
दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने अखिलेश पति त्रिपाठी के खिलाफ दोनों मामलों में गैर-जमानती वारंट जारी किया था। कोर्ट की तरफ से यह वारंट अखिलेश पति त्रिपाठी के कोर्ट में नहीं पेश होने पर जारी किया गया था। इस केस में कोर्ट ने शुक्रवार (नवंबर 1, 2019) को सुनवाई की तारीख दी थी। जैसे ही अखिलेश पति त्रिपाठी कोर्ट पहुँचे, पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
विधायक पर आरोप है कि उन्होंने दंगे भड़काने की कोशिश की। जिसमें 20 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। उस वक्त आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने एक डेड बॉडी को रखकर विरोध प्रदर्शन किया था। मामले में दिल्ली पुलिस की तरफ से कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई थी। दंगे फैलाने के मामले मे पुलिस की तरफ से तीन एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसमें गवाहों के अपने बयान से पलट जाने के बाद एक केस मे अखिलेश पति त्रिपाठी को कोर्ट ने बरी कर दिया था।
2013 में दंगा फैलाने के मामले में स्पेशल जज अजय कुमार कुहार की कोर्ट में अभियोजन पक्ष की गवाही होनी थी। लेकिन सुनवाई के दौरान अखिलेश पति त्रिपाठी न तो पेश हुए और न ही उनके वकील की तरफ से पेशी से छूट की माँग की गई।
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