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दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह |
कहते हैं, जब बुरा वक़्त आता है, तो साया भी साथ छोड़ देता है। लगता है कांग्रेस भी उसी दौर से गुजर रही है। कोई पार्टी को छोड़ रहा है तो कोई पार्टी में ही रहकर मोदी का गुणगान कर रहा है।
मध्यप्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह ने किसानों की कर्जमाफी के आधार पर राहुल गाँधी को आड़े हाथों लिया है। दरअसल, लक्ष्मण सिंह ने आवाज उठाई है कि राहुल गाँधी को मध्य प्रदेश के किसानों से माफी माँगनी चाहिए, क्योंकि वो अपने कर्ज माफी के वादे को पूरा करने में असफल रहे, जिसके बलबूते पर उन्होंने प्रदेश में सरकार बनाई थी।

5 बार सांसद और 2 बार विधायक रह चुके लक्ष्मण सिंह ने कहा- अब समय है कि आगे वादे करने की बजाय, उचित समय बताया जाए कि किसानों का पूरा कर्ज कब माफ कर दिया जाएगा।
गौरतलब है कि इससे पहले भी लक्ष्मण सिंह ने इसी मुद्दे पर बड़ा बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि चुनाव के दौरान राहुल गाँधी को 10 दिनों के भीतर क़र्ज़माफ़ी का वादा नहीं करना चाहिए था।
मध्यप्रदेश में किसानों की कर्जमाफी हो ही नहीं सकती! राहुल गांधी को 10 दिन का वादा नहीं करना चाहिए था। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह— DharmvirJangra (@dharmvirjangra9) September 19, 2019
5 बार सांसद, 2 बार विधायक रहे हैं, किसानों को 45 हज़ार करोड़ की क़र्ज़माफ़ी आसान काम नहीं है।@ChouhanShivraj
आँकड़े गिनाते हुए कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह ने कहा कि 45 हज़ार करोड़ की क़र्ज़ माफ़ी आसान काम नहीं है। लक्ष्मण सिंह के अनुसार, इस वर्ष किसानों की क़र्ज़ माफ़ी किसी भी क़ीमत पर नहीं हो सकती।
इस बयान के सुर्खियों में आने के बाद इसे मध्य प्रदेश की राजनीति के लिए बेहद अहम माना जा रहा है, क्योंकि इसी बीच मध्य प्रदेश के एक मंत्री ने ही उनके भाई दिग्विजय सिंह पर परदे के पीछे से सरकार में दखल देने का आरोप लगाया है। इसके अलावा ज्योतिरादित्य सिंधिया को कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के लिए उनके समर्थक लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं, और फिलहाल कमलनाथ मध्य प्रदेश में सरकार और संगठन, दोनों के मुखिया बने हुए हैं। इसलिए ऐसे में जब दिग्विजय, सिंधिया और कमलनाथ के त्रिकोण में मध्य प्रदेश कांग्रेस की सियासत उलझी हुई है, तब लक्ष्मण सिंह का बयान मायने रखता है।
कांग्रेस के जितिन प्रसाद ने मोदी का समर्थन करते पार्टी को याद दिलाया 1998 AICC का प्रस्ताव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस पर जनसंख्या विस्फोट पर चिंता जताने के बाद अब पूर्व मंत्री और कांग्रेस के युवा लेकिन प्रसिद्ध नेता जितिन प्रसाद ने भी इसी तर्ज पर जनसंख्या नियंत्रण की आवश्यकता पर ज़ोर दिया है। जितिन प्रसाद के पीएम मोदी की बात को समर्थन देने के बाद कांग्रेस में हलचल बढ़ गई है। उन्होंने कहा है कि अब देश में दो बच्चों के मानक पर व्यापक बहस होनी चाहिए। साथ ही इस संबंध में सरकार को कानून लेकर आना चाहिए, ताकि भावी पीढ़ी की मूलभूत जरूरतों को सुनिश्चित किया जा सके।
जितिन प्रसाद ने इस दौरान देशहित का हवाला देते हुए इस मुद्दे को राष्ट्रीय मुद्दा बताया। उन्होंने इस मुद्दे को उठाते हुए कांग्रेस के लोगों AICC के उस प्रस्ताव की भी याद दिलाई, जब 1998 में कांग्रेस ने पंचमढ़ी शिविर में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर व्यापक बहस और पॉलिसी बनाने की बात कही थी।
कांग्रेस में तब फैसला लिया गया था कि 1 जनवरी 2000 के बाद से किसी भी कांग्रेस नेता के अगर 2 बच्चे से ज्यादा होते हैं तो उन्हें न तो पार्टी में कोई पद दिया जाएगा और न ही उन्हें चुनाव में टिकट दिया जाएगा।
इसके अलावा जितिन ने अपने दूसरे ट्वीट में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को प्रेरित करने के लिए लिखा, “शुरुआत में कांग्रेस कार्यकर्ता दो बच्चों के मानक पर जनसंख्या नियंत्रण उपायों को अपनाने के लिए 10 परिवारों को प्रेरित करें।
पीछे भी इस संबंध में 1 सितंबर को जितिन प्रसाद ने ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने जनसंख्या नियंत्रण को लेकर चर्चा कराने की बात शुरू की थी और अब एक बार फिर उन्होंने इस मुद्दे को आगे बढ़ाते हुए आवाज उठाई है।
It’s time to sensitise and make India aware of the need for Population control/stabilisation. It has been the part of @INCIndia Panchmarhi shivir sakalp to work towards the goal of the two child norm. #nationalinterest— Jitin Prasada (@JitinPrasada) September 18, 2019
To start with Congress workers should mobilise 10 families to adopt population control measures based on the two child norm . #nationalinterest @INCIndia— Jitin Prasada (@JitinPrasada) September 18, 2019
जितिन ने इस संबंध में मीडिया से बातचीत करते हुए ये भी कहा है कि ये कहना गलत है कि जनसंख्या नियंत्रण पीएम मोदी का आइडिया है, क्योंकि 1998 में इसे उनके वरिष्ठों ने सोचा था और डॉक्यूमेंट किया था। लेकिन बता दें कि अभी हाल फिलहाल में जनसंख्या को लेकर चिंता प्रधानमंत्री मोदी के अलावा किसी और पार्टी द्वारा नहीं जताई गई है, इसलिए प्रसाद की गुहार को पीएम मोदी की चिंता के तर्ज पर ही विस्तार के रूप देखा जा रहा है।
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