चांदनी चौक से आम आदमी पार्टी विधायक अलका लांबा अयोग्य घोषित हो गई हैं. अलका लांबा ने हाल ही में कांग्रेस ज्वाइन कर ली थी, जिसके बाद 'आप' विधायक सौरभ भारद्वाज ने विधानसभा अध्यक्ष के सामने अलका लांबा को अयोग्य घोषित करने की याचिका लगाई थी. याचिका पर फैसला देते हुए विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने अलका लांबा को अयोग्य घोषित कर दिया. बता दें कि इसी महीने की शुरुआत में अलका लांबा ने 'आप' का साथ छोड़ा था. उन्होंने ट्वीट कर किया था, "time to say good bye" यानी गुड बॉय बोलने का समय आ गया है. अलका लांबा काफी समय से पार्टी छोड़ने की बात कह रही थीं और उन्होंने ऐलान भी किया था कि अगले विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ेंगी.
आम आदमी पार्टी में शामिल होने से पहले अलका लांबा 20 सालों तक कांग्रेस से जुड़ी रहीं थीं, लेकिन साल 2013 में उन्होंने अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ज्वाइन कर ली और चांदनी चौक से चुनाव जीता था. लेकिन इस साल लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार पर उन्होंने अरविंद केजरीवाल की भी जिम्मेदारी तय करने की बात कही. लेकिन इसके बाद उनको आम आदमी पार्टी के विधायकों वाट्सएप ग्रुप से बाहर कर दिया गया.
अलका लांबा निर्दलीय लड़ेंगी अगला चुनाव
इसके बाद मतभेद लगातार बढ़ते चले गए और जब अरविंद केजरीवाल के रोड शो में उन्हें कार में ही बैठे रहने को कहा गया तो वह बीच में रोड शो को छोड़कर चली आईं. वहीं अलका लांबा ने पार्टी के उस प्रस्ताव का भी खुले तौर पर विरोध किया जिसमें राजीव गांधी को मिले भारत रत्न वापस लेने की मांग की गई थी.
Delhi Assembly Speaker Ram Niwas Goel disqualifies Alka Lamba from the legislative assembly on the grounds of defection. Chandni Chowk Assembly Constituency seat falls vacant. (file pic) pic.twitter.com/cvWUka2y3q— ANI (@ANI) September 19, 2019
आम आदमी पार्टी में शामिल होने से पहले अलका लांबा 20 सालों तक कांग्रेस से जुड़ी रहीं थीं, लेकिन साल 2013 में उन्होंने अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ज्वाइन कर ली और चांदनी चौक से चुनाव जीता था. लेकिन इस साल लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार पर उन्होंने अरविंद केजरीवाल की भी जिम्मेदारी तय करने की बात कही. लेकिन इसके बाद उनको आम आदमी पार्टी के विधायकों वाट्सएप ग्रुप से बाहर कर दिया गया.
अलका लांबा निर्दलीय लड़ेंगी अगला चुनाव
इसके बाद मतभेद लगातार बढ़ते चले गए और जब अरविंद केजरीवाल के रोड शो में उन्हें कार में ही बैठे रहने को कहा गया तो वह बीच में रोड शो को छोड़कर चली आईं. वहीं अलका लांबा ने पार्टी के उस प्रस्ताव का भी खुले तौर पर विरोध किया जिसमें राजीव गांधी को मिले भारत रत्न वापस लेने की मांग की गई थी.
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