिक्रिया दी है, उससे उसकी बौखलाहट साफ नजर आ रही है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह मोहम्मद कुरैशी ने कहा, 'भारत ने बेहद खतरनाक खेल खेला है। इसका असर पूरे इलाके पर होगा और यह भयानक हो सकता है।' इमरान खान की तारीफ करते हुए कुरैशी ने भारत पर अपने इस फैसले के जरिये कश्मीर मुद्दे को और जटिल बना दिए जाने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा, 'इमरान खान पूरे मसले को समाधान की ओर ले जाना चाहते थे, लेकिन भारत ने अपने फैसले से इस मामले को और जटिल बना दिया है।'
آرٹیکل پینتیس اے کے خاتمے کے اقدام نے بھارت کا نام نہاد جمہوری چہرہ دنیا کے سامنے کھول کر رکھ دیا ہے ۔ کشمیری قیادت بھارتی فیصلے پر آمادہ نہیں ہے ۔ بھارت نے اپنی سوچ سے مسئلہ کشمیر کو پھر سے زندہ کر دیا ہے— PTI Punjab (Official) (@PTIPunjabPK) August 5, 2019
وزیر خارجہ شاہ محمود قریشی pic.twitter.com/BKMAOq0nHs
पाक विदेश मंत्री ने मामले को संयुक्त राष्ट्र और इस्लामिक देशों के मंच पर उठाने की बात भी कही। उन्होंने कहा, 'कश्मीरियों को पहले से ज्यादा कैद कर दिया गया है। हमने इस मामले में संयुक्त राष्ट्र को पहले ही सूचति कर दिया था। हम इसे फिर से वैश्विक मंच पर उठाएंगे। हमने इस्लामिक देशों को भी हालात के बारे में जानकारी दी है।' उन्होंने एक बार फिर कहा कि पाकिस्तान कश्मीरियों के आत्मनिर्णय के अधिकार का समर्थन करता है और इस संघर्ष में कश्मीरी अवाम के साथ है। वहीं, पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के अध्यक्ष व विपक्ष के नेता शाहबाज शरीफ ने भी इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में उठाने की बात कही है।
इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने ट्वीट कर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से इस मामले में मदद मांगी थी और कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने कश्मीर मामले में मध्यस्थता की पेशकश की है, अब ऐसा करने का समय आ गया है, क्योंकि वहां हालात खराब हो रहे हैं। इमरान खान ने रविवार को देश के शीर्ष नागरिक व सैन्य अधिकारियों की बैठक भी बुलाई थी, जिसके बाद जारी एक बयान में कहा गया कि भारत ने कश्मीर पर गलत वक्त चुना है। उसने यह भी कहा कि कश्मीर लंबे समय से अनसुलझा अंतरराष्ट्रीय विवाद है, जिसके शांतिपूर्ण समाधान की आवश्यकता है और भारत को कश्मीरी लोगों की आकांक्षाओं के अनुरूप इस मुद्दे के समाधान के लिए आगे आना चाहिए।
क्या कह रहा है पाक मीडिया
भारत सरकार के इस इस ऐतिहासिक फैसले के बाद पाकिस्तानी मीडिया की रूदाली शुरू हो गई है। पाकिस्तानी मीडिया लगातार इस ऐतिहासिक फैसले के बारे में दलीलें दे रहा है। जानिए क्या कहते हैं पाकिस्तानी न्यूज बेवसाइट्स:
जियो टीवी' लिखता है, भारत ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेदअन 370 हटा दी है। कश्मीर में तनाव बढ़ गया है और यूएन ने भारत से अपील की है। साथ ही वेबसाइट ने कश्मीर पूर्व मुख्यमंत्रियों के नजरबंद को लेकर भी टिप्पणी की है।

प्रमुख समाचार पत्र 'डॉन' लिखता है, 'संसद में विरोध के बीच भारत ने कश्मीर को विशेष दर्जे को समाप्त करने के लिए प्रस्ताव पेश किया।' डॉन ने गृह मंत्री अमित शाह द्वारा संसद में दिए गए बयान का उल्लेख किया है।

प्रमुख समाचार पत्र 'द नेशन' ने भारत द्वारा एलओसी पर आतंकियों को मारने का जिक्र किया है। 'द नेशन' की बेवसाइट पर इमरान खान द्वारा शनिवार को बुलाई गई राष्ट्रीय सुरक्षा कमेटी की बैठक का जिक्र किया गया है।
पाकिस्तान के प्रमुख न्यूज चैनल 'शमा टीवी' की वेबसाइट में लिखा गया है, 'भारत ने कश्मीर के लिए विशेष दर्जा रद्द कर दिया है। इसने अपने संविधान के अनुच्छेद 35 ए और 370 को खत्म कर दिया है।' वेबसाइट ने गृह मंत्री अमित शाह द्वारा राज्यसभा में दिए गए बयान का उल्लेख किया है।

शाह ने राज्यसभा में जम्मू एवं कश्मीर राज्य पुनर्गठन विधेयक 2019 पेश किया। इस विधेयक के मुताबिक लद्दाख अब केंद्र शासित प्रदेश होगा जहां चंडीगढ़ की तरह विधानसभा नहीं होगी। वहीं कश्मीर और जम्मू डिविजन विधानसभा के साथ एक अलग केंद्र शासित प्रदेश होगा जहां दिल्ली और पुडुचेरी की तरह विधानसभा होगी। इस विधानसभा के पास अधिकार तो होंगे लेकिन पुलिस और कानून की व्यवस्था केंद्र के हाथों में होगी।(एजेंसीज )
अवलोकन करें:-
क्या कह रहा है पाक मीडिया
भारत सरकार के इस इस ऐतिहासिक फैसले के बाद पाकिस्तानी मीडिया की रूदाली शुरू हो गई है। पाकिस्तानी मीडिया लगातार इस ऐतिहासिक फैसले के बारे में दलीलें दे रहा है। जानिए क्या कहते हैं पाकिस्तानी न्यूज बेवसाइट्स:
जियो टीवी' लिखता है, भारत ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेदअन 370 हटा दी है। कश्मीर में तनाव बढ़ गया है और यूएन ने भारत से अपील की है। साथ ही वेबसाइट ने कश्मीर पूर्व मुख्यमंत्रियों के नजरबंद को लेकर भी टिप्पणी की है।

प्रमुख समाचार पत्र 'डॉन' लिखता है, 'संसद में विरोध के बीच भारत ने कश्मीर को विशेष दर्जे को समाप्त करने के लिए प्रस्ताव पेश किया।' डॉन ने गृह मंत्री अमित शाह द्वारा संसद में दिए गए बयान का उल्लेख किया है।

प्रमुख समाचार पत्र 'द नेशन' ने भारत द्वारा एलओसी पर आतंकियों को मारने का जिक्र किया है। 'द नेशन' की बेवसाइट पर इमरान खान द्वारा शनिवार को बुलाई गई राष्ट्रीय सुरक्षा कमेटी की बैठक का जिक्र किया गया है।
पाकिस्तान के प्रमुख न्यूज चैनल 'शमा टीवी' की वेबसाइट में लिखा गया है, 'भारत ने कश्मीर के लिए विशेष दर्जा रद्द कर दिया है। इसने अपने संविधान के अनुच्छेद 35 ए और 370 को खत्म कर दिया है।' वेबसाइट ने गृह मंत्री अमित शाह द्वारा राज्यसभा में दिए गए बयान का उल्लेख किया है।

शाह ने राज्यसभा में जम्मू एवं कश्मीर राज्य पुनर्गठन विधेयक 2019 पेश किया। इस विधेयक के मुताबिक लद्दाख अब केंद्र शासित प्रदेश होगा जहां चंडीगढ़ की तरह विधानसभा नहीं होगी। वहीं कश्मीर और जम्मू डिविजन विधानसभा के साथ एक अलग केंद्र शासित प्रदेश होगा जहां दिल्ली और पुडुचेरी की तरह विधानसभा होगी। इस विधानसभा के पास अधिकार तो होंगे लेकिन पुलिस और कानून की व्यवस्था केंद्र के हाथों में होगी।(एजेंसीज )
अवलोकन करें:-
No comments:
Post a Comment