
आपको बता दें कि आम आदमी पार्टी में शामिल होने से पहले अलका लांबा 20 सालों तक कांग्रेस से जुड़ी रहीं लेकिन साल 2013 में उन्होंने अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ज्वाइन कर ली और चांदनी चौक से चुनाव जीता था. लेकिन इस साल लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार पर उन्होंने अरविंद केजरीवाल की भी जिम्मेदारी तय करने की बात कही. लेकिन इसके बाद उनको आम आदमी पार्टी के विधायकों वाट्सएप ग्रुप से बाहर कर दिया गया. इसके बाद मतभेद लगातार बढ़ते चले गए और जब अरविंद केजरीवाल के रोड शो में उन्हें कार में ही बैठे रहने को कहा गया तो वह बीच में रोड शो को छोड़कर चली आईं. वहीं अलका लांबा ने पार्टी के उस प्रस्ताव का भी खुले तौर पर विरोध किया जिसमें राजीव गांधी को मिले भारत रत्न वापस लेने की मांग की गई थी.
The time has come to say— Alka Lamba - अलका लाम्बा (@LambaAlka) September 6, 2019
"Good Bye" to #AAP and to resign from the primary membership of the Party.
The past 6years journey was a great learning for me.
Thanks to all. 🙏🇮🇳. #JaiHind #ChandniChowk #MLA #AlkaLamba #Delhi
अलका लांबा ने 2020 में 'आप' छोड़ने की बात कही
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