Chandrayaan 2: विक्रम लैंडर से संपर्क टूटा, पीएम मोदी ने कहा - होप फॉर द बेस्ट, ये छोटी कामयाबी नहीं है

Chandrayaan 2 के  लैंडर से संपर्क टूटने पर पीएम मोदी ने दिया दिलासा तो इसरो प्रमुख ने वैज्ञानिकों से कही यह बात...चंद्रयान 2  के चांद की सतह पर कदम रखने में सस्पेंस बना हुआ है. फिलहाल इसरो ने बताया कि विक्रम लैंडर से उनका संपर्क टूट गया है. इसरो ने बताया कि चांद से 2.1 किमी दूर तक चंद्रयान-2 से संपर्क था, लेकिन फिलहाल संपर्क टूट गया है. इसरो चीफ के मुताबिक अभी आंकड़ों का इंतजार किया जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस दौरान इसरो सेंटर में मौजूद थे. उन्होंने वैज्ञानिकों की पीठ थपथपाई और उनका हौसला बढ़ाया. पीएम मोदी ने इसरो के वैज्ञानिकों की तारीफ करते हुए कहा यह कोई छोटी कामयाबी नहीं है. मेरी तरफ से आपको बधाई. इससे हम काफी कुछ सीख सकते हैं. मैं आपके साथ हूं. हिम्मत के साथ चलें.
Chandrayaan 2: इसरो ने कहा- विक्रम लैंडर से टूटा संपर्क, कर रहे डेटा का विश्लेषणमोदी ने कहा, 'ये कोई छोटी उपलब्धि नहीं है जो आपने किया, पूरा देश आप पर गर्व करता है. मेरी तरफ से आप सभी को बहुत बधाई. आपने देश की और विज्ञान की बहुत बड़ी सेवा की है. मैं पूरी तरह आपके साथ हूं. हमारी यात्रा आगे भी जारी रहेगी. आप हिम्‍मत के साथ चलें. जब मिशन बड़ा होता है तो निराशा से पार पाने का हिम्मत होना चाहिए. मेरी तरफ से आप सभी को बहुत बधाई है. आपने देश की मानव जाति की बड़ी सेवा की है.'
'विक्रम' ने 'रफ ब्रेकिंग' और 'फाइन ब्रेकिंग' चरणों को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया, लेकिन 'सॉफ्ट लैंडिंग' से पहले इसका संपर्क धरती पर मौजूद स्टेशन से टूट गया. इसके साथ ही वैज्ञानिकों और देश के लोगों के चेहरे पर निराशा की लकीरें छा गईं. लैंडर विक्रम से संपर्क टूटने के बाद पीएम मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सहित देश के तमाम नेताओं ने इसरो के वैज्ञानिकों का हौंसला बढ़ाया.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को कहा कि चंद्रयान-2 मिशन को लेकर इसरो की टीम ने अनुकरणीय प्रतिबद्धता और साहस का प्रदर्शन किया. राष्ट्रपति ने ट्वीट किया, "देश को इसरो पर गर्व है. हम सभी बेहतर की उम्मीद करते हैं."
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि चंद्रयान-2 को चंद्रमा के सतह के करीब पहुंचाने की इसरो की कोशिशों से हर भारतीय गौरवान्वित है. लैंडर विक्रम के साथ इसरो केंद्र का संपर्क टूटने के चंद मिनट बाद शाह ने ट्वीट किया, "चंद्रयान-2 को लेकर अभी तक की इसरो की उपलब्धि पर प्रत्येक भारतीय को गर्व है." उन्होंने कहा, "भारत हमारे प्रतिबद्ध और कठिन मेहनत करने वाले इसरो के वैज्ञानिकों के साथ है. भविष्य की यात्रा के लिए मेरी शुभकामनाएं.
चंद्रयान-2: लैंडर से संपर्क टूटने पर वैज्ञानिक निराश, PM मोदी ने कहा- 'आप पर गर्व, होप फॉर द बेस्ट'कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अंतरिक्ष एजेंसी को शानदार कार्य के लिए बधाई थी और कहा कि यह प्रत्येक भारतीय के लिए एक प्रेरणा है. राहुल ने ट्वीट किया, "इसरो की टीम को चंद्रयान-2 मून मिशन पर शानदार काम के लिए बधाई. आपका जुनून और समर्पण प्रत्येक भारतीय के लिए एक प्रेरणा है." विक्रम को चंद्रमा की सतह के करीब तक पहुंचाने में इसरो की टीम के प्रयासों की सराहना करते हुए राहुल ने कहा, "आपका का काम बेकार नहीं जाएगा. इसने कई बेजोड़ और महत्वाकांक्षी भारतीय अंतरिक्ष मिशनों की बुनियाद रखी है."
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी इस संबंध में ट्वीट किया. उन्होंने लिखा कि पूरा देश वैज्ञानिकों के साथ है.
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भी ट्वीट कर वैज्ञानिकों को सैल्यूट किया और उनके काम की सराहना की.
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी वैज्ञानिकों की तारीफ की.
इसरो के अध्यक्ष के. सिवन ने कहा कि संपर्क उस समय टूटा, जब विक्रम चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाले स्थान से 2.1 किलोमीटर दूर रह गया था. विक्रम का चांद पर उतरने से ठीक पहले संपर्क टूट गया है. इसरो आंकड़ों का इंतजार कर रहा है. चांद से ठीक पहले चंद्रयान का संपर्क टूटने से वैज्ञानिकों में निराशा है. इससे पहले रात एक बजकर 52 मिनट 54 सेकेंड पर चांद की सतह पर चंद्रयान-2 को लैंड करना था. इस ऐतिहासिक पल का साक्षी बनने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इसरो सेंटर पहुंचे थे.









लैंडर को रात लगभग एक बजकर 38 मिनट पर चांद की सतह पर लाने की प्रक्रिया शुरू की गई, लेकिन चांद पर नीचे की तरफ आते समय 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर जमीनी स्टेशन से इसका संपर्क टूट गया. ‘विक्रम' ने ‘रफ ब्रेकिंग' और ‘फाइन ब्रेकिंग' चरणों को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया, लेकिन ‘सॉफ्ट लैंडिंग' से पहले इसका संपर्क धरती पर मौजूद स्टेशन से टूट गया. इसके साथ ही वैज्ञानिकों और देश के लोगों के चेहरे पर निराशा की लकीरें छा गईं.
Chandrayaan 2: भारत के मून लैंडर विक्रम से उस समय संपर्क टूट गया, जब वह शनिवार तड़के चंद्रमा की सतह की ओर बढ़ रहा था. इसरो के अध्यक्ष के. सिवन ने कहा कि संपर्क उस समय टूटा, जब विक्रम चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाले स्थान से 2.1 किलोमीटर दूर रह गया था. इसरो चीफ के सिवन ने कहा कि अभी आंकड़ों का इंतजार किया जा रहा है. इस खबर से जहां इसरो के वैज्ञानिकों में निराशा देखने को मिली, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसरो के वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि आपने बहुत अच्छा काम किया है.

इसरो के अनुसार, लैंडर में तीन वैज्ञानिक उपकरण लगे हैं जो चांद की सतह और उप सतह पर वैज्ञानिक प्रयोगों को अंजाम देंगे, जबकि रोवर के साथ दो वैज्ञानिक उपकरण हैं जो चांद की सतह से संबंधित समझ बढ़ाएंगे. सफल 'सॉफ्ट लैंडिंग' के साथ ही भारत रूस, अमेरिका और चीन के बाद यह उपलब्धि हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा. इसके साथ ही भारत अंतरिक्ष इतिहास में एक नया अध्याय लिखते हुए चांद के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में पहुंचने वाला विश्व का प्रथम देश बन जाएगा. सिवन ने हाल में कहा था प्रस्तावित 'सॉफ्ट लैंडिंग' दिलों की धड़कन थाम देने वाली स्थिति होगी क्योंकि इसरो ने ऐसा पहले कभी नहीं किया है.

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