
भारत की राजधानी दिल्ली में जब निर्भय कांड हुआ था, घोटालों में लिप्त तत्कालीन कांग्रेस समर्थित एनजीओस सड़क पर उतर आये थे, राष्ट्रपति भवन तक पहुँच दरवाजों को झकझोड़ रहे थे, तब भी सरकार ने सख्त कानून का आश्वासन दिया था। जबकि हमारे वर्तमान कानून ही इतने कठोर हैं, दुर्भाग्य से उनका उचित तरीके से पालन नहीं किया जाता।
कभी नेता तो कभी मानवाधिकार अपनी रोटियां सेकने अड़े आ जाते है। लेकिन किसी नेता या कोर्ट ने इन लोगों से पीड़ित और उसके घर वालों के बारे में सोंचने के लिए नहीं बोला, क्यों? विपरीत इसके पीड़ित को ही बदचलन आदि कहकर बदनाम किया जाता रहा है। इसी कारण देश में बलात्कार जैसी अमानवीय घटनाएं धमने का नाम नहीं ले रही। बलात्कारी समस्याओं का एक माह में फैसला आना चाहिए। दूसरे, बलात्कारी को सपरिश्रम उसकी मृत्यु तक जेल में रखा जाना चाहिए।
हैदराबाद (Hyderabad Gangrape murder case) में वेटनरी डॉक्टर के साथ गैंगरेप और मार कर जलाने का मामला संसद में भी गूंजा. शीतकालीन सत्र के सोमवार(दिसंबर 2) को लोकसभा में यह मुद्दा संसद में उठाया गया। साथ ही राज्यसभा में भी मामला गूंजा. लोकसभा में स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि 'देश में जो घटनाएं घट रही हैं, उस पर संसद भी चिंतित हैं। मैंने प्रश्न काल के बाद इस पर चर्चा की अनुमति दी है।'
साइबराबाद रेप और मर्डर पर राजनाथ सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार कठोर से कठोरतम कानून बनाने के लिए तैयार है। इस घटना से हर कोई आहत है। इससे बड़ा अपराध नहीं हो सकता है। कड़े कदम उठाने के लिए जो भी कुछ करना होगा सरकार पीछे नहीं हटेगी। हालांकि केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने तेलंगाना सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि मामले को फास्ट ट्रैक सौंपने में सरकार को तीन दिन लग गए।
वहीं राज्यसभा में सांसद जया बच्चन ने दुष्कर्म के दोषियों को सार्वजनिक सजा देने की बात कही।
समाजवादी पार्टी की राज्य सभा सांसद जया बच्चन ने कहा कि 'मुझे लगता है कि यह समय है जब लोग चाहते हैं कि सरकार उचित और निश्चित जवाब दे।' उन्होंने कहा कि 'इस प्रकार के लोगों (बलात्कार के अभियुक्तों) को सार्वजनिक तौर पर सज़ा देने की जरूरत है।'
इससे पहले राज्यसभा में सभापति वेंकैया नायडू ने कहा कि 'हैदराबाद में जो हुआ वह हमारे समाज और मूल्य प्रणाली के लिए अपमानजनक है। हमें देखना चाहिए कि ऐसी चीजें क्यों हो रही हैं और हमें उपायों की तलाश करनी चाहिए। मैं चाहता हूं कि सभी सुझाव दें।' उन्होंने कहा कि 'बलात्कारियों को कोई दया नहीं दी जानी चाहिए। कोई नया बिल नहीं चाहिए, बल्कि इच्छाशक्ति की आवश्यकता है।'
सदन में कांग्रेस समेत कई दलों ने यह मुद्दा उठाया. कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि 'कोई भी सरकार या नेता नहीं चाहेगा कि ऐसी घटना उनके राज्य में घटित हो। यह समस्या सिर्फ कानून बनाने से हल नहीं हो सकती है। ऐसे कृत्यों को मिटाने के लिए, ऐसे अपराधों के खिलाफ एक साथ खड़े होने की जरूरत है।'
Defence Minister Rajnath Singh in Lok Sabha on rape & murder of woman veterinary doctor: This act has brought shame to the entire country. It has hurt everyone. The accused must be given the most stringent punishment for their crime. pic.twitter.com/5IMzVUlUY9— ANI (@ANI) December 2, 2019
Rajya Sabha Chairman M Venkaiah Naidu on crimes against women: What is required is not a new bill. What is required is political will, administrative skill, change of mindset and then go for kill of the social evil. pic.twitter.com/Em1GDFMusv— ANI (@ANI) December 2, 2019
देश बच्चों और महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं- AIADMK सांसद
AIADMK की राज्य सभा सांसद विजिला सत्यनाथ (Vijila Sathyananth) ने कहा कि 'देश बच्चों और महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं है। इस अपराध को अंजाम देने वाले 4 लोगों को 31 दिसंबर से पहले मौत की सजा दी जानी चाहिए। फास्ट ट्रैक कोर्ट की स्थापना की जानी चाहिए। न्याय में देरी न्याय ना देना होता है।'
कांग्रेस की ही राज्य सभा सांसद अमी याजनिक ने कहा कि 'मैं ज्यूडिशरी,विधायिका, कार्यपालिका और अन्य सभी सिस्टम्स से अपील करती हूं कि वह सामाजिक परिवर्तन के लिए आगे आएं। यह तत्काल प्रभाव से होना चाहिए।'
राज्यसभा में आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि जिस तरह से बलात्कार के मामले सामने आ रहे हैं वो न केवल हम सबको शर्मसार करते हैं बल्कि कुछ सोचने को मजबूर भी करते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को ज्यादा से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे और पर्याप्त प्रकाश की व्यवस्था करनी चाहिए। इस तरह की मानसिकता वालों के खिलाफ भी सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए ताकि दूषित मानसिकता वाले लोगों के दिल में कानून का खौफ हो।
संसद के दोनों सदनों में इस विषय पर चर्चा के बीच बेंगलुरु के पुलिस कमिश्नर भाष्कर राव का कहना है कि बेंगलुरु आने वाली महिलाओं को डरने की जरूरत नहीं है। उन्हें 100 फीसद सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी। अगर कोई महिला पुलिस को कॉल करती है तो सात सेकेंड के अंदर उसे जवाब मिलेगा।
इतने दिन हो गए कोई #not in my name, #award vapsi, #mob lynching और #intolerance आदि बिकाऊ गैंग नहीं बोला।
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