फिर फिसली इमरान खान की जुबान

Imran Khanपाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की जुबान एक बार फिर फिसल गई, जब वह सितम्बर 27 को संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा के अधिवेशन को संबोधित कर रहे थे। पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इस दौरान भारत के खिलाफ खूब बोले। उन्‍होंने कश्‍मीर का मसला उठाया तो राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ (RSS) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी अपनी भड़ास निकाली। इसी दौरान उनकी जुबान फिसल गई, जब उन्‍होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री की बजाय 'राष्‍ट्रपति' कह दिया।
प्रधानमंत्री के तौर पर यह इमरान खान का संयुक्‍त राष्‍ट्र में पहला संबोधन था। उन्‍होंने जिस तरह से इस दौरान वैश्विक मंच पर अपनी बात रखी, उससे उनके भीतर की खीझ और भड़ास साफ नजर आ रही थी। क्रिकेटर से सियासी मैदान में पारी शुरू करने वाले इमरान खान ने बीते साल अगस्‍त में प्रधानमंत्री का पद संभाला था। कश्‍मीर पर दुनिया का साथ नहीं मिलने से पहले से ही बौखलाए इमरान खान अपने संबोधन के दौरान भारत और अमेरिका सहित पश्चिमी देशों के खिलाफ भड़ास निकालते दिखे।

इमरान खान संयुक्‍त राष्‍ट्र में करीब 50 मिनट बोले, जबकि यहां नेताओं के संबोधन के लिए 15 मिनट का समय ही निर्धारित था। अपने संबोधन में कश्‍मीर मुद्दा उठाते हुए इमरान खान ने भारत के साथ तनावपूर्ण रिश्‍तों का जिक्र किया और कहा कि अगर भारत के साथ पाकिस्‍तान को युद्ध के हालात से गुजरना पड़ता है तो इसका असर केवल भारत-पाकिस्‍तान तक ही सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पूरी दुनिया पर इसका असर होगा।
पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि 9/11 के बाद दुनियाभर में 'इस्लामोफोबिया' (इस्लाम को लेकर पैदा किया जा रहा डर) तेजी से बढ़ा है और इसके चलते लोगों के बीच विभाजन भी हो रहा है। मुस्लिम महिलाओं के 'हिजाब' पहनने पर उन्‍होंने कहा कि इसे भी कुछ देशों में एक समुदाय विशेष के खिलाफ हथियार की तरह इस्‍तेमाल किया जा रहा है और यह सब 9/11 के बाद हो रहा है।
यह पहला मौका नहीं है, जब इमरान खान की जुबान फिसली हो। इससे पहले ईरान दौरे के दौरान इमरान खान ने ऐतिहासिक तथ्‍यों को लेकर ऐसी गलतबयानी की थी, जिसे लेकर वह सोशल मीडिया पर घिर गए। इमरान खान दो पड़ोसी मुल्‍कों बीच व्‍यापारिक संबंधों की बात कर रहे थे, जब उन्‍होंने गलती से एशियाई देश जापान और यूरोपीय देश जर्मनी को पड़ोसी मुल्‍क बता दिया, जबकि उन्‍हें यूरोपीय देशों जर्मनी और फ्रांस का जिक्र करना था। इसे लेकर सोशल मीडिया पर उनकी खूब फजीहत हुई थी।

Narendra Modi and Imran Khan
धमकी भरा रहा इमरान का सम्बोधन 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के मंच से भारत के विकास की कहानी बयां की। उन्होंने भारत के विकास व इसकी उपलब्धियों को दुनिया के लिए प्रेरणा के रूप में पेश किया। इस दौरान मोदी ने कहा कि भारत की विकास गाथा पूरी दुनिया के गरीबों में विश्वास पैदा करने और दुनिया को एक नई आशा देने का काम करती है। एक तरफ जहां प्रधानमंत्री मोदी का भाषण विकास और शांति पर पर केंद्रित रहा वहीं इमरान खान का भाषण इस्लाम, युद्ध और कश्मीर पर केंद्रित रहा
पीएम मोदी ने कहा, 'विकास के प्रयास हमारे हैं, लेकिन इसका फल सभी के लिए है, संपूर्ण विश्व के लिए है।' मोदी ने कहा, 'हमारा प्रयास सारे संसार के लिए है। जब मैं उन देशों के बारे में सोचता हूं कि जो भारत की तरह ही प्रयास कर रहे हैं, तो हमारा विश्वास और दृढ़ हो जाता है' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंक के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करते हुए कहा कि भारत एक ऐसा देश है, जिसने दुनिया को 'बुद्ध' दिया है न कि 'युद्ध'। मोदी ने कहा कि हमारी आवाज में आतंक के खिलाफ दुनिया को सतर्क करने की गंभीरता भी है और आक्रोश भी।
जबकि संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने पहले संबोधन के दौरान इमरान खान ने कश्मीर मुद्दा उठाया और मांग की कि भारत को कश्मीर में ‘अमानवीय कर्फ्यू’ हटाना चाहिए एवं सभी बंदियों को रिहा करना चाहिए। इमरान का भाषण मुख्य रूप से इस्लामोफोबिया, कश्मीर, और आरएसएस पर केंद्रित रहा। यहीं नहीं इमरान ने एक अतंराष्ट्रीय मंच से सीधे-सीधे भारत को युद्ध ही नहीं बल्कि परमाणु युद्ध की भी धमकी दे डाली। अपने लंबे भाषण में इमरान खान ने एक बार फिर युद्ध की धमकी देते हुए कहा कि यदि दो परमाणु शक्ति संपन्न देशों में युद्ध होता है तो उसके नतीजे उनकी सीमाओं से परे जाएंगे।
इमरान ने अपने भाषण में भारत विरोधी बयानबाजी करने के साथ-साथ कांग्रेस का भी नाम लिया। इमरान ने कहा, 'पिछली सरकार में कांग्रेस के गृह मंत्री ने बयान दिया था कि आरएसएस के शिविरों में आतंकवादियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। ' जहां प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में शांति और सद्भावना की बात की वहीं इमरान का भाषण ठीक इसके उलट युद्ध की धमकी पर आधारित रहा। 
इमरान को शायद ज्ञान नहीं कि कांग्रेस ने जब भी आरएसएस के विरुद्ध जो भी कदम उठाये, परेशानी का सामना करना पड़ा। इसको अपना वोटबैंक बना ब्रह्मास्त्र की तरह इस्तेमाल कर हिन्दू और मुसलमानों के बीच दरार डालने का प्रयास करती रही थी, वैसे आज भी कर रही है। 
भारत के आतंरिक मामलों में दखल देते हुए इमरान खान ने एक बार फिर से आर्टिकल 370 को निरस्त करने के केंद्र सरकार के फैसले की आलोचना की। इमरान ने धमकी देते हुए कहा कि यदि कश्मीर से कर्फ्यू हटता है तो वहां खून की नदियां बहेंगी। इमरान ने कहा, 'यहां तक की कांग्रेस पार्टी ने भी लोगों को घरों के अंदर कैद रखे जाने की आलोचना की है।'
यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान ने कांग्रेस का नाम अपने संबोधन में लिया हो। इस महीने की शुरुआत में जब पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर को लेकर जो डोजियर सौंपे थे उनमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी और नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के नेता उमर अब्दुल्ला के उन बयानों को शामिल किया था जो अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद दिए गए थे।
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पिछले महीने ही पाकिस्तान की मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी ने कश्मीर मुद्दे को लेकर संयुक्त राष्ट्र को विशेष प्रक्रिया के लिए एक पत्र लिखा था। अपने पत्र में, माजरी ने दावा किया था कि राहुल गांधी ने कहा है कि जम्मू और कश्मीर में लोग मर रहे हैं। बाद में राहुल गांधी ने अपने रुख को स्पष्ट किया और कहा कि पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में हिंसा भड़का रहा है। राहुल ने कहा था कि यह भारत का आंतरिक मसला है जिसमें इस्लामाबाद के हस्तक्षेप के लिए कोई जगह नहीं है। कांग्रेस ने भी दोहराया था कि जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा है और हमेशा रहेगा। 

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