
यह मामला बहुत बड़ी रकम से जुड़ा है
हाईकोर्ट के आदेश के एक दिन बाद मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने इस घोटाले के सिलसिले में एक प्राथमिकी दर्ज की थी. पीठ ने इन आरोपियों की याचिका का निबटारा करते हुए टिप्पणी की कि यह मामला बहुत बड़ी रकम से जुड़ा है और इसलिए इसकी जांच रोकी नहीं जा सकती. पीठ ने कहा कि इस घोटाले की जांच हाईकोर्ट के आदेश और उसकी टिप्पणियों से प्रभावित हुए बगैर जारी रहेगी.
बैंकिंग और रिजर्व बैंक के नियमों का उल्लंघन किया
अजित पवार, कामगार और श्रमिक पार्टी के नेता जयंत पाटिल और बैंक के अनेक पूर्व निदेशकों पर आरोप है कि उन्होंने चीनी मिलों को बेहद कम ब्याज पर कर्ज देते समय और कर्ज चुकता नहीं करने वाले कारोबारियों की संपत्ति को कौड़ियों के दामों पर बेचते समय बैंकिंग और रिजर्व बैंक के नियमों का उल्लंघन किया.
एक हजार करोड़ रुपए से अधिक का घाटा हुआ
साथ ही आरोप है कि इस तरह से संपत्तियों की बिक्री और सस्ती दर पर कर्ज देने और ऋण की अदायगी सुनिश्चित करने में विफल रहने की वजह से बैंक को 2007 से 2011 के दरम्यान एक हजार करोड़ रुपए से अधिक का घाटा हुआ. यह भी आरोप है कि आरोपियों ने बैंक को लाभ दर्शाने के लिए इसके रिकार्ड और आंकड़ों में हेरफेर की. महाराष्ट्र के पूर्व उप मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजित पवार संबंधित अवधि के दौरान बैंक के निदेशक थे.
जांच आयोग ने जिम्मेदार ठहराया
राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक द्वारा की गई जांच और महाराष्ट्र सहकारी समितियां कानून के तहत अर्द्धशासी न्यायिक जांच आयोग द्वारा दाखिल आरोप पत्र में बैंक को हुए घाटे के लिए अजित पवार और अन्य आरोपियों को जिम्मेदार ठहराया गया है.
सामाजिक कार्यकर्ता ने शिकायत दायर की थी
सामाजिक कार्यकर्ता सुरिन्दर अरोड़ा ने अजित पवार और अन्य के खिलाफ 2015 में आर्थिक अपराध शाखा में शिकायत दायर की थी. इस मामले में प्राथमिकी दर्ज नहीं होने पर उन्होंने अपने वकील एस.बी. तालेकर के माध्यम से उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी.
पूर्व उपमुख्यमंत्री अजित पवार और 70 अन्य के खिलाफ मामला दर्ज
मुंबई पुलिस ने महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक (एमएससीबी) घोटाला मामले में बंबई उच्च न्यायालय के निर्देशों पर बीते 26 अगस्त को एनसीपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री अजित पवार और अन्य पदाधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया. एनसीपी प्रमुख शरद पवार के भतीजे अजित पवार 10 नवंबर 2010 से 26 सितंबर 2014 तक उपमुख्यमंत्री रहे थे.
Supreme Court today declined to entertain the Special Leave Petitions (SLPs) seeking to quash the investigation against NCP leader, Ajit Pawar and other accused, in a Maharashtra Co-operative bank scam. (file pic) pic.twitter.com/Ai0xx0qesJ— ANI (@ANI) September 2, 2019
34 जिलों में बैंक इकाई के अधिकारी शामिल हैं
एक अधिकारी ने बताया था कि अन्य आरोपियों में पीजेंट्स एंड वर्कर्स पार्टी के नेता जयंत पाटिल और राज्य के 34 जिलों में बैंक इकाई के अधिकारी शामिल हैं. एक अधिकारी ने बताया, हमने आर्थिक अपराध शाखा की शिकायत पर एमआरए मार्ग थाने में मामला दर्ज किया है.
इन धाराओं पर मामला दर्ज
पवार पर आईपीसी की धारा 420 (ठगी और बेईमानी), 409 (नौकरशाह या बैंकर, व्यवसायी या एजेंट द्वारा आपराधिक विश्वासहनन), 406 (आपराधिक विश्वासहनन के लिए सजा), 465 (धोखाधड़ी के लिए सजा), 467 (मूल्यवान चीजों की धोखाधड़ी) और 120 बी (आपराधिक षड्यंत्र की सजा)के तहत मामला दर्ज किया गया है.
हाईकोर्ट ने कहा था आरोपियों के खिलाफ ठोस सबूत
हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति एस सी धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति एस के शिंदे की पीठ ने 22 अगस्त को कहा कि मामले में आरोपियों के खिलाफ ठोस साक्ष्य हैं और ईओडब्ल्यू को पांच दिनों के अंदर प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश दिए. एमएससीबी को 2007 और 2011 के बीच एक हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था, जिसमें आरोपियों की मिलीभगत थी.
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