7 साल में 4000 ईसाई लड़कियाँ ‘लव जिहाद’ की शिकार

लव जिहादहिंदू ही नहीं ईसाई लड़कियाँ भी ‘लव जिहाद’ का शिकार हो रही हैं। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (NMC) ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को इस सम्बन्ध में पत्र लिखा है। केरल के कोझीकोड में एक ईसाई व्यक्ति ने अपने बेटी के साथ ब्लैकमेलिंग का मामल दर्ज कराया था। अपनी शिकायत में उसने कहा था कि उसकी बेटी को ब्लैकमेल कर उसे इस्लाम कबूलने के लिए मजबूर किया जा रहा है। अल्पसंख्यक आयोग ने इस ख़बर को गंभीरता से लेते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का ध्यान इस तरफ आकृष्ट कराया है।
अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष जॉर्ज कुरियन ने पत्र में स्वीकार किया है कि धर्मान्तरण के मामले काफ़ी ज्यादा बढ़ गए हैं। उन्होंने बताया कि इस कार्य को एक सुनियोजित तरीके से और संगठनात्मक रूप से अंजाम दिया जा रहा है। कुरियन के अनुसार, पीड़ितों को ‘लव जिहाद’ के तहत फँसा कर आतंकी गतिविधियों में उनका इस्तेमाल किया जा रहा है। केरल से आने वाले जॉर्ज कुरियन ख़ुद ईसाई हैं और उन्हें मई 2017 में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग का उपाध्यक्ष बनाया गया था।

लव जिहादजॉर्ज कुरियन ने कहा कि ईसाई लड़कियाँ ‘लव जिहाद’ का सबसे आसान शिकार बन रही हैं। उन्होंने गृह मंत्रालय से इस ख़तरनाक चलन को रोकने और इस मामले में एनआईए से जाँच कराने की माँग की। बकौल अल्पसंख्यक आयोग, ईसाई लड़कियाँ इस्लामिक कट्टरवादियों के लिए एक ‘सॉफ्ट टारगेट’ बन गई हैं। आयोग ने कहा कि अब इस्लामिक कट्टरपंथियों द्वारा चलाए जा रहे धर्मान्तरण अभियान को रोकने के लिए क़ानून बनाने का समय आ गया है। कुरियन ने कहा:
“कई अभिभावकों में ‘लव जिहाद’ को लेकर डर का माहौल है और उनका ये डर जायज भी है। पूर्व में कई मामले ऐसे आ चुके हैं, जहाँ ईसाई लड़कियों को ‘लव जिहाद’ का शिकार बनाया गया। केरल के 21 लोग खूँखार वैश्विक आतंकी संगठन आईएसआईएस में शामिल हो गए। इनमें से 5 ऐसे थे, जो पहले ईसाई थे और बाद में उन्हें धर्मान्तरण के जरिये इस्लाम कबूलवाया गया था।”
जब हिन्दू संगठनों द्वारा धर्म-परिवर्तित लोगों को वापस हिन्दू धर्म में अपनाया जाता है, छद्दम धर्म-निरपेक्षों को संविधान खतरे में दिखाई देने लगता है, लेकिन जब मुस्लिम संगठनों द्वारा गैर-मुस्लिम लड़कियों को प्यार-मोहब्बत के जाल में फ़ांस कर इस्लाम कबूल करवाने पर सबके मुंह में दही क्यों जम जाता है? और ये खेल कई वर्षों से चलता आ रहा है।  


राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग की यह चिंता 2 हालिया घटनाओं के कारण बढ़ गई है। पहली घटना केरल के कोझीकोड की है, जहाँ एक कॉलेज छात्रा के साथ बलात्कार किया गया और फिर उसका वीडियो बना लिया गया। पीड़िता ईसाई समुदाय से आती है। आरोपितों ने रेप का वीडियो बनाया और फिर उस वीडियो के जरिए पीड़िता को इस्लाम कबूलने के लिए ब्लैकमेल करते रहे। जब पीड़िता ने ऐसा करने से मना कर दिया, तब उसके हॉस्टल से ही उसका अपहरण कर लिया गया। एक अन्य घटना में ईसाई लड़की का रेप किया गया और उससे इस्लाम कबूल करवाया गया।
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने लिखा कि अधिकतर मामलों में पीड़ितों का ब्रेनवाश किया गया। आयोग ने चिंता जताई है कि अगर यह सब चालू रहा तो केरल में सांप्रदायिक सौहार्द की स्थिति बिगड़ सकती है। कई मामलों में पीड़ितों के परिवार वालों ने डर के कारण चुप रहना ही उचित समझा, क्योंकि धर्मान्तरण लॉबी काफ़ी शक्तिशाली और संगठित है। कैथोलिक कॉन्फ्रेंस ने भी स्वीकारा है कि ‘लव जिहाद’ एक समाजिक बुराई बन गई है, जिसके तहत ईसाई लड़कियों का यौन शोषण किया जाता है और फिर उनकी पूरी जिंदगी नरक बन जाती है। अधिकतर जवान ईसाई लड़कियों को ही निशाना बनाया जा रहा है।
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केरल बिशप कैथोलिक कॉन्फ्रेंस ने इस सम्बन्ध में एक रिपोर्ट तैयार की है। इस रिपोर्ट के अनुसार, 2005 से लेकर 2012 तक, 7 वर्षों में 4000 ईसाई लड़कियों को ‘लव जिहाद’ का शिकार बनाया गया था। इन सबको प्यार के जाल में फँसाया गया और जबरन धर्मान्तरण कर के इस्लाम कबूल करवाया गया। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने भी ‘Kerala Catholic Bishops Conference’s Commission for Social Harmony and Vigilance’ की इस रिपोर्ट का जिक्र करते हुए चिंता जताई है।
इन दो ईसाई परिवारों की शिकायत के बाद अमित शाह को लिखे गए पत्र में उपाध्यक्ष ने अमित शाह से कहा कि पिछले 7 साल (2005 से 2012) में 4 हजार ईसाई लड़कियाँ लव जिहाद का शिकार हुई हैं। इन सभी मामलों में पहले लड़की को प्यार के जाल में फँसाया गया और फिर जबरन उनका धर्मांतरण करवाया गया। अधिकतर मामलों में लड़की का ब्रेन वॉश हुआ।
आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद जैसे संगठनों ने पहले लव जिहाद के ख़िलाफ़ मोर्चा खोला हुआ है। लेकिन पहली बार है जब अल्पसंख्यक आयोग जैसे संस्था के उपाध्यक्ष ने लव जिहाद शब्द का इस्तेमाल किया है। उनके मुताबिक अल्पसंख्यक समुदाय मुस्लिमों के निशाने पर हैं।
कुरियन के अनुसार शिकायतकर्ताओं की आशंकाएँ गलत नहीं हैं, क्योंकि पूर्व में ऐसे कई मामले आए हैं, जिनमें बताया गया था कि केरल से आईएस में शामिल होने वाले 21 लोगों में से 5 ईसाई धर्म से परिवर्तित किए गए थे।

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