
हर वर्ष दीपावली आने से पूर्व दिल्ली में प्रदुषण ख़राब होने का शोर मचाकर हिन्दुओं द्वारा छोड़े जानी वाली आतिशबाज़ी पर अंकुश लगाने सुप्रीम कोर्ट जाने की दौड़ लग जाती है। सुप्रीम कोर्ट भी ग्रीन आतिशबाज़ी का आदेश देने में संकोच नहीं करता, लेकिन सुप्रीम कोर्ट की दौड़ लगाने वाले बताएं दीपावली के इतने दिन बीत जाने के बाद पुनः प्रदुषण की विकट समस्या क्यों हो रही है?
देश की राजधानी दिल्ली और एनसीआर के इलाकों में प्रदूषण की हालत लगातार 'गंभीर' श्रेणी में बनी हुई है। बीते सप्ताह मामूली राहत के बाद नवम्बर 12 को यहां एक बार फिर से प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगा, जिसकी वजह से लोगों को स्वास्थ्य संबंधी कई तरह की परेशानियां पेश आ रही हैं। प्रदूषण की गंभीरता को देखते हुए यहां 15 नवंबर तक सभी स्कूल बंद कर दिए गए हैं।
अब तो दीपावली भी नहीं
राष्ट्रीय राजधानी में नवम्बर 14 को भी वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 'गंभीर' श्रेणी में बना हुआ है और यहां लगभग हेल्थ इमरजेंसी के हालात बने हुए हैं। हवा में मुख्य प्रदूषक तत्व पीएम 2.5 और पीएम 10 की मात्रा इतने खतरनाक स्तर तक पहुंच गई है कि लोगों को खांसी, आंखों में जलन, सांस व त्वचा से संबंधी परेशानियां बढ़ गई हैं, जबकि पहले से ही अस्थमा और सांस संबंधी अन्य बीमारियों से परेशान मरीजों की हालत बिगड़ सकती है, जिसे देखते हुए उन्हें खास एहतियात बरतने की सलाह दी गई है।
दिल्ली में नवम्बर 14 सुबह भी एक्यूआई का स्तर 472 दर्ज किया गया, जबकि एनसीआर के कई इलाकों में यह 500 के ऊपर पहुंच गया, जो 'बेहद गंभीर' श्रेणी में है। दिल्ली के आईटीओ इलाके में एक्यूआई 474 पर दर्ज किया गया, जो 'गंभीर' श्रेणी का है। वहीं, लोधी रोड इलाके में पीएम 2.5 और पीएम 10 की मात्रा 500 के आसपास दर्ज की गई, जो 'बेहद' गंभीर श्रेणी का है।
Delhi: Air Quality Index (AQI) at 474 (severe) in ITO area, as per Central Pollution Control Board (CPCB) data. pic.twitter.com/akiRNj55VE— ANI (@ANI) November 14, 2019
Delhi: Major pollutants PM 2.5 & PM 10, both at 500 (severe category), in Lodhi Road area, according to the Air Quality Index (AQI) data. pic.twitter.com/MSx8NvEwoW— ANI (@ANI) November 14, 2019
Delhi: A layer of smog blankets the national capital this morning; visuals from Akshardham. pic.twitter.com/hYB1I4QFR9— ANI (@ANI) November 14, 2019
प्रदूषण की गंभीरता को देखते हुए दिल्ली-एनसीआर में जहां 14 और 15 नवंबर को स्कूल बंद कर दिए गए हैं, वहीं दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने संकेत दिए हैं कि आवश्यकता पड़ने पर ऑड-ईवन स्कीम की अवधि बढ़ाई जा सकती है, जो शुक्रवार (15 नवंबर) को समाप्त हो रही है। बीते दो सप्ताह में यह दूसरी बार है जब प्रदूषण के कारण स्कूल बंद किए गए हैं। प्रदूषण के शुक्रवार तक 'गंभीर' श्रेणी में बने रहने के आसार हैं।
दिल्ली-एनसीआर की दम घोंटू हवा और प्रदूषण पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को कड़ी फटकार लगाई. शीर्ष अदालत ने इसके साथ ही केंद्र सरकार को हाइड्रोजन आधारित फ्यूल टेक्नोलॉजी (Hydrogen-based Fuel Technology) खोजने को कहा है, ताकि जानलेवा वायु प्रदूषण का स्तर और असर कम करने के लिए कोई समाधान निकाला जा सके। कोर्ट ने अपने आदेश में ये भी कहा कि जापान ने इसी टेक्नोलॉजी के जरिए प्रदूषण का स्तर कम किया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में केंद्र से 3 दिसंबर तक जवाब मांगा है।
सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण को कम करने में नाकाम रही सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा, 'नई दिल्ली समेत उत्तरी भारत के अन्य हिस्सों में प्रदूषण का स्तर इतना बढ़ चुका है कि लोगों का सांस लेना दूभर है। ऐसे में केंद्र सरकार देखे कि क्या पेट्रोल के बजाय हाइड्रोजन आधारित फ्यूल टेक्नोलॉजी एक समाधान के रूप में कारगर साबित हो सकती है।'
बेंच ने क्या कहा?
प्रधान न्यायाधीश (CJI) रंजन गोगोई की अगुआई वाली बेंच ने कहा, 'प्रदूषण का स्तर कम करने के लिए सरकार ने थोड़े-बहुत निर्णायक प्रयास किए हैं, लेकिन अब समस्या के समाधान के लिए कुछ बड़े उपाय तलाशने होंगे। पूरा उत्तरी भारत... एनसीआर वायु प्रदूषण की समस्या से जूझ रहा है।'
Supreme Court asks Centre to explore Hydrogen based fuel technology to find solution to reduce air pollution in North India & Delhi-NCR. Centre tells SC that it is exploring technology, including from Japan, to tackle air pollution. Centre to submit a report on it by December 3. pic.twitter.com/6J180ppRCS— ANI (@ANI) November 13, 2019
A layer of smog covers #Delhi this morning. Visuals from around Lodhi Road, Akshardham and Sarai Kale Khan. pic.twitter.com/PocONdRr7p— ANI (@ANI) November 13, 2019
कोर्ट में जापान के एक्सपर्ट भी थे मौजूद
सुप्रीम कोर्ट ने जापान के एक्सपर्ट को भी तलब किया था। एक्सपर्ट ने कोर्ट को बताया कि कैसे जापान ने गाड़ियां चलाने के लिए हाइड्रोजन आधारित फ्यूल टेक्नोलॉजी इजाद की, जो प्रदूषण को नियंत्रित करने में बहुत कारगर साबित हुई।
दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बेहद खतरनाक
बता दें कि देश की राजधानी दिल्ली में स्मॉग (Smog) का कहर इस कदर है कि लोग सूरज के दर्शन करने को तरस गए हैं। ऑड-इवन (Odd-Even) हो, पराली जलाने पर रोक या फिर निर्माण को बंद करना सभी कोशिशें अब नाकाम होती नजर आ रही हैं। दिल्ली और नोएडा में खासकर बढ़ता पॉल्यूशन अब लोगों को परेशान कर रहा है।
कितना है एयर क्वालिटी इंडेक्स
बुधवार को दिल्ली के लोधी रोड पर पीएम 2.5 एयर क्वालिटी इंडेक्स में 500 का स्तर छू गया। यह बेहद गंभीर स्थिति है। वहीं, मौसम विभाग (IMD) के अनुसार नवम्बर 13 को दिल्ली में प्रदूषण का स्तर इमरजेंसी जोन में आ सकता है।
मौसम विज्ञानियों ने जताई है चिंता
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव माधवन राजीवन ने ट्वीट किया, 'पूर्वानुमान के मुताबिक हवा की गुणवत्ता 14 नवंबर तक बेहद गंभीर श्रेणी में पहुंचने की आशंका है।' मौसम विशेषज्ञों ने बताया कि न्यूनतम तापमान सामान्य से दो डिग्री कम 11.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विज्ञान विभाग के क्षेत्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि सर्दियों के आगाज के साथ ही, न्यूनतम तापमान में गिरावट से हवा में ठंडक बढ़ गई है और भारीपन आ गया है जिससे प्रदूषक तत्व जमीन के निकट जमा हो रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट के सवालों के बीच अरविंद केजरीवाल ने ऑड-ईवन बढ़ाने के दिए संकेत
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में पीएम 2.5 का स्तर खतरनाक श्रेणी की सीमा के पार चला गया है, और दो दिनों के ब्रेक के बाद ऑड-ईवन एक बार फिर दिल्ली की सड़कों पर लागू है। सवाल ये है कि क्या ऑड-ईवन की तारीख 15 नवंबर के बाद बढ़ाई जाएगी। इस सवाल के जवाब में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जरूरत पड़ने पर बढ़ाया जा सकता है। ये बात अलग है कि इस विषय पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कुछ तीखे सवाल किए।
ऑड-ईवन पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से जवाब तलब किया है। अदालत की तरफ से सवाल था कि इस स्कीम के लागू होने के बाद प्रदूषण के स्तर में कितना बदलाव आया है। इसके साथ ही सीपीसीबी से पिछले साल एक अक्टूबर से 31 दिसबंर के बीच प्रदूषण स्तर के बारे में भी रिपोर्ट मांगा है।
ऑड- ईवन की योजना पर एक वकील संजीव कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी और दिल्ली सरकार के फैसले की आलोचना की थी। उन्होंने कहा था कि जिस तरह से गाड़ियों का बंटवारा किया गया था वो गैरकानूनी है। इस मामले में अदालत में अब 15 नवंबर को सुनवाई होगी।
Supreme Court also asks Delhi government and CPCB (Central Pollution Control Board) to provide Air Quality Index (AQI) data from October 1 to December 31 of the last year. https://t.co/3tE19n5RCz— ANI (@ANI) November 13, 2019
Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal: If required we can extend Odd-Even scheme. pic.twitter.com/vy2JL8qDWn— ANI (@ANI) November 13, 2019
10 अक्टूबर से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में इजाफे पर सीएम अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर पंजाब और हरियाणा में पराली जलाए जाने को जिम्मेदार बताया। उन्होंने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण की समस्या के लिए पराली का जलाया जाना ही जिम्मेदार है।
No comments:
Post a Comment