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आम आदमी पार्टी का चुनाओं में प्रदर्शन नोटा से भी ख़राब |
चुनाव आयोग का डाटा बताता है कि NOTA का मत प्रतिशत (वोट शेयर) इन चुनावों के कुल मतों का 0.55% रहा। वहीं आम आदमी पार्टी को केवल 0.45% वोट ही मिले। कम्युनिस्टों की बदहाली का तो ये आलम है कि CPI और CPI(M) को महज़ 0.03% और 0.09% वोट ही मिले।
केजरीवाल की अध्यक्षता वाली आम आदमी पार्टी ने 90 सदस्यों वाली विधानसभा के लिए 46 उम्मीदवार चुनाव में उतारे थे। पार्टी ने कई लोक लुभावन वादे भी किए थे, जिनमें हर परिवार को 20,000 लीटर पानी मुफ्त देने के अलावा सेना की ड्यूटी में जान गँवाने वाले राज्य के हर जवान के परिवारीजनों को राज्य सरकार की ओर से ₹1 करोड़ और हर परिवार को मुफ़्त में 200 यूनिट बिजली देना भी शामिल है। लेकिन नतीजों को देख कर लग रहा है कि जनता पर उनके वादों का कोई ख़ास असर नहीं हुआ, और लोगों ने आप की बजाय NOTA को तरजीह दी।
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चुनाव आयोग की आधिकारिक वेबसाइट से मिले आँकड़े |
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