सावरकर होते PM तो नहीं होता पाकिस्तान, मणिशंकर अय्यर को चप्पल से मारता: उद्धव ठाकरे



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आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार 
सितम्बर 17 को कश्मीर मुद्दे पर एक न्यूज़ चैनल पर चर्चा के दौरान एक इतिहासकार ने वामपंथी सुनील चोपड़ा को अड़े हाथों लेते कहा, "तुम कम्युनिस्टों ने कांग्रेस से साठगांठ कर भारत के इतिहास का नाश कर दिया।" ये वही कटु सच्चाई है जिसका वर्णन अक्सर अपने ब्लॉग पर करता रहता हूँ। आज देश का दुर्भाग्य है कि वास्तविक इतिहास के विषय में बोलने वालों को साम्प्रदायिक, फिरकापरस्त, गंगा-यमुना तहजीब के दुश्मन और देश का सौहार्द बिगाड़ने वाले आदि आदि नामों से बदनामी की जाती है। मुग़ल जिन्होंने इतने वर्ष देश को लूटा, हिन्दू सम्राटों के महलों और हिन्दू मन्दिरों को तोडने, हिन्दू पर जजिया, हिन्दू महिलाओं का बलात्कार आदि करने वालों को महान बता दिया और देश के महान हिन्दू सम्राटों की वीरगाथाओं को धूमिल कर दिया। 
वीर सावरकर और सिख गुरुओं ने हिन्दू धर्म की रक्षा के क्या-क्या नहीं सहा, लेकिन कांग्रेस और वामपंथियों ने इन्ही लोगों को इतिहास में निम्न स्थान दिया। नाथूराम गोडसे जिसने देश के एक और विभाजन होने से बचाने के लिए महात्मा गाँधी का वध किया। गोडसे के 150 बयानों पर प्रतिबन्ध लगा, गोडसे को खलनायक और गाँधी को महान बना दिया। क्यों नहीं गोडसे के बयानों को सार्वजनिक होने दिया? अगर होने देते आज महात्मा गाँधी का नाम लेवा कोई नहीं होता।   
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा है कि यदि वीर सावरकर देश के प्रधानमंत्री होते तो पाकिस्तान पैदा ही नहीं होता। साथ ही सावरकर पर कॉन्ग्रेसी नेता मणिशंकर अय्यर की एक पुरानी टिप्पणी को लेकर कहा कि यदि अय्यर सामने होते तो उन्हें चप्पल से मारता। ठाकरे ने मंगलवार (सितंबर 17, 2019) को ‘सावरकर: इकोज फ्राम अ फॉरगाटेन पास्ट” के विमोचन के मौके पर लोगों को संबोधित करते हुए ये बातें कही।
उन्होंने कहा, “हमारी सरकार हिंदुत्व सरकार है और आज मैं उनसे वीर सावरकर के लिए भारत रत्न की भी माँग करता हूँ।” ठाकरे ने कहा, “सावरकर को भारत रत्न सम्मान से नवाजा जाना चाहिए। हम गांधी और नेहरू द्वारा किए गए काम से इनकार नहीं करते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि किसी और ने राष्ट्र के विकास में योगदान नहीं दिया।”

मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो इस दौरान उद्धव ठाकरे ने कहा, “मुझे नेहरू को वीर कहने में गुरेज नहीं होता यदि वह 14 मिनट भी जेल के भीतर सावरकर की तरह रहे होते। सावरकर 14 वर्षों तक जेल में रहे थे।” ठाकरे ने दुख व्यक्त करते हुए ये भी कहा कि सावरकर को जिस जेल में रखा गया था, उसे ‘पिकनिक स्पॉट’ में बदल दिया गया है और यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा, “जेल लोगों के लिए एक पिकनिक स्थल बन गया है। लेकिन, लोगों को यह नहीं पता है कि सावरकर को जेल में अपने दिनों के दौरान क्या दर्द हुआ था।”
इस दौरान शिवसेना प्रमुख राहुल गाँधी पर भी कटाक्ष करने से नहीं चूँके। उन्होंने कहा, “लोकसभा चुनाव के दौरान जब राहुल गाँधी ने सावरकर के खिलाफ बयान दिया, तो मैं पहला व्यक्ति था, जो यह कहता था कि राहुल गाँधी बेकार हैं। कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष गाँधी को इस किताब की प्रति दी जानी चाहिए और उन्हें इसे पढ़ने के लिए कहा जाना चाहिए।”
कॉन्ग्रेस नेता अय्यर पर भी इस दौरान ठाकरे ने तीखे हमले किए। असल में, 2018 में अय्यर ने आरोप लगाया था कि सावरकर ने हिंदुत्व शब्द को उछालकर समाज को धर्म के आधार पर बॉंटने का काम किया था। अय्यर ने कहा था कि देश का बॅंटवारा मोहम्मद अली जिन्ना ने नहीं बल्कि सावरकर की वजह से हुआ था, उन्होंने टू स्टेट थ्योरी दी थी।
उल्लेखनीय है कि इससे पहल शिवसेना प्रमुख राम मंदिर के मद्देनजर भी बड़ा बयान दे चुके हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से कहा था कि जैसे जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाया है, उसी प्रकार अयोध्या में राम मंदिर को बनाने का भी साहस दिखाएँ, क्योंकि राम मंदिर के लिए इंतजार करने का अब कोई मतलब नहीं बनता।

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