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सऊदी के कमर्शियल फ्लाइट से पाक लौटते इमरान ख़ान |
अपनी स्थापना से लेकर आज तक विश्व में जितनी बेइज्जती पाकिस्तान की इमरान खान नियाज़ी के प्रधानमंत्री रहते हो रही है, कभी नहीं हुई, जबकि कश्मीर मुद्दे को हर पाकिस्तानी शासक भुनाता रहा है। ऐसा आभास होता है कि आतंकवाद से अधिक कश्मीर मुद्दा पाकिस्तान के समाप्त होने का कारण बनेगा, आगे भविष्य के गर्भ में क्या छुपा है, कहना कठिन है। क्योकि लगता है इस समय पाकिस्तान के हर शाख पर उल्लू बैठा है, अंजाम ए गुलिस्तां क्या होगा, नज़र आ रहा है।
आपको याद होगा कि ‘यूनाइटेड नेशंस जनरल असेंबली’ में भाग लेने न्यूयॉर्क गए पाकिस्तानी पीएम इमरान ख़ान के फ्लाइट में लौटते वक़्त तकनीकी ख़राबी की ख़बर आई थी, जिसके बाद उन्हें वापस अमेरिका में लैंड कराया गया था। 28 सितम्बर को पाकिस्तान लौट रहे इमरान ख़ान की फ्लाइट की न्यूयॉर्क में इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी थी। 1 सप्ताह के दौरे के लिए वहाँ गए इमरान ख़ान को इसके बाद पूरी रात अमेरिका में ही रुकना पड़ा था। कहा गया था कि फ्लाइट में आई ख़राबी को दूर किए जाने के बाद वह फिर से वापस पाकिस्तान के लिए रवाना होंगे।
जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान के पीएम इमरान खान की दुनिया को बरगलाने की कोशिश नाकाम हो चुकी है। यूएनजीए में जब वो अपनी बात रख रहे थे तो उनके भाषण में शांति के मंच से शांति का शब्द गायब था। वो परमाणु यु्द्ध की धमकी देकर दुनिया को डरा रहे थे। इस बीच पाकिस्तान के एक साप्ताहिक मैगजीन फ्राइडे टाइम्स ने सनसनीखेज खुलासा किया है।
‘फ्राइडे टाइम्स’ के अनुसार, इमरान ख़ान की फ्लाइट को किसी तकनीकी ख़राबी की वजह से नहीं बल्कि सऊदी क्राउन प्रिंस की नाराज़गी के कारण वापस न्यूयॉर्क में लैंड करना पड़ा था। इमरान ख़ान के भाषण में कही गई कुछ बातों से सऊदी प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान इतने ख़फ़ा थे कि उन्होंने तुरंत इमरान सहित पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल को अपने प्राइवेट जेट से निकाल बाहर करने का आदेश दे दिया था।
Saudi crown prince Mohammad bin Salman "visibly snubbed Imran by ordering his private jet to disembowel the Pakistani delegation." https://t.co/pyV937UTbc— Naila Inayat नायला इनायत (@nailainayat) October 5, 2019
हालाँकि, इमरान ख़ान अमेरिका गए तो थे सऊदी क्राउन प्रिंस के स्पेशल जेट से लेकिन वह वापस एक कमर्शियल फ्लाइट से लौटे। इमरान जिस प्लेन से वापस आए, वो भी सऊदी एयरलाइन्स की ही नियमित कमर्शियल फ्लाइट थी। इमरान के साथ पाकिस्तान के विदेश मंत्री भी उनके साथ इसी फ्लाइट से वापस आए। पाकिस्तान ने तब बहाना बनाया था कि इमरान भूकंप से पीड़ित इलाक़ों का जल्द से जल्द दौरा करना चाहते हैं, इसीलिए वह जल्दबाजी में कमर्शियल फ्लाइट से वापस आ रहे हैं।
‘फ्राइडे टाइम्स’ ने लिखा कि संयुक्त राष्ट्र जनरल असेंबली में इमरान ख़ान के सम्बोधन के समय कई कुर्सियाँ खाली थीं, लेकिन फिर भी वापस लौटने पर उनका भव्य स्वागत किया गया। मीडिया पोर्टल ने पूछा कि जब पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र में जोरदार प्रदर्शन किया, फिर पाकिस्तानी स्थायी प्रतिनिधि मलीहा लोदी को इसके तुरंत बाद वापस बुलाने की नौबत क्यों आन पड़ी? इस बात पर भी सवाल खड़े किए गए कि इमरान ख़ान ने जम्मू कश्मीर मसले को ‘इस्लामिक पाकिस्तान बनाम हिन्दू भारत’ के मुद्दे में बदल दिया है।
यूएनजीए में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने बड़ी-बड़ी बातें की थीं। जहाँ एक तरफ उन्होंने दुनिया को परमाणु युद्ध का डर दिखाया था, वहीं दूसरी तरफ भारत के ख़िलाफ़ इस्लामिक राष्ट्रों का समर्थन लेने के लिए पैगम्बर मुहम्मद और इस्लाम पर लम्बा-चौड़ा भाषण दिया था। उन्होंने जम्मू कश्मीर को अंतरराष्ट्रीय मसला बनाने के लिए पूरा जोर लगाया। हालाँकि, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सम्बोधन में एक बार भी इमरान खान नियाज़ी या पाकिस्तान का नाम नहीं लिया था और विकास के अन्य मुद्दों को केंद्र में रखा था।
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