जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को खत्म करने का मामला यूरोपियन पार्लियामेंट (ईपी) में भी उठा। दुनिया भर के देशों की तरह ही ईपी ने भी भारत सरकार के इस कदम का समर्थन किया है। यूरोपियन पार्लियामेंट के सदस्य टॉमस चेकोवस्की ने इसे भारत का आतंरिक मामला बताते हुए कहा कि अनुच्छेद 370 खत्म होने से कश्मीर में आतंकवाद को जड़ से उखाड़ फेंकने में मदद मिलेगी। टॉमस ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को प्रधानमंत्री मोदी का आतंकियों के खिलाफ बड़ा फैसला बताया।
ईपी के मासिक अखबार ET टुडे में रविवार (सितंबर 1, 2019) को प्रकाशित खबर के मुताबिक, चेकोवस्की ने कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से कुछ आतंकी संगठन कश्मीर घाटी में आतंक फैला रहे हैं। ये सशस्त्र समूह जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक संगठनों से जुड़े या संबद्ध व्यक्तियों पर हमलों के लिए जिम्मेदार हैं। हाल में कम से कम राजनीतिक दल के 6 कार्यकर्ता और एक अलगाववादी नेता की हत्या में भी ये शामिल रहे हैं।
टॉमस ने आगे कहा कि कश्मीर में अक्टूबर 2018 में स्थानीय चुनावों के दौरान आतंकी हमलों की घटनाएँ सबसे ज्यादा हुई। जो नेता चुनावों में हिस्सा ले रहे थे, उन्हें धमकियाँ मिल रही थी। उन्होंने कहा कि ज्यादातर पाकिस्तानी आतंकी संगठन पीओके से ही संचालित हो रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र के रिपोर्ट का कहना है कि 1990 से लेकर अब तक कश्मीर में कई आतंकी संगठनों का उदय हुआ है। वर्तमान समय में चार बड़े आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हिजबुल मुजाहिद्दीन और हरकत उल-मुजाहिद्दीन की सक्रियता सबसे ज्यादा है। इन सभी आंतकी संगठनों को पाकिस्तान का समर्थन प्राप्त है।
ईपी के मासिक अखबार ET टुडे में रविवार (सितंबर 1, 2019) को प्रकाशित खबर के मुताबिक, चेकोवस्की ने कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से कुछ आतंकी संगठन कश्मीर घाटी में आतंक फैला रहे हैं। ये सशस्त्र समूह जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक संगठनों से जुड़े या संबद्ध व्यक्तियों पर हमलों के लिए जिम्मेदार हैं। हाल में कम से कम राजनीतिक दल के 6 कार्यकर्ता और एक अलगाववादी नेता की हत्या में भी ये शामिल रहे हैं।
अनुच्छेद 370 पर यूरोपियन संसद ने भी थपथपाई भारत की पीठ, कहा- फैसला आतंकवाद के खात्मे में मददगार https://t.co/tAMN92apmd #Article370 #Terrorism #EuropeanParliament #India pic.twitter.com/jLq2zzLw6a— Punjab Kesari (@punjabkesari) September 2, 2019
टॉमस ने आगे कहा कि कश्मीर में अक्टूबर 2018 में स्थानीय चुनावों के दौरान आतंकी हमलों की घटनाएँ सबसे ज्यादा हुई। जो नेता चुनावों में हिस्सा ले रहे थे, उन्हें धमकियाँ मिल रही थी। उन्होंने कहा कि ज्यादातर पाकिस्तानी आतंकी संगठन पीओके से ही संचालित हो रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र के रिपोर्ट का कहना है कि 1990 से लेकर अब तक कश्मीर में कई आतंकी संगठनों का उदय हुआ है। वर्तमान समय में चार बड़े आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हिजबुल मुजाहिद्दीन और हरकत उल-मुजाहिद्दीन की सक्रियता सबसे ज्यादा है। इन सभी आंतकी संगठनों को पाकिस्तान का समर्थन प्राप्त है।
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