
अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष जॉर्ज कुरियन ने पत्र में स्वीकार किया है कि धर्मान्तरण के मामले काफ़ी ज्यादा बढ़ गए हैं। उन्होंने बताया कि इस कार्य को एक सुनियोजित तरीके से और संगठनात्मक रूप से अंजाम दिया जा रहा है। कुरियन के अनुसार, पीड़ितों को ‘लव जिहाद’ के तहत फँसा कर आतंकी गतिविधियों में उनका इस्तेमाल किया जा रहा है। केरल से आने वाले जॉर्ज कुरियन ख़ुद ईसाई हैं और उन्हें मई 2017 में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग का उपाध्यक्ष बनाया गया था।
Kurian has written to Home Minister Amit Shah seeking a probe by the National Investigating Agency (NIA) and to bring in a law to curb such conversions.https://t.co/O9Sgxu7mvB— The Indian Express (@IndianExpress) September 25, 2019


“कई अभिभावकों में ‘लव जिहाद’ को लेकर डर का माहौल है और उनका ये डर जायज भी है। पूर्व में कई मामले ऐसे आ चुके हैं, जहाँ ईसाई लड़कियों को ‘लव जिहाद’ का शिकार बनाया गया। केरल के 21 लोग खूँखार वैश्विक आतंकी संगठन आईएसआईएस में शामिल हो गए। इनमें से 5 ऐसे थे, जो पहले ईसाई थे और बाद में उन्हें धर्मान्तरण के जरिये इस्लाम कबूलवाया गया था।”
जब हिन्दू संगठनों द्वारा धर्म-परिवर्तित लोगों को वापस हिन्दू धर्म में अपनाया जाता है, छद्दम धर्म-निरपेक्षों को संविधान खतरे में दिखाई देने लगता है, लेकिन जब मुस्लिम संगठनों द्वारा गैर-मुस्लिम लड़कियों को प्यार-मोहब्बत के जाल में फ़ांस कर इस्लाम कबूल करवाने पर सबके मुंह में दही क्यों जम जाता है? और ये खेल कई वर्षों से चलता आ रहा है।
National Commission for Minorities Vice-Chairman, George Kurian: Recently I received complaints from Calicut & Delhi. The complaints were from the parents who complained that their daughters were abducted or raped. pic.twitter.com/XFs1AjLdCr— ANI (@ANI) September 24, 2019
In the letter, George Kurian said Christians have become soft targets of Islamic terror recruiters in Kerala. @Rahulshrivstvhttps://t.co/WKryYDnpkK— India Today (@IndiaToday) September 24, 2019

राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने लिखा कि अधिकतर मामलों में पीड़ितों का ब्रेनवाश किया गया। आयोग ने चिंता जताई है कि अगर यह सब चालू रहा तो केरल में सांप्रदायिक सौहार्द की स्थिति बिगड़ सकती है। कई मामलों में पीड़ितों के परिवार वालों ने डर के कारण चुप रहना ही उचित समझा, क्योंकि धर्मान्तरण लॉबी काफ़ी शक्तिशाली और संगठित है। कैथोलिक कॉन्फ्रेंस ने भी स्वीकारा है कि ‘लव जिहाद’ एक समाजिक बुराई बन गई है, जिसके तहत ईसाई लड़कियों का यौन शोषण किया जाता है और फिर उनकी पूरी जिंदगी नरक बन जाती है। अधिकतर जवान ईसाई लड़कियों को ही निशाना बनाया जा रहा है।
अवलोकन करें:-
इन दो ईसाई परिवारों की शिकायत के बाद अमित शाह को लिखे गए पत्र में उपाध्यक्ष ने अमित शाह से कहा कि पिछले 7 साल (2005 से 2012) में 4 हजार ईसाई लड़कियाँ लव जिहाद का शिकार हुई हैं। इन सभी मामलों में पहले लड़की को प्यार के जाल में फँसाया गया और फिर जबरन उनका धर्मांतरण करवाया गया। अधिकतर मामलों में लड़की का ब्रेन वॉश हुआ।
आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद जैसे संगठनों ने पहले लव जिहाद के ख़िलाफ़ मोर्चा खोला हुआ है। लेकिन पहली बार है जब अल्पसंख्यक आयोग जैसे संस्था के उपाध्यक्ष ने लव जिहाद शब्द का इस्तेमाल किया है। उनके मुताबिक अल्पसंख्यक समुदाय मुस्लिमों के निशाने पर हैं।
कुरियन के अनुसार शिकायतकर्ताओं की आशंकाएँ गलत नहीं हैं, क्योंकि पूर्व में ऐसे कई मामले आए हैं, जिनमें बताया गया था कि केरल से आईएस में शामिल होने वाले 21 लोगों में से 5 ईसाई धर्म से परिवर्तित किए गए थे।
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