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बीजेपी नेता आजाद सिंह ने पार्टी के आफिस में पूर्व पत्नी सरिता चौधरी को थप्पड़ मार दिया. |
एक तरफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नारी सशक्तिकरण की बात करते हैं, विपरीत इसके उन्हीं की पार्टी के नेता सरेआम नारी जाति का अपमान कर रहे हैं। माना सुश्री सरिता चौधरी से किसी कारणवश सम्बन्ध विच्छेद हो गए हैं, तो इसका मतलब यह नहीं कि किसी बात को लेकर सार्वजनिक रूप से उनका अनादर करें। क्या ऐसे नेताओं से नारी सशक्तिकरण की कामना की जा सकती है?
मोदी-योगी-अमित लाख दिन-रात परिश्रम कर पार्टी को गगनचुम्बी ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए कटिबद्ध हों, लेकिन एक के बाद दूसरा नेता पार्टी के लिए मुसीबत बन रहा है। स्वामी चिन्मन्यानंद के विवादों से पार्टी मुक्त भी नहीं होने पायी कि आज़ाद सिंह ने एक और बखेड़ा खड़ा कर दिया। वैसे पूर्व में भी भाजपा नेता सेक्स स्कैंडल के कारण सुर्ख़ियों में आते रहे हैं, जिस पर अपने इस ब्लॉग पर लिखता भी रहा हूँ। जिसे देख लगता है "हमाम में सारी पार्टियां नंगी हैं।" पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को ऐसे नेताओं पर लगाम लगानी पड़ेगी, अन्यथा जनता के दिमाग में भारतीय जनसंघ से लेकर आज भाजपा की जो "चरित्रवानों की पार्टी" की छवि धूमिल हो जाएगी।
दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी दफ्तर के बाहर दक्षिण दिल्ली नगर निगम की पूर्व मेयर सरिता चौधरी के पूर्व पति आजाद सिंह ने उन्हें थप्पड़ मार दिया। भाजपा ने इस मामले को लेकर आज़ाद सिंह को पार्टी के सभी पदों से हटा दिया है। आजाद सिंह और सरिता चौधरी का तलाक हो चुका है। आजाद दिल्ली प्रदेश भाजपा संगठन में थे और पार्टी की महरौली इकाई के जिला अध्यक्ष थे।
भाजपा की दिल्ली प्रदेश इकाई के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने सितम्बर 19 को पार्टी के नेता आजाद सिंह को पार्टी के सभी पदों से हटा दिया।आजाद सिंह ने बीजेपी ऑफिस में सार्वजनिक रूप से अपनी पूर्व पत्नी को थप्पड़ मार दिया था। उनके इस व्यवहार के कारण उन्हें सभी पदों से हटा दिया गया है।
आजाद सिह की पूर्व पत्नी सरिता चौधरी भी बीजेपी की नेता हैं और दक्षिण दिल्ली की मेयर रह चुकी हैं।आजाद सिंह ने बीजेपी ऑफिस में सभी के सामने सरिता चौधरी को चांटा मारा। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
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